Mahakal Temple Development Scheme Presentation This Evening Before CM : सिंहस्थ 2028 में मंदिर और आसपास का क्षेत्र एक नए रूप में दिखाई देगा

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Mahakal Temple : सिंहस्थ 2028 में मंदिर और आसपास का क्षेत्र एक नए रूप में दिखाई देगा

Mahakal Temple : सिंहस्थ 2028 में मंदिर और आसपास का क्षेत्र एक नए रूप में दिखाई देगा

Bhopal : उज्जैन के महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार काशी विश्वनाथ मंदिर की तरह किए जाने की योजना है। इस योजना का प्रेजेंटेशन आज मुख्यमंत्री के सामने जिला प्रशासन करेगा। महाकाल मंदिर का विकास जारी है, पर इस योजना में अब कुछ बदलाव किए जाने की जानकारी मिली है। परियोजना पूरी होने के बाद सिंहस्थ 2028 में मंदिर और आसपास का क्षेत्र एक नए रूप में दिखाई देगा। मंदिर का वर्तमान क्षेत्रफल भी 10 गुना बड़ा हो जाएगा। लेकिन, मुख्यमंत्री की घोषणा महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण से विस्थापितों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार योजना के लिए शुरू में 730 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। इसमें से 368 करोड़ के निर्माण कार्य चल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक राशि में बढ़ोतरी की जा सकती है। योजना के तहत भारतीय संस्कृति एवं महाकाल से जुड़ी हुई कथाएं, परंपराएं, मान्यताएं आदि का अंकन इस पूरे परिसर में इस तरह से किया जाएगा कि तीर्थ-यात्रियों को अलौकिक अनुभव प्राप्त हो। त्रिवेणी संग्रहालय से महाकालेश्वर मंदिर तक जाने वाले पाथ-वे पर 108 स्तंभ बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक स्तंभ पर धार्मिक परंपरा इतिहास से जुड़ी हुई कथाओं का अंकन होगा।

अगले दो साल बाद भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों को महाकालेश्वर मंदिर को पहचान पाना मुश्किल होगा। मंदिर और आसपास का पूरा दृश्य बदला हुआ नजर आएगा। मंदिर का क्षेत्रफल भी वर्तमान से करीब 10 गुना बड़ा हो जाएगा। विकास परियोजना के पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे जोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्प्लेक्स, गणेश स्कूल कॉम्प्लेक्स, पार्किंग, धर्मशाला, प्रवचन हॉल व अन्नक्षेत्र का निर्माण होगा। दूसरे चरण में महाराजवाड़ा, रुद्रसागर जीर्णोद्धार, छोटा रुद्रसागर लेक फ्रंट, रामघाट का सौन्दर्यीकरण, पार्किंग, पर्यटन सूचना केंद्र, हरिफाटक ब्रिज का चौड़ीकरण, रेलवे अंडरपास, रुद्रसागर पर पैदल पुल, महाकाल द्वार, बेगमबाग मार्ग का विकास, रुद्रसागर पश्चिमी मार्ग और महाकाल पहुंच मार्ग का विकास किया जाएगा।

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अधिकारियों के मुताबिक, विकास कार्यों से जुड़ी योजनाओं के नाम उज्जैन की संस्कृति और पंरपरा के नाम पर रखे जाने की योजना है। ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को उज्जैन की प्राचीनता और गौरवशाली इतिहास की भी जानकारी हो। यह भी कहा गया कि देश-विदेश में जहां भी अनुकरणीय कार्य हुए हों, उन्हें परियोजना में शामिल करें।

महाकाल मंदिर के सामने 11 भवन हटेंगे
महाकाल मंदिर परिसर के सामने 70 मीटर तक विस्तार किया जाएगा। इसमें 11 भवनों का अधिग्रहण किया गया है। इस क्षेत्र में बैठने एवं लैंडस्केपिंग व पैदल मार्ग प्रस्तावित है। सुगम मन्दिर पहुंच मार्ग के तहत त्रिवेणी संग्रहालय से हरसिद्धि मार्ग, भगतसिंह मार्ग, हरिफाटक ब्रिज से महाकाल चौराहा, बेगमबाग रोड, सरस्वती शिशु मन्दिर के समानांतर मार्ग, महाकाल चौराहे से महाकाल मन्दिर, महाकाल थाना से बड़ा गणेश नवीन मार्ग, बड़ा गणेश मन्दिर रोड, नृसिंह घाट के समानांतर नूतन स्कूल तक नवीन मार्ग, हरसिद्धि मन्दिर से भगतसिंह मार्ग का चौड़ीकरण एवं नवीन मार्ग प्रस्तावित है।

दीवार में कलाकृति उकेरी जाएंगी
महाकाल कॉरिडोर 200 मीटर लंबा होगा। इसमें श्रद्धालु पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचेंगे। इसके अलावा 25 ऊंची 500 मीटर लंबी दीवार बनाई जाएगी। दीवारों पर कलाकृतियां उकेरी जाएंगी। महाकाल विकास क्षेत्र में भगवान शिव के 108 रूपों की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। कमल तालाब, ओपन एयर थिएटर और लेक फ्रंट एरिया में ई-रिक्शा से पर्यटक घूम सकेंगे।

मिड-वे जोन में फूड कोर्ट, लेक-व्यू रेस्टोरेंट, लेक फ्रंट डेवलपमेंट, जनसुविधाएं, टॉवर सहित निगरानी एवं नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की जा रही है। महाकाल थीम पार्क में भगवान महाकालेश्वर की कथाओं से युक्त म्यूरल वॉल, सप्त सागर के लिए डेक एरिया और डेक के नीचे शॉपिंग एरिया बनेगा। पर्यटकों के लिए त्रिवेणी संग्रहालय के पास पार्किंग की सुविधा रहेगी। इसी क्षेत्र में धर्मशाला व अन्नक्षेत्र भी प्रस्तावित है।

महाराजवाड़ा परिसर संरक्षित होगा
मृदा प्रोजेक्ट दूसरे चरण में महाराजवाड़ा परिसर हेरिटेज के रूप में संरक्षित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक भवन का उपयोग कुंभ संग्रहालय के रूप में और पुराने अवशेषों के लिए स्थान निश्चित होगा। यहां बनने वाले सांस्कृतिक हाट में उज्जैन की संस्कृति की झलक मिलेगी। रामघाट पर सिंहस्थ थीम आधारित डायनेमिक लाइट शो के माध्यम से लोगों को महाकुंभ के बारे में बताया जाएगा।

शिप्रा नदी से जुड़ेगा रुद्र सागर
छोटा रूद्र सागर लेकफ्रंट विकास योजना के तहत लैंडस्केपिंग, मनोरंजन केन्द्र, वैदिक वाटिका एवं योग केन्द्र, मंत्रध्वनि स्थल व पार्किंग का विकास होगा। रूद्र सागर को शिप्रा नदी से जोड़ा जाएगा। जयसिंहपुरा के समीप रेलवे अण्डरपास का निर्माण होगा, ताकि सिंहस्थ महाकुंभ के समय लोगों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और रेल यातायात प्रभावित नहीं हो। बेगमबाग क्षेत्र का विकास एवं सौन्दर्यीकरण होगा। रूद्र सागर पर 210 मीटर लम्बा पैदल पुल बनाया जाएगा, जो पीएचई की पानी की टंकी से महाकाल थीम पार्क को जोड़ेगा।