
liquor Price Fraud : इंदौर में शराब की कीमत का बड़ा गोरखधंधा, हर बोतल पर ज्यादा वसूली, रेट लिस्ट चस्पा नहीं!
Indore : बाजार में हर वस्तु के दाम तय हैं और उसके रैपर पर दाम भी दर्ज होते हैं। लेकिन, शराब के साथ ऐसा नहीं होता। शराब की बोतल पर भी दाम तो लिखे होते हैं, पर शराब उस कीमत में नहीं मिलती। कम से कम इंदौर में तो ऐसा नहीं होता। आबकारी आयुक्त ने अप्रैल 2025 से प्रदेश की हर शराब दुकान पर शराब की रेट लिस्ट चस्पा करने के निर्देश जारी किए थे।लेकिन, दो महीने बाद भी यह नहीं हुआ! क्योंकि,आबकारी के अफसर नहीं चाहते कि ऐसा हो!
शहर में शराब की कीमतों को लेकर बड़ा भी खुलासा हुआ। आबाकारी विभाग के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर में दो माह में लगभग 1 लाख शराब की पेटियों की बिक्री हुई। एक पेटी में औसतन 50 क्वार्टर होते हैं। यानी कुल मिलाकर दो माह में 50 लाख क्वार्टर बिके। चौंकाने वाली बात यह कि इन क्वार्टर पर प्रति क्वार्टर 15 रुपए अधिक वसूले जा रहे हैं। यानी हर माह करोड़ों रुपए अतिरिक्त वसूली की गई। यह खेल केवल दुकान स्तर पर नहीं, बल्कि आबकारी विभाग की मेहरबानी से पूरे इंदौर जिले में जारी है। क्वार्टर तो उदाहरण है, यही देशी और विदेशी दोनों तरह की शराब में हो रहा है।
शराब के तयशुदा दामों से ज्यादा राशि वसूलने की सैकड़ों शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी दर्ज की गई। लेकिन, अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। माना जा रहा है कि यह गोरखधंधा अप्रैल 2025 से लगातार जारी है। इस कारण ग्राहकों को मजबूरन अधिक दाम पर शराब खरीदनी पड़ रही है। कई दुकानों पर अधिक दाम वसूलने के बाद बिल नहीं दिया जाता। कुछ दुकानदार ग्राहकों को डराने या बहस करने पर शराब देने से मना भी कर देते हैं।
जानकारों का मानना है कि जब तक जिला प्रशासन और आबकारी विभाग मिलकर सख्त कदम नहीं उठाएंगे, तब तक यह गोरखधंधा बंद नहीं होगा। सवाल यह भी उठता है कि जब लगातार शिकायतें मिल रही थीं, तो आबकारी अधिकारी मौन क्यों रहे!

कुछ दुकानों पर दिखावे की कार्रवाई
कलेक्टर के निर्देश पर हाल ही में कुछ दुकानों पर छापे की कार्रवाई जरूर हुई। इनकी संख्या सिर्फ 18 दुकान है। लेकिन, बाणगंगा, महू नाका, राऊ, द्वारकापुरी, कंचनबाग, पलसीकर कॉलोनी आदि क्षेत्र की दुकानों की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी लोगों ने की है। मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों की कहना है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और पता लगाया जाए कि ये किसकी शह पर हो रहा है। ऐसे दोषी अधिकारियों और दुकानदारों पर कार्रवाई की जाना चाहिए
यह मामला केवल अधिक कीमत वसूली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राजस्व हानि और उपभोक्ता शोषण का भी बड़ा उदाहरण है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के प्रभारी जिले इंदौर में इस तरह की अवैध गतिविधियां कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती हैं। हाल ही में जबलपुर में इसी मामले को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है।
बाणगंगा की शराब दुकान पर कार्रवाई कब
बाणगंगा की शराब दुकान में अधिक दाम में बेची जा रही है। इसकी सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की जा चुकी है,लेकिन इस दुकान पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। साथ ही इस दुकान को रहवासियों के विरोध के बाद हटाने के आदेश भी जारी हो चुके है,लेकिन अभी तक इसे हटाने की भी कार्रवाई नहीं हुई।

आबकारी आयुक्त के आदेश को भी नहीं माना
जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल से शराब दुकानों पर लिस्ट चस्पा करना था। लेकिन, सहायक आबकारी आयुक्त ने आज तक लिस्ट चस्पा नहीं करवाई। क्या अभी तक जिन्होंने अधिक दाम देकर शराब खरीदी, उनका पैसे लौटाया जाएगा। रेट लिस्ट नहीं लगने के कारण अधिक दाम में शराब बिक्री का चल रहा था खेल। साथ ही यह आबकारी आयुक्त के आदेश का भी सरासर उल्लंघन है। यदि आबकारी आयुक्त के आदेश का पालन नहीं होना था, तो फिर इन निर्देशों का क्या मतलब!





