Maasai Tribe : तंजानिया की मसाई जनजाति निहत्थे ही शेर का शिकार करने में पारंगत!

अलीराजपुर से अनिल तंवर की उल्लेखनीय जानकारी 

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Maasai Tribe : तंजानिया की मसाई जनजाति निहत्थे ही शेर का शिकार करने में पारंगत!

Alirajpur : जनजातियां आमतौर पर बहादुर होती है, क्योंकि उन्हें विपरीत परिस्थितियों में खूंखार जंगली पशुओं के बीच घने जंगलों में रहना होता है। इन्हीं में से एक जनजाति है मसाई जो अफ्रीका के तंजानिया में बसी है। पूरी दुनिया में विकास हो रहा है, किन्तु आज भी कई जनजातियां हजारों सालों से अपनी पुरातन परंपरा को कायम रखते हुए जंगलों में जीवन यापन कर रही है।

भारतीय मूल के रत्नेश पाण्डेय यूँ तो बनारस के निवासी हैं, किन्तु जियो फिजिक्स में स्नातकोत्तर डिग्री के साथ भूगर्भ वैज्ञानिक के रूप में तंजानिया में पिछले 12 सालों से काम कर रहे हैं। इन दिनों रत्नेश पाण्डेय भारत आए हैं। उन्होंने बताया कि तंजानिया में 3 पुरातन जनजाति मसाई, माकोन्डेय और मनाती ख़ास है। यह आज भी हजारों साल पुराने आदिम तौर तरीके से जीवन यापन कर रही है।

जनजातियां मुख्य रूप से गाय पालते। हैं जब कभी जंगली पशु जैसे शेर, चीते या अन्य जानवर इनकी गायों पर हमले करते हैं, तो ये उन्हें बचाने के लिए निहत्थे ही जंगली जानवरों से भीड़ जाते हैं। ये बहादुर इतने होते हैं कि बगैर हथियार के भी ये शेर, चीते जैसे खतरनाक जानवरों मार डालते हैं।

मसाई जनजाति एक बहादुर कौम है। यदि ये भूख से पीड़ित होते हैं, तो शेर द्वारा किए शिकार भी उनसे छीन लेने की ताकत रखते हैं। प्राय: जंगल में मसाई जनजाति के योद्धा ही जंगली शेरों पर नजर रखते हैं। जब कोई शेर या शेरों का समूह किसी जंगली भैंस, जिराफ, हाथी आदि का शिकार करता है, तो मसाई योद्धा उन शेरों को भगा देते हैं और शेरों के उस निवाले को उठा ले जाते हैं। ये अपने समुदाय में उसका बंटवारा कर देते हैं।