

वास्तविक निवेश फ्रेंडली स्टेट साबित हो मध्यप्रदेश…
कौशल किशोर चतुर्वेद
वह दो दिन करीब आ रहे हैं, जब 24-25 फरवरी को आयोजित होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में करेंगे। यह समिट मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ड्रीम समिट है। रीजनल इंडस्ट्रीज कांक्लेव से ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट तक डॉ. मोहन यादव की तेरह महीने की मेहनत और विजन की यह परीक्षा है। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की सफलता मध्यप्रदेश के लिए इतिहास रचने वाली साबित होगी। साथ ही मध्यप्रदेश के इस नए औद्योगिक युग की साक्षी बनेगी। जीआईएस-2025 के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यही भरोसा जताया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का कर्टेन रेज़र केवल एक औपचारिक कार्यक्रम न होकर संभावनाओं से भरपूर, सशक्त और समृद्ध मध्यप्रदेश की एक झलक थी। हमारे निवेश के 3डी मॉडल को आज दुनिया भर के उद्योग जगत ने सराहा है। यह मॉडल निवेशकों की ड्राइव, प्रदेश के डेवलपमेंट और हमारी डिटरमिनेशन का प्रतीक है। हम निवेशकों के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाकर मध्यप्रदेश को नवाचार और औद्योगिक क्रांति का केंद्र बनाने की दिशा में निरंतर कार्यरत रहेंगे। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि मध्यप्रदेश आगे बढ़ते हुए एक इंडस्ट्री रेडी स्टेट बन रहा है। हमने सभी सेक्टर के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में हर सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं मौजूद है। यहां नर्मदा, ताप्ती आदि नदियों की अपार जल राशि है, निरंतर बिजली उपलब्ध है, वन संपदा है, सड़कों, रेलवे और वायु मार्ग का अच्छा नेटवर्क है और उद्योगों को बड़ी रियायतें हैं। मुख्यमंत्री ने आगामी 24 एवं 25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में झीलों, पहाड़ों और वन संपदा से युक्त सुंदर भोपाल शहर में आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अधिक से अधिक निवेश करें और इन तारीखों को अविस्मरणीय बनाएं।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के कर्टन-रेज़र कार्यक्रम में विभिन्न देशों के राजदूतों ने मध्यप्रदेश को संभावनाओं से भरपूर निवेश गंतव्य बताते हुए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जताई। ऑस्ट्रेलिया के राजदूत ने शिक्षा, कृषि और कौशल विकास में सहयोग को प्राथमिकता देने की बात कही, जबकि मैक्सिको के राजदूत ने प्रदेश की नीतियों की सराहना करते हुए निवेश संभावनाओं पर सकारात्मक रुख प्रकट किया। अलबानिया के राजदूत ने शहरी नियोजन के क्षेत्र में अपनी रुचि व्यक्त की, वहीं जिम्बाब्वे के राजदूत ने कृषि क्षेत्र में साझेदारी को लेकर उत्साह दिखाया। स्लोवेनिया के राजदूत ने पर्यटन क्षेत्र में निवेश और सहयोग की संभावनाओं को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। विभिन्न देशों की रुचि इस बात का प्रमाण है कि मध्यप्रदेश अपनी रणनीतिक नीतियों, सुदृढ़ अधोसंरचना और निवेश-अनुकूल वातावरण के कारण वैश्विक निवेशकों का पसंदीदा स्थान बन रहा है।
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और जापान जैसे विकसित राष्ट्र पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल हो रहे हैं। यह वैश्विक प्रतिनिधित्व मध्यप्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश के बढ़ते अवसरों को दर्शाता है। तो सीआईआई नॉर्दर्न रीजन के चेयरमैन और जेके सीमेंट के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ माधवकृष्ण सिंघानिया की यह बात दिल को छूती है कि प्रदेश में उच्चस्तरीय अधोसंरचना, सुव्यवस्थित प्रशासनिक प्रक्रिया और उद्योग-अनुकूल नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। विभिन्न सेक्टर-फोकस्ड नीतियों के माध्यम से सरकार निवेशकों की आवश्यकताओं के अनुसार सुधार कर रही है, जिससे मध्य प्रदेश एक वास्तविक निवेश-फ्रेंडली राज्य के रूप में उभर रहा है। यही उम्मीद है कि मध्य प्रदेश एक वास्तविक निवेश-फ्रेंडली राज्य के रूप में उभरकर देश-दुनिया के मानचित्र पर अपना विशेष स्थान बनाए…।