खुश और बिंदास रहे BE HAPPY AND BOLD
खुश और बिंदास रहने में ही जीवन की सार्थकता है और जीवन का सही मूल्यांकन है। वैसे तो जीवन सभी के लिए बहुत कठिन है चाहे अमीर या गरीब, पढ़े लिखे या अनपढ़, रूपवान या साधारण, वीआईपी या आम जनता सभी के जीवन में कठिनाई और सुलभता दोनों होती है, कठिनाई को हम आत्मसात कर लेते हैं तो तकलीफ होने लगती है और जब तकलीफ होती है तो हम शारीरिक और मानसिक तौर पर विचलित होकर बीमार हो जाते हैं या टूट जाते हैं।
खुश रहना और बिंदास रहना यह एक ऐसा मंत्र है जिससे आप जीवन के कठिन दौर का भी सामना कर लेते हैं। जो है सो है यदि यह मान ले तो हम हमेशा खुश रहेंगे। अपने आप को बड़ा ना समझे तो छोटा भी ना समझे, हीन भावना अपने में ना आ सके यह ध्यान रखें।
Read More… Life Logistics: गरिष्ठ खाना / सादा खाना
अपने अंदाज में जीना अपने पास जो है उसमें मस्त रहना है यही हमारे बिंदास होने की निशानी है। दूसरों की अमीरी गरीबी, हाव-भाव देखकर हम कभी तुलना अपने आप से न करें, हमारे पास हमारे जीवन का जो आलम है वही एक सुंदर दुनिया है यही सोच कर मस्त रहें। दूसरों से तुलना कभी भी जीने नहीं देती कहावत है “हर सेर पर सवा सेर है और सवा सेर पर पंसेरी”। इसलिए यह का कर मन में संतुष्टि रखें कि “जो कुछ करता है ईश्वर करता है अच्छे के लिए करता है”।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)