20 फ़ीसदी रेट बढ़ाए तो लिकर सिंडिकेट ने शुरू कर दी बारगेनिंग

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भोपाल. राजधानी सहित पूरे प्रदेश की शराब दुकानों की नीलामी में महंगाई का पेंच फंस गया है। बताया जा रहा है कि आबकारी विभाग ने नए वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूर्व की अपेक्षा करीब 20 फीसदी तक शराब दुकानों के दाम बढ़ा दिए हैं। इससे उनके अनुसार अपेक्षित या तय मूल्यों के आधार पर शराब दुकानों की नीलामी नहीं हो पा रही है।

नए वित्तीय वर्ष (2022-23) में भोपाल जिले की 33 ग्रुपों की करीब 92 शराब दुकानों के दाम आबकारी विभाग ने करीब 20 फीसदी बढ़ा दिए हैं। ऐसे में शहर के बड़े ग्रुप अरेरा कॉलोनी, न्यू मार्केट, कोलार, एमपी नगर सहित पुराने शहर की बड़ी दुकानों अब तक नहीं बिक पाई हैं। जबकि, पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष में 15 फीसदी शराब दुकानों के रेट बढ़ाकर सिंगल ग्रुप को ठेका दिया गया था। ऐसे में कोरोना काल के दौरान अचानक शराब दुकानों के दाम बढ़ने के कारण शहर में अब भी 22 ग्रुपों की शराब दुकानों के खरीदार नहीं पाए हैं।

जिले में 33 ग्रुपों में से 11 ग्रुपों की ही दुकानें सेल हो गई हैं। बची हुई शराब दुकानों को बेचने के लिए आबकारी विभाग एक बार फिर से नीलामी करेगा। बताया जा रहा है नए वित्तीय वर्ष के लिए राजधानी की सभी 33 ग्रुपों की शराब दुकानों के लिए आबकारी विभाग ने 1057 करोड़ रुपए का रिजर्व प्राइस रखा गया है। जबकि, चालू वित्तीय वर्ष में 780 करोड़ रुपए में सिंगल ग्रुप को ठेके दिए गए हैं।

छोटे-छोटे ग्रुपों की दुकानें एक बार में ही बिकी
भोपाल जिले में इस बार यानी नए वित्तीय वर्ष 2022-23 में छोटे-छोटे ग्रुपों में शराब दुकानों की ही बोली लगाई गई है। शहर की 92 शराब दुकानों में मात्र 32 को लेने के लिए कारोबारी आगे आए। इसमें भी सिर्फ छोटे ग्रुप की दुकानों को लेने की होड़ ठेकेदारों में दिखी। बीते दिनों 11 ग्रुपों की दुकानें बिकने पर विभाग को मात्र सवा 300 करोड़ का राजस्व ही शासन को प्राप्त हो सका। यह टोटल रिजर्व प्राइस का 26 फीसदी है।