Lokayukta Trap : शिवपुरी में महिला बाल विकास की सुपरवाइजर को लोकायुक्त ने 20 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा!

आंगनबाड़ी सहायिका बनाने के एवज में 1 लाख 80 हजार मांगे, 20 हजार एडवांस के लिए, पर पकड़ाई!

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Lokayukta Trap : शिवपुरी में महिला बाल विकास की सुपरवाइजर को लोकायुक्त ने 20 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा!

 

Shivpuri : यहां के नरवर में रिश्वतखोरी का मामला सामने आया। आंगनवाड़ी सहायिका की भर्ती के लिए महिला सुपरवाइजर ने 1.80 लाख की रिश्वत मांगी। लोकायुक्त ने शिकायत और रिकॉर्डिंग के आधार पर 20 हजार रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्रवाई की है। महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर अनीता श्रीवास्तव को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। पर्यवेक्षक अनीता श्रीवास्तव ने एक युवती से आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नौकरी देने के नाम पर 1,80,000 रुपए की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने इसकी रिकॉर्डिंग लोकायुक्त में पेश की थी।

जिले के अटा बीरपुर में एक आंगनवाड़ी में पद खाली था। अटा निवासी शिशुपाल जाटव ने बताया कि उनकी बहन ने इस पद के लिए आवेदन किया था। कुछ दिन बाद पर्यवेक्षक अनीता ने फोन आया। उन्होंने बताया कि उसका नाम चयन सूची में दूसरे नंबर पर है। लेकिन, वह कुछ पैसा देती है तो उसकी नौकरी पक्की हो जाएगी। इसके बाद शिशुपाल अनीता से व्यक्तिगत रूप से मिला। पर्यवेक्षक ने 1.80 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। बातचीत के बाद सौदा डेढ़ लाख रुपए में तय हुआ।

20 हजार रिश्वत लेते पकड़ा
शिकायतकर्ता ने सौदा तय करने के दौरान मोबाइल की रिकॉर्डिंग को ऑन किया था। उसने पूरी बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया। फिर इसकी शिकायत शिशुपाल जाटव ने ग्वालियर लोकायुक्त में कर दी। उसकी रिकॉर्डिंग भी पेश की। जांच में मामला सही पाए जाने पर लोकायुक्त ने कार्रवाई की। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने मंगलवार को आरोपी को पकड़ने के लिए ट्रैप कार्रवाई की। पूर्व से तय डील के अनुसार जैसे ही शिशुपाल ने पर्यवेक्षक को 20 हजार रुपए दिए। वहां मौजूद टीम पहुंची और अनीता को रंगे हाथों पकड़ लिया। रिश्वत की रकम उसके हाथ से बरामद की गई।