

Living Will / Advance Healthcare Directive: क्या आपने बनाई है अपनी मेडिकल वसीयत?बहुत जरुरी है यह भी!
महेश बंसल
मेडिकल वसीयत एक कानूनी दस्तावेज़ है, जिसमें आप अपनी भविष्य की चिकित्सा देखभाल से जुड़ी इच्छाएँ लिख सकते हैं, खासकर तब के लिए जब आप गंभीर रूप से बीमार या घायल हो जाते हैं, तथा खुद निर्णय लेने की स्थिति में न हों।
मेडिकल वसीयत क्या होती है, कैसे बनाते है, यह जानने के पूर्व वरिष्ठ महिलाओं से हुई क्षणिक मुलाकात का संस्मरण साझा कर रहा हूं।
आकस्मिक रूप से अपरिचित व्यक्तियों से क्षणिक वार्तालाप भी बहुत बड़ी सीख दे देता है… यह अनुभव परिजनों को रेल्वे स्टेशन छोड़ते समय हुआ। परिजन महाकाल, ओंकारेश्वर व महेश्वर दर्शन करने के पश्चात वापस लौट रहे थे.. साथ वाली सीट पर अहमदाबाद से आई महिलाएं भी इन्हीं स्थानों के दर्शन के पश्चात वापसी कर रही थी .. अतः स्वाभाविक संवाद होने लगा।
बातचीत में ज्ञात हुआ कि आठ महिलाओं का यह समूह चार दिन के आध्यात्मिक शिविर में सम्मिलित होने हेतु इंदौर आया था, शिविर का शुल्क 15000 ₹ प्रति व्यक्ति था। शिविर समाप्त होने के पश्चात दोनों ज्योतिर्लिंग , महेश्वर , खजराना गणेश मंदिर सहित शापिंग मॉल, 56 दुकान व सराफा का भी भ्रमण कर मौज-मस्ती की।
यह बात इंदौर उज्जैन आने वाले पर्यटकों के लिए सामान्य बात है.. लेकिन विशेष बात थी उन महिलाओं की उम्र … 70-75 की उम्र से 82 साल तक की महिलाओं का वह एकाकी समूह था। कोई पुरुष साथ में नहीं था। सात महिलाओं के पति दिवंगत हो गए थे.. एक के साथ पति व एक के साथ बेटा रहता था , शेष 6 अकेले रहती थी, बच्चें विदेश या देश में नौकरी के कारण अन्यत्र रहते थे ।
उम्र में वरिष्ठता संग विचारों में सकारात्मकता का अद्भुत संगम था यह समूह । दस मिनट की क्षणिक मुलाकात उपस्थिति सह-यात्रियों सहित मुझे अभिभूत कर गई । उन्होंने कहा कि –
1- जीवन साथी को कभी न कभी अकेला होना ही पड़ता है अतः दोनों को एक दूसरे के आधारभूत कार्य सीख लेना चाहिए। जैसे बैंक, खाना बनाना इत्यादि।
2- संपत्ति व इन्वेस्टमेंट की जानकारी एक दूसरे को होना चाहिए।
3- तकलीफ़, बिछोह प्रत्येक के जीवन में आता है.. रोकर अथवा हंसते हुए शेष जीवन बिताना अपने हाथ में रहता है। हम तो ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि तकलीफ़ को भी हंसते हंसते सहन करने की शक्ति प्रदान करते रहना।
4- संपत्ति की वसीयत तो बनाना चाहिए लेकिन एक वसीयत मेडिकल की भी बनाना चाहिए। यदि आप को भविष्य में डायलेसिस , वेंटिलेटर की आवश्यकता रहें तो मेडिकल वसीयत में आप लिख सकते है कि मुझे एक सप्ताह से अधिक वेंटिलेटर पर नहीं रखा जाए अथवा इतनी अवधि तक ही डायलेसिस किया जाए । ऐसा लिख देने से आपके बच्चों पर रिश्तेदारों का दबाव नहीं रहेगा। मेडिकल वसीयत डाक्टर /वकील /गवाह के हस्ताक्षर की औपचारिकता पूर्ण कर हर कोई बना सकता है।
5- ठिठौली के अंदाज में कहा कि कुछ लोग मानते हैं कि यदि पति-पत्नी साथ रहते है तो वह संयुक्त परिवार है, बेटे के साथ एकल व यदि बेटे की पत्नी भी साथ है तो संयुक्त परिवार।
निश्चित ही उन महिलाओं की क्रियाशीलता, जानकारी एवं क्रियान्वयन हमारे लिए प्रेरणादायक है । जिस मेडिकल वसीयत का जिक्र इन महिलाओं ने किया था, उसके बारे में ही प्रारूप सहित आगे का आलेख केन्द्रित है।
वसीयत बनाने के प्रति जागरूकता कोरोना काल के पश्चात आई है । मृत्यु पश्चात संपत्ति का बंटवारा परिवार में आपकी इच्छा से हो जाए , तथा मृत्यु पश्चात उत्तराधिकारी को नामांतरण में परेशानी न हो, उत्तराधिकारीयों में विवाद न हो, इस हेतु वसीयतनामा बनाया जाता है, जिसका क्रियान्वयन मृत्यु पश्चात ही होता है। लेकिन एक वसीयतनामा मृत्यु पूर्व क्रियान्वयन के उद्देश्य से भी बनाया जाता है, जिसे आम भाषा में मेडिकल वसीयत (Living Will) कहा जाता है। मेडिकल वसीयत से आम लोग परिचित नहीं है, संभव है आपको भी इसकी जानकारी नहीं हो ।
