Lokayukt Trap : मेडिकल क्लेम के बिल की राशि के बदले ₹15 हजार रिश्वत लेते लोकायुक्त ने अकाउंटेंट को पकड़ा!

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Lokayukt Trap : मेडिकल क्लेम के बिल की राशि के बदले ₹15 हजार रिश्वत लेते लोकायुक्त ने अकाउंटेंट को पकड़ा!

जानिए, पूरा मामला कि आखिर क्या हुआ!

Burhanpur : प्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ रहे हैं। इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज नहीं आ रहे। ताजा मामला प्रदेश के बुरहानपुर का है, जहां जिला अस्पताल के अकाउंटेंट को लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते पकड़ा है।

बुरहानपुर जिला अस्पताल में पदस्थ अकाउंटेंट राधेश्याम चौहान को इंदौर लोकायुक्त की टीम ने 15 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। रिश्वतखोर राधेश्याम चौहान ने जिला अस्पताल के ही निलंबित अकाउंटेंट अशोक पठारे से 20 हजार रूपए की रिश्वत की मांग की थी। फरियादी अशोक पठारे के मुताबिक उसके मेडिकल क्लेम की राशि के भुगतान के एवज में उससे रिश्वत मांगी जा रही थी और वो पूर्व में 5 हजार रूपए जिला अस्पताल अकाउंटेंट राधेश्याम चौहान को दे चुका था।

सीएमएचओ बुरहानपुर डॉ राजेश सिसौदिया ने बताया कि विभाग को पत्र मिलने कार्रवाई होगी। लोकायुक्त की टीम द्वारा कार्रवाई किए जाने की जानकारी मिली है। विभाग से पत्र मिलने पर आगे निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

लोकायुक्त इंदौर के निरीक्षक राहुल गजभिये ने बताया लेखापाल राधेश्याम चौहान ने सहायक ग्रेड तीन कर्मचारी अशोक पठारे से मेडिकल बिल आहरण करने के ऐवज में 20 हजार रूपए रिश्वत मांगी गई। इसकी शिकायत लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय को मिलने पर उन्होंने शिकायत का सत्यापन कराया। इसके बाद टीम का गठन किया। आज आरोपी राधेश्याम चौहान को 15 हजार रूपए रिश्वत लेते उनके कार्यालय से पकड़ा गया। यहां से सर्किट हाउस ले जाकर बयान दर्ज कर केस बनाया गया।

शिकायतकर्ता अशोक पठारे बुरहानपुर जिला अस्पताल में ही पदस्थ हैं, लेकिन निलंबित होने के कारण उन्हें विभाग ने अलीराजपुर में अटैच कर रखा है। उन्होंने बताया मेरा हार्ट का ऑपरेशन होने पर उपचार इंदौर में चल रहा था। करीब पौने दो लाख के बिल थे। इसमें से 1.33 लाख का बिल निकाल दिए थे, लेकिन बाकी राशि के लिए पहले कहा कि बजट नहीं आया है फिर 20 हजार रूपए की मांग की।

अस्पताल घोटाले में नाम आने पर निलंबन

लोकायुक्त को शिकायत करने वाले अशोक पठारे की पदस्थापना वैसे तो बुरहानपुर जिला अस्पताल में ही है, लेकिन उन्हें विभाग ने अलीराजपुर में अटैच कर रखा है। 2022 में जिला अस्पताल में करोड़ों का घोटाला हुआ था इसमें पठारे का नाम भी सामने आया था। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय अलीराजपुर है। पठारे पर उस समय केस दर्ज किया गया था।

सिविल सर्जन खुद लोकायुक्त ट्रेप में फंसे

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन के बाबू को लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा है। इसी कार्यालय में सिविल सर्जन के पद पर प्रदीप कुमार मोजेश पदस्थ हैं उनके खिलाफ भी लोकायुक्त की टीम ने होशंगाबाद में कार्रवाई की थी। इसके बाद उनका तबादला बुरहानपुर कर दिया गया था तब से वह बुरहानपुर में पदस्थ हैं। अब उनके ही कार्यकाल में एक कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने का मामला सामने आया है।