Loksabha Elections: केरल से लोकसभा में पहली बार कमल खिलेगा,मोदी ने दिया 10 सीटों का लक्ष्य

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Loksabha Elections: केरल से लोकसभा में पहली बार कमल खिलेगा,मोदी ने दिया 10 सीटों का लक्ष्य

 

तिरुवनंतपुरम से सुदेश गौड़ की विशेष ग्राउंड रिपोर्ट 

वामदलों और कांग्रेस के गढ़ रहे केरल में पैठ बनाने के साथ ही 10 सीट जीतने की मंशा जता कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष की नींद उड़ा दी है। 400 पार के नारे को अमली जामा पहनाने के लिए भाजपा ने केरल में कमल खिलाने के लिए कमर कसकर तैयारी भी शुरू कर दी है।

केरल की सभी बीस लोकसभा सीटों पर द्वितीय चरण यानी 26 अप्रैल को मतदान होना है। इसके लिए राज्य की 20 लोकसभा सीटों में से 12 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा पहली सूची में ही कर दी थी ताकि उन्हें जमीनी जनसंपर्क के लिए अधिक समय मिल सके।

केरल के जनसांख्यिकीय परिदृश्य को देखते हुए भाजपा ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को भी मैदान में उतारा है।भाजपा अब तक इस राज्य में कोई खास जगह नहीं बना सकी है। 2016 की राज्य विधानसभा में ओ. राजगोपाल भारतीय जनता पार्टी के पहले निर्वाचित प्रतिनिधि थे। केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे राजगोपाल नेमोम क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह लक्ष्य यूं ही नहीं तय कर दिया है। आंकड़े बताते हैं कि भाजपा नीत राजग को 2014 में 10.33 फीसदी मत मिले थे जो 2019 में बढ़कर 15 फीसदी हो गए थे। लोकसभा में कांग्रेस नीत यूडीएफ के 18 सांसद हैं और 2 सांसद एलडीएफ के हैं।

 

*अल्पसंख्यकों को साधने का प्रयास* 

विशेष रूप से अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय तक पहुंच पर ठोस ध्यान देने के साथ, पार्टी का लक्ष्य अन्य दक्षिणी राज्यों में भी पैर जमाना है। केरल में मुस्लिम और ईसाई आबादी की बहुलता भाजपा के लिए हमेशा कठिन चुनौती रही है। भारत की 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, केरल की 54.73% आबादी हिंदू है, 26.56% मुस्लिम हैं, 18.38% ईसाई हैं। केरल में हिंदू धर्मावलंबियों की संख्या 1901 में लगभग 69 प्रतिशत थी जो 2011 में घटकर 55 प्रतिशत से कम हो गई थी, जो 11 दशकों में 14 प्रतिशत से अधिक की हानि दर्शाती है।

 *केरल में भाजपा का कुनबा बढ़ा* 

भाजपा विभिन्न मतदाता वर्गों को आकर्षित करने के अपने प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। एक रणनीतिक कदम के तहत, भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी और केरल के अनुभवी राजनेता पीसी जॉर्ज जैसी प्रमुख ईसाई हस्तियों को भाजपा में शामिल कर लिया है। दिवंगत कांग्रेस नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल के हाल ही में भाजपा में शामिल होने का भी महिला मतदाताओं पर प्रभाव पड़ने की आशा है।

 

*मोदी की नजर केरल पर* 

केरल में जमीन तलाशने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केरल की लगातार यात्राएं भी हो रही हैं जिसमें मुख्य रूप से विकास के एजेंडे पर जोर दिया जा रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च की सुबह केरल के पलक्कड़ शहर में रोड शो किया था, जिसमें हजारों की संख्या में मौजूद भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह और उमंग का संचार हुआ। भाजपा के लोकसभा चुनाव अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी का एक सप्ताह के भीतर दो बार केरल दौरा था। उन्होंने 15 मार्च को पठानमथिट्टा में भाजपा की एक रैली को संबोधित किया था।भाजपा नेताओं ने कहा कि मोदी अप्रैल में पार्टी के प्रमुख उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए फिर से केरल आएंगे।

इस साल जनवरी के पहले हफ्ते में अपनी बहुचर्चित लक्षद्वीप यात्रा के तुरंत बाद त्रिशूर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रोड शो किया था और फिर उसके बाद महिलाओं की एक विशाल रैली में हिस्सा लिया था। इसके साथ ही भाजपा ने राज्य में चुनावी बिगुल बजा दिया था।