आप अपनी मेडिकल वसीयत में यह बता सकते हैं कि क्या आपको जीवन रक्षक उपचार चाहिए या नहीं, जैसे कि कृत्रिम श्वसन, रक्त , या अन्य चिकित्सीय प्रक्रियाएं। मेडीकल वसीयत में स्वयं निर्णय लेने में अक्षम होने की स्थिति में निर्णय लेने हेतु किसी व्यक्ति को हेल्थकेयर पावर ऑफ अटॉर्नी नामांकित कर सकते है। नामांकित व्यक्ति आपके निर्णय लेने की अक्षमता के समय मेडिकल आवश्यकताओं के संदर्भ में निर्णय ले सकेगा। इस वसीयत से आपके परिवार तथा चिकित्सा पेशेवर को यह पता होता है कि आपकी इच्छाओं के अनुसार आपकी देखभाल किस तरह की जाएं।
नीचे एक सामान्य प्रारूप दिया गया है जिसे आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार संशोधित कर सकते हैं। इसे कानूनी रूप से वैध बनाने के लिए किसी वकील से परामर्श करें और इसे नोटरीकृत या गवाहों के हस्ताक्षर के साथ प्रमाणित करें।
मेडिकल वसीयत … Living Will / Advance Healthcare Directive
मैं, [आपका पूरा नाम], पुत्र/पुत्री [माता-पिता का नाम], निवासी [आपका पता], यह घोषणा करता/करती हूँ कि यदि भविष्य में मैं किसी गंभीर चिकित्सा स्थिति, कोमा, या ऐसी अवस्था में पहुँच जाता/जाती हूँ जहाँ मैं अपने उपचार से संबंधित निर्णय लेने में असमर्थ हो जाऊँ, तो मेरी निम्नलिखित इच्छाएँ मानी जाएँ:
1- जीवन-समर्थन प्रणाली (Life Support System)
यदि मेरी चिकित्सा स्थिति अपरिवर्तनीय (irreversible) या टर्मिनल (terminal) हो जाती है, तो मैं जीवन-समर्थन प्रणाली (वेंटिलेटर, कृत्रिम पोषण, हृदय पुनर्जीवन आदि) को जारी रखने की अनुमति नहीं देता/देती।
यदि डॉक्टरों का मानना हो कि मैं कभी ठीक नहीं हो सकता/सकती, तो जीवन को कृत्रिम रूप से बढ़ाने वाले उपचार बंद किए जाएं।
2- दर्द प्रबंधन और देखभाल
मैं चाहता/चाहती हूँ कि मुझे अधिकतम आराम और दर्द से राहत देने वाला उपचार दिया जाए, भले ही इससे मेरी मृत्यु जल्दी हो सकती हो।
मैं इच्छुक हूँ कि मुझे किसी प्रकार की असहनीय पीड़ा से बचाने के लिए उचित औषधियाँ दी जाएँ।
3- अंगदान (Organ Donation) [यदि इच्छुक हों]
मेरी मृत्यु के पश्चात, मैं अपने अंगों (जैसे हृदय, गुर्दा, यकृत, नेत्र आदि) को जरूरतमंदों को दान करने की अनुमति देता/देती हूँ।
4- प्रतिनिधि नियुक्ति (Healthcare Proxy) यदि कोई नामित करना चाहें
यदि मैं स्वयं निर्णय लेने में असमर्थ हूँ, तो मैं [नाम, पता, और संबंध] को मेरा स्वास्थ्य संबंधी प्रतिनिधि नियुक्त करता/करती हूँ। वे मेरी इच्छाओं के अनुरूप निर्णय लेंगे।
5- अंतिम क्रियाएं (Final Dispositions)
मेरी मृत्यु के बाद, मैं चाहता/चाहती हूँ कि मेरा अंतिम संस्कार [दाह संस्कार/दफन] के रूप में किया जाए।
मेरी धार्मिक और पारिवारिक मान्यताओं का सम्मान किया जाए।
यह मेडिकल वसीयत मैंने अपनी पूर्ण समझ और बिना किसी दबाव के बनाई है।
हस्ताक्षर:
[आपका नाम]
[तारीख]
[स्थान]
गवाह 1:
नाम: _____
पता: _____
हस्ताक्षर: _____
गवाह 2:
नाम: _____
पता: _____
हस्ताक्षर: _____
इस प्रकार मेडिकल वसीयत बनाकर गंभीर रोगग्रस्त व निर्णय लेने में अक्षम होने पर भी अपनी इच्छानुसार इलाज करा सकते है। परिवारजनों के लिए भी दुविधा की स्थिति नहीं रहेगी, वे भी आपकी इच्छा का सम्मान करते हुए आपका उचित इलाज करवा सकेंगे।
महेश बंसल
इंदौर
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