
गर्वित करता मध्यप्रदेश…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
कोई कोई दिन ऐसा होता है जब एक से ज्यादा महत्वपूर्ण विषय मन को गर्व से भर देते हैं। जून माह का अंतिम रविवार यानि 29 जून 2025 एक ऐसा ही दिन माना जा सकता है। मध्य प्रदेश की बात करें तो राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुबान पर आया बालाघाट की सुमा दीदी का नाम प्रदेश वासियों को गर्व से भर गया। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निवेश को लेकर किए जा रहे प्रयास रंग ला रहे हैं।मध्यप्रदेश में निवेश आकर्षित करने की उनकी पहल सूरत में रंग लाई जहां निवेशकों से 15,710 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों के फलीभूत होने पर 11,250 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। जून के अंतिम रविवार को तीसरा महत्वपूर्ण विषय जिसने गर्व से भर दिया वह डिजिटल इंदौर बनने की शुरुआत है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के प्रयास इंदौर को स्वच्छ, हरित, सोलर और डिजिटल इंदौर बनाने के रूप में फलीभूत हो रहे हैं। तो इस रविवार आदिवासियों के हित में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कि वह पहल भी सुकून देने वाली है जिसमें इस वर्ग के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए देवास डीएफओ को हटाया गया है। और विभागीय मंत्री विजय शाह हाल-चाल जानने के लिए खुद आदिवासियों के बीच पहुंचे। और अंत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का मुख्यमंत्री को लिखा गया वह पत्र भी राहत दे रहा है जिसमें मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने का सुझाव दिया गया है।
तो आज सबसे पहले बात करते हैं बालाघाट की सूमा दीदी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जून को मन की बात कार्यक्रम में बालाघाट जिले के कटंगी विकासखंड के ग्राम भजियापार की सुमा दीदी के काम की सराहना की है। सुमा उईके परंपरागत रीतिरिवाज में जीवन यापन करती थीं और ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है। पर पहले मशरूम उत्पादन किया, फिर जनपद पंचायत कटंगी परिसर में दीदी कैंटीन संचालन किया। कैंटीन से प्रतिमाह सुमा दीदी को लगभग 8000 रुपये की आय होने लगी। उसने अपने समूह की ही एक सदस्य को रोजगार दिया। जिससे उस सदस्य को भी प्रतिमाह 3000 का रोजगार प्राप्त हुआ। फिर उन्होंने थर्मल थैरेपी सेंटर प्रारंभ करने का ठान लिया। उन्हें 06 लाख रुपए का मुद्रा लोन स्वीकृत किया गया था। जिससे उसे प्रतिमाह 11 हजार रुपये की आमदनी होने लगी। यहां भी एक बेरोजगार प्रशिक्षित युवती को रोजगार उपलब्ध करवाया। तो सुमा उइके ने पिछड़े ग्राम में रहकर एक नया मुकाम हासिल किया है और वह अन्य समूह की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मध्यप्रदेश में निवेश अवसरों पर सूरत (गुजरात) में इन्टरैक्टिव सेशन में शामिल हुए। उन्होंने मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम का एक कार्यालय अहमदाबाद में आरंभ करने की घोषणा की। तो मध्यप्रदेश में निवेश आकर्षित करने की पहल सूरत में रंग लाई जहां निवेशकों से 15,710 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव हुए हैं। इन प्रस्तावों के फलीभूत होने पर 11,250 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवाचारों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश की 39 प्रतिशत कृषि विकास दर, विभिन्न उद्योगों के लिए आवश्यक स्किल्स से युक्त मानव संसाधन और पर्याप्त खनिज उपलब्धता राज्य को सभी सेक्टर्स के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
और बात अब इंदौर की। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव का संकल्प है कि इंदौर को केवल स्वच्छ ही नहीं, बल्कि हरित, डिजिटल और सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भर शहर के रूप में विकसित किया जाए। और देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब डिजिटल सिटी की दिशा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में रविवार को वार्ड 82 स्थित सुदामा नगर से “डिजिटल प्लेट प्रोजेक्ट” की ऐतिहासिक शुरुआत की गई। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक घर के बाहर एक डिजिटल प्लेट लगाई जाएगी, जिसमें जीपीएस आधारित यूनिक डिजिटल पता, स्वच्छता रेटिंग, नागरिक सेवाओं से संबंधित जानकारी एवं क्यूआर कोड शामिल होगा। इस कोड को स्कैन कर संपत्ति से जुड़ी सभी जानकारियाँ मोबाइल पर प्राप्त की जा सकेंगी। महापौर भार्गव ने कहा कि हमने इंदौर को स्वच्छ, हरित और सोलर युक्त शहर बनाने की दिशा में कई कार्य किए हैं। अब डिजिटल प्लेट के साथ हम डिजिटल इंदौर की नींव भी रख रहे हैं। यह प्रयास इंदौर को वैश्विक स्मार्ट शहरों की सूची में स्थापित करने में मदद करेगा। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव का यह नवाचार इंदौर को देश का पहला डिजिटल शहर बनाने वाला है यह मुकाम मध्य प्रदेश को गर्व करने का एक और अवसर दे रहा है।
और देवास जिले में आदिवासी परिवारों को घरों से बेदखल करने के बाद उपजे विवाद का पटाक्षेप कर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संवेदनशीलता दिखाई है।आदिवासियों को वन क्षेत्र की जमीन से हटाने की कार्यवाही पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और आदिवासी भाईयों की बात से सहमत होकर उन्होंने रविवार को सीहोर वन मंडल के वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) मगन सिंह डाबर को हटा दिया है। उनकी जगह लघुवानोपज संघ की उप वन संरक्षक अर्चना पटेल को सीहोर डीएफओ बनाया गया है। मध्य प्रदेश के खिवनी अभयारण्य में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया था। वन विभाग द्वारा 23 जून को आदिवासियों के 51 कच्चे मकानों को ढहाने के बाद आदिवासी समुदाय में आक्रोश फैल गया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय मंत्री विजय शाह को स्थिति संभालने के लिए खिवनी भेजा। सीएम मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार गरीबों के साथ है और खिवनी मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन को ऐसी व्यवस्था बनाने को कहा गया है, जिसमें संवेदनशीलता बरती जाए।
और अंत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए की गई कोशिश पर बात करते हैं। पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर ध्यान आकर्षित किया है कि सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) की ताजा रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि देश भर में 2013 से 2022 के बीच शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 में 40 से घटकर 26 पर आ गई, वहीं मध्य प्रदेश में हम 2013 के 53 से 2022 में सिर्फ 40 तक ही पहुंच पाए हैं। तो उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया है कि 2022 में जब प्रदेश में कुल 547 स्वास्थ्य केंद्र (52 जिला, 161 सिविल और 348 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) थे, तो केवल 120 अस्पतालों में ही सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा क्यों थी? क्या बाकी अस्पताल सिर्फ नाम के लिए खड़े हैं, या फिर वे सिर्फ “रेफरल” सेंटर बनकर रह गए हैं? यह दोनों मुद्दे भी प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य हित में महत्वपूर्ण हैं। तो यह भी महत्वपूर्ण है कि शिशु मृत्यु दर 53 से 40 प्रति हजार होकर हमें गर्व करने का अवसर दे रही है…।