 

*भाजपा के संभावित इक्के* 

अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए, भाजपा ने लोकप्रिय अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी, कांग्रेस के पूर्व नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी के साथ रणनीतिक रूप से दो केंद्रीय मंत्रियों, राजीव चंद्रशेखर और वी मुरलीधरन को मैदान में उतारा है। केरल में भी पार्टी का प्रचार नारा, ‘मोदी की गारंटी’, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता पर जोर दिया जा रहा है। गोपी, मुरलीधरन और राजीव चंद्रशेखर क्रमशः त्रिशूर, अटिंगल और तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे, जबकि अनिल एंटनी को पथानामथिट्टा निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है।

 

तिरुवनंतपुरम में ऑटो चलाने वाले त्रिशूल निवासी धनंजय का कहना है कि गोपी ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने पिछली बार त्रिशूर से चुनाव लड़ा था और पार्टी के वोट शेयर को तीन गुना करने में कामयाब रहे थे। अलेप्पी के बोट राइस रेस्तरां के रिसेप्शन पर काम करने वाले आदिनाथ बताते हैं कि पिछले चुनाव में अट्टिंगल और तिरुवनंतपुरम में भी भाजपा के वोट शेयर में बढ़ोतरी देखी गई थी। लंबे समय से कांग्रेस और वामदलों के एकाधिकार के कारण जनता बदलाव के मूड में दिखती है।

 

वहीं भाजपा की तैयारियों को “नौटंकी” करार देते हुए कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदान कहते हैं कि यह भगवा पार्टी में “राजनीतिक रूप से लड़ाई लड़ने के लिए आत्मविश्वास की कमी” का संकेत देता है इसलिए वे अन्य दलों के लोगों के पीछे भाग रहे हैं। सीपीआई समर्थक राजमंगलम मानते हैं कि है कि प्रधानमंत्री ने राज्य की लगातार यात्राएं तो की हैं और कुछ परियोजनाओं की घोषणा भी की, लेकिन जनता को लाभ पहुंचाने के लिए कुछ खास नहीं किया है। उनकी यात्राएं केवल प्रचार के लिए हैं। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल के भाजपा में शामिल होने से भाकपा नेता खुश हैं। वे मानते हैं कि पद्मजा के जाने से कांग्रेस पर जनता के विश्वास कम हुआ है।इसका एलडीएफ को इससे फायदा होगा। वहीं कांग्रेस नेता पद्मजा के जाने को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं। लेकिन उन्हें आशा है कि वे इससे उबर जाएंगे क्योंकि करुणाकरण के बेटे के. मुरलीधरन ने त्रिशूर से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। ये भाजपा के सुरेश‌ गोपी लिए एक कड़ा जवाब होंगे।

 

*राहुल फिर वायनाड से मैदान में* 

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की करारी हार के बीच वायनाड लोकसभा क्षेत्र से राहुल गांधी को जरूर कुछ राहत मिली थी। वह वायनाड से भाकपा के पीपी सुनीर को 4,31,770 मतों से हरा कर विजयी घोषित हुए थे। राहुल गांधी को कुल 7,06,367 वोट, सुनीर को 2,74,597 वोट और तीसरे नंबर पर रहे बीडीजेएस के तुषार वेल्लापल्ली को 78,816 वोट मिले थे। वर्ष 2014 में, वायनाड लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के एमआई शानवास का निर्वाचन हुआ। उन्हें 377035 वोट मिले थे। उन्होंने भाकपा के सत्यन मुकेरी को 20870 वोटों से हराया था।

 

*इंडी गठबंधन आमने-सामने* 

 

दिलचस्प बात यह है कि इस बार, वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में लड़ाई राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा से मुकाबला करने के लिए गठित तथाकथित इंडी गठबंधन के दो सहयोगियों के बीच है। आगामी चुनावों में वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में राहुल गांधी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाकपा की एनी राजा हैं, जो नई दिल्ली में वामपंथ का एक प्रमुख महिला चेहरा भी हैं। एनी राजा नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन की महासचिव हैं। वे सीपीआई के वर्तमान महासचिव डी राजा की पत्नी है।