राजस्थान दौरें पर रहें अमित शाह,सभा में नारे बाजी से भड़कें, बोलें लाल डायरी में हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काले कारनामे

नारे लगाने से कुछ होने वाला नहीं, शर्म है तो इस्तीफा देकर चुनाव लड़ो

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राजस्थान दौरें पर रहें अमित शाह,सभा में नारे बाजी से भड़कें, बोलें लाल डायरी में हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काले कारनामे

गोपेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट

 

नई दिल्ली।केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह आज शनिवार को सवाई माधोपुर से अलग होकर बने नए गंगापुर सिटी जिले के घड़ी गांव में इफको की ओर से आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बहुत बरसे। उन्होंने लाल डायरी का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हैं काले कारनामे हैं।

 

सभा में नारे बाजी से भड़कते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत पर सीधे प्रहार करते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं राजनीति नहीं करना चाहता लेकिन लाल डायरी में हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काले कारनामे लेकिन और चंद लोगों  को सभा में भेजकर नारे लगाने से कुछ होने वाला नहीं है। शाह ने कहा कि अगर शर्म बची है तो उन्हें इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में आना चाहिए। उन्होंने व्यंग कसा कि मैंने इफको चेयरमैन दिलीप संगानी से कहा था कि मुझे जो फोल्डर लाल भेजा है,उसे मत रखना इससे सीएम गहलोत नाराज हो जाएंगे।

 

अमित शाह ने लोगों से अपील की कि जिस प्रकार से 2019 में राजस्थान में सभी 25 सीटें भाजपा को दी थी उसी तरह से 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए 25 सीटें झोली में डालनी है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले वर्ष 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और इस चुनाव में भाजपा को भरपूर सहयोग करना है और गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए सभी को तैयार रहना है। उन्होंने लोगों को हाथों पर उठाकर अपने पक्ष में समर्थन कराने के नारे भी लगवाए।

 

अमित शाह ने सीएम गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह किसानों को बिजली नहीं दे सकते ।प्रदेश में बिजली का संकट है। उन्होंने कहा कि यहां बिजली का उत्पादन तो होता नहीं है लेकिन महंगी बिजली खरीदने में भी घोटाला होता है। शाह ने चंद्रयान -3 की चर्चा करते हुए चुटकी लेते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने समय रहते चंद्रयान को बढ़ाया होता और सहकारिता मंत्रालय बनाया होता तो आज नारे लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने नारा लगाने वाले लोगों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कुछ देर में थक जाएंगे और चले जाएंगे।

 

शाह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया है जबकि मोदी जी ने किसानों का बजट 22 हजार करोड़ से बढ़ाकर सवा लाख करोड़ पर किया है।

 

अमित शाह ने सभा में मौजूद दोसा की सांसद जसकौर मीणा,टोंक सवाई माधोपुर के सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, धौलपुर करौली के सांसद मनोज राजोरिया और राज्यसभा के सदस्य डॉ किरोड़ी लाल मीणा का जब परिचय कराया । साथ ही चारों को टोका और कहा कि खड़े होकर लोगों को राम-राम कीजिए।

 

इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से केंद्र सरकार ने किसानों की जिंदगी को बदला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सहकारिता के विभाग के माध्यम से किसानों की जिंदगी को बदलने का काम किया है।

 

बिरला ने कहा कि अब किसान बिना ब्याज के अपने फसलों के लिए ऋण ले सकता है। उन्होंने कहा कि गुजरात में किसान को खुली छूट दे रखी है कि जितना चाहे बिना ब्याज के ऋण प्राप्त कर ले। गुजरात में अमूल दूध डेयरी ने लोगों की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया है।

 

उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में भी गुजरात जैसी सुविधाएं देने के लिए निश्चित तौर पर कांग्रेस की सरकार को बदलना ही पड़ेगा।