‘मेड इन इंडिया’ हर भारतवासी की आवाज बने…

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‘मेड इन इंडिया’ हर भारतवासी की आवाज बने…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि के एक दिन पहले 21 सितंबर 2025 को राष्ट्र को संबोधित किया। संबोधन का मूल विषय ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स’ था। 22 सितंबर 2025 से भारत जीएसटी के नए दौर में प्रवेश कर रहा है। अब जीएसटी की केवल दो दरें 5% और 18% रहेंगी। और बिहार चुनाव से पहले एनडीए सरकार का यह कदम, बहुत बड़ी उपलब्धि के रूप में जन-जन को लुभाएगा। अकेले बिहार से ही नहीं बल्कि पूरे भारत से एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स पर अपनी पीठ थपथपाने का हक जताएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स’ से शुरू कर अपनी बात को ‘स्वदेशी’ तक पहुंचाया। और ‘स्वदेशी’ की मंजिल तक पहुंचने के लिए ‘एमएसएमई’, ‘लघु’ एवं ‘कुटीर’ उद्योग को महत्वपूर्ण माध्यम बताया है। मोदी का पूरा ध्यान ‘मेड इन इंडिया’ पर था और विकसित भारत की राह में हर भारतवासी से उनकी अपील ‘मेड इन इंडिया’ को आत्मसात करने की रही। और इस बात में कोई दोराह नहीं है कि यदि हम विकसित भारत का सपना देख रहे हैं तो हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प पूर्ण करना ही होगा। ऐसे में हर भारतवासी की आवाज ‘मेड इन इंडिया’ को बनाना ही होगा।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह आदत है कि वह अपनी उपलब्धि को जन-जन तक पहुंचाने में उतनी ही मेहनत करते हैं जितनी उपलब्धि हासिल करने में करते हैं। नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स को लागू करने का दिन उन्होंने नवरात्रि के पहले दिन को चुना। और नवरात्रि के एक दिन पहले शुभकामनाएं देते हुए मोदी नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स की बात करते हुए भारत के हर घर में पहुंच गए। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन से देश आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक और महत्वपूर्ण और बड़ा कदम उठा रहा है। नवरात्रि के प्रथम दिवस 22 सितंबर को सूर्योदय के साथ ही, नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स लागू हो जाएंगे। एक तरह से कल से देश में जीएसटी बचत उत्सव शुरू होने जा रहा है। इस जीएसटी बचत उत्सव में आपकी बचत बढ़ेगी, और आप अपनी पसंद की चीजों को और ज्यादा आसानी से खरीद पाएंगे। हमारे देश के गरीब, मध्यमवर्गीय लोग, नियो मिडिल क्लास, युवा, किसान, महिलाएं, दुकानदार, व्यापारी, उद्यमी, सभी को ये बचत उत्सव का बहुत फायदा होगा। यानी, त्योहारों के इस मौसम में सबका मुंह मीठा होगा, देश के हर परिवार की खुशिया बढ़ेंगी। मैं देश के कोटि-कोटि परिवारजनों को नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स की और इस बचत उत्सव की बहुत- बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। ये रिफॉर्म, भारत की ग्रोथ स्टोरी को और आसान बनाएंगे, निवेश को और आकर्षक बनाएंगे, और हर राज्य को विकास की दौड़ में बराबरी का साथी बनाएंगे।

 

इसके बाद मोदी ने 2017 से जीएसटी रिफॉर्म की बात शुरू करते हुए आमजन को यह अहसास करा दिया कि सिर्फ उनकी सोच के चलते आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म संभव हो पाया। हालांकि यह भी जोड़ा कि ये केंद्र और राज्यों के प्रयासों का नतीजा था कि देश दर्जनों टैक्सों के जाल से मुक्त हुआ और पूरे देश के लिए एक जैसी व्यवस्था बनी। वन नेशन-वन टैक्स का सपना साकार हुआ। वास्तव में इस बदलाव में मोदी आखिरी दौर तक वन मैन आर्मी बनकर डटे रहे थे, यह सबने देखा है। और अब नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स विकसित भारत की ओर मोदी के एक और बड़े कदम के रूप में सबके सामने है। मोदी ने बताया कि पिछले 11 साल में देश में 25 करोड़ लोगों के गरीबी से बाहर निकलकर एक बहुत बड़ा समूह नियो मिडिल क्लास बनकर बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। तो इस साल सरकार द्वारा 12 लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स फ्री करके एक और बड़ा उपहार दिया है। इससे गरीब को, नियो मिडिल क्लास को, मिडिल क्लास को एक तरह से डबल बोनान्जा मिल रहा है। अगर हम इनकम टैक्स में छूट और जीएसटी में छूट को जोड़ दें, तो एक साल में जो निर्णय हुए हैं, उससे देश के लोगों को ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत होगी। इन तथ्यों के जरिए मोदी ने साबित किया कि ये बचत उत्सव है। यह एनडीए सरकार का नागरिक देवो भव: का मूल मंत्र है।

और इसके बाद मोदी मूल मुद्दे पर आए और कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलना ही होगा। और भारत को आत्मनिर्भर बनाने का बहुत बड़ा दायित्व हमारे एमएसएमई, यानी हमारे लघु, मध्यम और कुटीर उद्योगों पर भी है। जो देश के लोगों की जरूरत का है, जो हम देश में ही बना सकते हैं, वो हमें देश में ही बनाना चाहिए। अपने तथ्यों की पुष्टि की, कि देश की स्वतंत्रता को जैसे स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली, वैसे ही देश की समृद्धि को भी स्वदेशी के मंत्र से ही शक्ति मिलेगी। गर्व से कहो ये स्वदेशी है, गर्व से कहो, मैं स्वदेशी खरीदता हूं, मैं स्वदेशी सामान की बिक्री भी करता हूं, ये हर भारतीय का मिजाज़ बनना चाहिए। जब ये होगा, तो भारत तेज़ी से विकसित होगा। मेरा आज सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह है, आत्मनिर्भर भारत के इस अभियान के साथ, स्वदेशी के इस अभियान के साथ, अपने राज्यों में मैन्यूफैक्चरिंग को गति दें, पूरी ऊर्जा से, पूरे उत्साह से जुड़ें। निवेश के लिए माहौल बढ़ाएं, जब केंद्र और राज्य मिलकर आगे बढ़ेंगे तो आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा, भारत का हर राज्य विकसित होगा, भारत विकसित होगा।

तो स्वदेशी यानि ‘मेड इन इंडिया’ आज वास्तव में भारत की सबसे बड़ी जरूरत है। ट्रंप ने भारत को कई मुद्दों पर आईना दिखाकर यह सबक ही सिखाया है कि आत्मनिर्भर नहीं बन पाए तो आज नहीं तो कल मुंह की खानी ही पड़ेगी। हमारा पड़ोसी देश चीन इस मामले में आदर्श राष्ट्र बनकर दुनिया के सामने है। और यही सच है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक स्वदेशी का मंत्र ही आत्मनिर्भर भारत का मूल आधार है। ऐसे में आज सही समय है कि ‘मेड इन इंडिया’ हर भारतवासी की आवाज बने… और भारत आत्मनिर्भरता से लेकर विकसित भारत की यात्रा सफलतापूर्वक तय करे।

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।