Loksabha Election-BJP’s List: सिंधिया और शिवराज को पुरानी सीटें! 6 सांसद OUT, विधानसभा चुनाव हारे 5 नेताओं को टिकट!

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Loksabha Elections BJP’s List: सिंधिया और शिवराज को पुरानी सीटें! 6 सांसद OUT, विधानसभा चुनाव हारे 5 नेताओं को टिकट!

हेमंत पाल की त्वरित टिप्पणी

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में 29 सीटों में से 24 उम्मीदवारों के नाम है। अभी 5 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा को रोक दिया गया। ये सीटें हैं इंदौर, उज्जैन, धार, छिंदवाड़ा और बालाघाट। माना जा रहा है कि यहां चेहरों में बदलाव होगा। चौंकाने वाला नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराजसिंह चौहान का रहा, जिन्हें क्रमशः गुना और विदिशा सीट से सिंधिया को मैदान में उतारा गया है। ये दोनों पहले इन लोकसभा सीटों से सांसद रहे हैं। दोनों नेताओं की राजनीतिक शुरुआत भी इन्हीं सीटों से हुई थी, उन्हें फिर वहीं से टिकट दिया गया।
विधानसभा चुनाव में हारे दो सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह को फिर लोकसभा का टिकट दिया गया। घोषित 24 सीटों में 11 सांसदों के टिकट बदले गए हैं।

2019 के लोकसभा चुनावों में 29 में से 28 जगह भाजपा ने जीत दर्ज की थी। छिंदवाड़ा अकेली सीट थी, जहां से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। गुना से पिछला चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर हार गए थे। उन्हें हराने वाले भाजपा के केपी यादव का टिकट इस बार काटकर पार्टी ने फिर सिंधिया को मौका दिया। वैसे भी गुना सीट सिंधिया परिवार की पुश्तैनी सीट रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद भी इस सीट पर तीन बार सांसद रहे। वे कुछ महीनों से जिस तरह गुना में सक्रियता दिखा रहे थे, तय माना जा रहा था कि वे यहां से चुनाव लड़ेंगे।

शिवराज सिंह चौहान को विदिशा लोकसभा से उम्मीदवार बनाने के लिए यहां से सांसद रमाकांत भार्गव को हाशिए पर डाल दिया गया। इसका सीधा इशारा है कि शिवराज सिंह अब प्रदेश की राजनीति से हटकर केंद्र की राजनीति करेंगे।
जिन 6 सांसदों के टिकट काटे गए वे हैं विदिशा से रमाकांत भार्गव, गुना से केपी यादव, भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर, रतलाम-झाबुआ सीट से जीएस डामोर, सागर से राजबहादुर सिंह और ग्वालियर से विवेक शेजवलकर। इस लिस्ट में 5 ऐसे भी उम्मीदवार हैं, जो विधानसभा चुनाव नहीं जीत सके थे, पर उन्हें लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया। इनमें फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह के अलावा भारत सिंह कुशवाह, आलोक शर्मा और राहुल लोधी हैं जिन्हें इस बार विधानसभा का टिकट नहीं दिया था और दमोह से वे उपचुनाव हार गए थे।

घोषित 24 सीटों में 13 सांसदों को फिर टिकट मिला, जबकि 11 सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया गया। जिन पांच सांसदों ने विधानसभा का चुनाव जीता था, उन सीटों पर सभी नए चेहरे उतारे गए। इसी तरह 6 सांसदों के टिकट काटे गए और इस तरह ये संख्या 11 हुई। जिन 5 सीटों के लिए अभी टिकट की घोषणा नहीं हुई, वहां भी कयास लगाए जा रहे कि यहां भी नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। यदि यह हुआ तो 29 में से 16 नए चेहरे होंगे जो आधे से ज्यादा हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा फिर खजुराहो से ही चुनाव लड़ेंगे। विधानसभा चुनाव हारे केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को मंडला और गणेश सिंह को सतना से फिर उम्मीदवारी दी गई। विधानसभा का चुनाव हारे उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी को दमोह से लोकसभा का टिकट दिया गया। मध्य प्रदेश में भाजपा ने इंदौर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, धार और उज्जैन सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए। अनुमान है कि इन सीटों पर मौजूदा सांसदों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।

चौंकाने वाला बदलाव भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर का टिकट कटना रहा। वे अपने कार्यकाल में बयानों के कारण विवादों में रही। उनकी बयानबाजी से केंद्रीय नेतृत्व भी नाराज था। उन्होंने संसद भवन में नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त करार दिया था। जिसकी न केवल विपक्ष ने आलोचना की, बल्कि प्रज्ञा ठाकुर को भी रक्षा संबंधी कमेटी से हटा दिया था। उन्हें पार्टी की संसदीय दल की बैठक में भी हिस्सा नहीं लेने दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कड़े शब्दों में उनके बयान की निंदा करते हुए कहा था कि प्रज्ञा ने भले ही माफी मान ली हो, लेकिन मैं दिल से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाउंगा।