LIFE LOGISTIC: खानपान और रोजमर्रा की आदतें, स्वस्थ रखेगी

770

LIFE LOGISTIC: खानपान और रोजमर्रा की आदतें, स्वस्थ रखेगी

हमारा शरीर एक जटिल मैकेनिज्म है। लेकिन एक खास बात है कि हमारा शरीर से ही हमें सब बीमारियों के लक्षण और उनसे मुक्ति के इलाज के संदेश मिलते हैं। जरूरत है हम अपने खानपान और रोजमर्रा की आदतों पर ध्यान दे।
शारीरिक खूबियों को पहचाने जो कि हम ग्लैमर और भागदौड़ की दुनिया में सब भुलते जा रहे हैं।

पहले के जमाने मे घरेलू इलाज होते थे और ज्यादातर स्वस्थ रहते थे। आज के जमाने में धन दौलत सब है पर अस्वस्थता बनी हुई है। कारण हम सब अपने आप को भूल गए, परंपराओं को भूल गए हैं, ऋषि मुनि के ज्ञान को भूल गए, हमारे बुजुर्गों के दिए तजुर्बे को भूल गए। खानपान इतना बिगाड़ रखा है जिससे अस्वस्थ होने लगे और अस्वस्थ होते से ही केमिकल गोलिया खाना शुरु कर दी, कई डॉक्टरों ने हमारा फायदा उठाना शुरू कर छोटी-छोटी बीमारी की जड़ पर नहीं जाते हुए कमीशन की खातिर जबरन टेस्ट करवाना शुरू कर दिए और उसी अनुसार लंबा इलाज करना शुरू कर दिया। यदि जांच में सत्यता नहीं है तो आप समझ ले कि आप का क्या इलाज हो रहा है।


Read More… Life Logistics: मन भी आपका डॉक्टर, कभी मन की भी सुने 


उनकी तो आय बड़ गई पर आप परेशान हो गए। अभी भी समय है आप अपने रोजमर्रा की जिंदगी सुधारें। रात को जल्दी सोये, सुबह जल्दी उठे, सुबह की सैर करें, योगा एक्सरसाइज या ध्यान करें, भजन भजन उपरांत फलदार और सब्जियों का भरपूर नाश्ता खूब अच्छे से करें। याद रखें बाहरी और फास्ट फूड एवं पैक्ड खाने से बचें। खाने में यह ध्यान रखें कि आपके लिए क्या आवश्यक है दिन का खाना भरपुर खाएं। कोल्ड ड्रिंक के बजाए छाछ लें। शाम को फलदार नाश्ता ले और सूर्यास्त के समय हल्का-फुल्का भोजन करें। हो सके तो रात में ना खाएं और न पानी पिए शरीर में 8 से 12 घंटे का फास्टिंग जरूरी है।


Read More… LIFE LOGISTIC लाइफ लॉजिस्टिक: खुद से प्यार करें, गुण अवगुण का तुलनात्मक रुख ना रखें 


 

खाने में खडे मसाले का उपयोग रखें। तेल, घी, दूध के प्रोडक्ट, नमक और शक्कर कम उपयोग करें। कोई एक ही चीज को ज्यादा ना खाएं। ध्यान रखें खाना पचाने की क्षमता अनुसार ही खाना खाए। कहावत है भूख से आदमी नहीं मरेगा पर ज्यादा खाने से जरूर मरेगा। घर के बड़े बुजुर्गों अनुसार घरेलू इलाज करें और यदि बड़े बुजुर्ग नहीं है तो जहा बड़े बुजुर्ग मिले उनसे सलाह ले। छोटी-छोटी बीमारी में डॉक्टर के पास न जाये। सर्दी, जुखाम, खासी, पेट दर्द, उल्टी दस्त, शुगर ब्लड प्रेशर यह बीमारी नहीं है यह हमारे खानपान और अस्त व्यस्त बिगड़ी हुई अनियमित दिनचर्या से उपजी परेशानियां हैं। इनका इलाज हमारे शरीर स्वयं कर लेगा, आप यह ध्यान रखें कि यह हमें क्यों हुआ।

अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)