शाही हुंकार 2024 लगाओ पार, विश्वगुरू बनाने 2047 तक बनाओ सरकार…
मिशन-2024 के लिए मध्यप्रदेश में ग्वालियर, खजुराहो और भोपाल आए गृहमंत्री अमित की शाही हुंकार यही है कि अभी तक जो मोदी सरकार ने किया है, उसके आधार पर 2024 में चार सौ पार संग मोदी सरकार बनाने की गुजारिश है। मध्यप्रदेश में जो एक सीट कम रह गई थी, उसकी भरपाई कर पूरे 29 कमल की माला मोदी की झोली में डालना अनिवार्य है। तो दूर की शाही दृष्टि और राष्ट्रहित की बात यह है कि भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए 2047 तक भाजपा की सरकार बनाना जरूरी है। जब तक राहुल गांधी और उनका परिवार कांग्रेस का चेहरा हैं, तब तक के लिए भाजपा को जिताने की पूरी वजहें भी भारत के जन-जन के पास हैं ही।
तो घमंडिया गठबंधन भी परिवार के इर्दगिर्द रहकर उसे नकारे जाने का पूरा आमंत्रण दे रहा है। तो अब एक सौ तीस करोड़ भारतीय यह मानस बना लें और साहस जुटा लें कि इंडी गठबंधन को 2047 तक आसपास फटकने नहीं देना है और भाजपा को कहीं भी अटकने नहीं देना है। मध्यप्रदेश की माटी से शाही हुंकार यही है। मोदी जब द्वारका में पानी के भीतर असल द्वारका के दर्शन कर शाही गौरव को महसूस कर रहे थे, तब अमित मध्यप्रदेश की माटी से 2047 तक के शाही रोडमैप का लेखाजेखा पेशकर कभी कार्यकर्ताओं तो कभी प्रबुद्धजन के मन को टटोल रहे थे। शाही नजरिए से देखा जाए तो मिशन-2024 फतह करने के लिए तो मोदी सरकार की सांस्कृतिक पुनरुद्धार की यात्रा ही काफी है। राम मंदिर निर्माण इसकी महत्वपूर्ण कड़ी है। शाही प्रमाण यही है कि जनसंघ के रूप में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई, तब से लेकर अब तक कभी चुनाव को सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं माना। हमने इसे लोकतंत्र के उत्सव के रूप में स्वीकार किया है, माना है और मनाया है। तो शाही आक्षेप यह है कि जातिवाद, परिवारवाद, तुष्टीकरण और भ्रष्टाचार जैसे नासूर कांग्रेस की देन थे, जो दस साल की मोदी सरकार में खत्म होना मतदाताओं को तीसरी बार मोदी सरकार बनाने का हक दे रहे हैं।
रविवार का दिन ऐसा था कि मानो सूर्यनारायण अमित शाह के जरिए अलौकिक आभा बिखेर रहे थे और शिवराज भी भोपाल में शाही मंच साझा कर खूब तालियां बटोरते रहे। प्रबुद्धजन सिर्फ मत नहीं देते, जनमत का निर्माण करते हैं। इसलिए शाही अपेक्षा यही कि सभी लोग मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का समर्थन कीजिए और 400 पार का जो नारा मोदी जी ने दिया है, उसे सार्थक कर दीजिए। और फिर शाही वादा यह कि हम भारतमाता को विश्वगुरु के आसन पर प्रतिष्ठित करेंगे, भारत को दुनिया का नं.1 देश बनाएंगे। भारतीय जनता पार्टी इसी के लिए बनी है और हमारा जीवन इसी लक्ष्य को समर्पित है। हमारे करोड़ों कार्यकर्ता इसी राह पर चलेंगे और देश को महान बनाएंगे, बस आपके आशीर्वाद की अपेक्षा है। तो शाही आरोप यह कि आजादी के बाद जितने भी चुनाव हुए, वे सारे चुनाव जातिवाद, परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार से प्रेरित रहे। कहीं जातिवाद से जनमत को प्रभावित किया गया, कभी परिवारवाद से जनमत को प्रभावित किया गया, कहीं तुष्टिकरण से जनमत को प्रभावित और संग्रहित किया गया और कहीं भ्रष्टाचार के पैसों से जनमत को कलर्ड करने का प्रयास किया गया। हमारे देश का लोकतंत्र इन चार नासूरों के बीच में पलता रहा। लेकिन नरेंद्र मोदी ने 10 ही साल के अंदर चारों नासूरों को समाप्त कर इनकी जगह ’पॉलिटिक्स ऑफ परफारमेंस’ की स्थापना की।
आज देश सच्चे लोकतंत्र की दिशा में जा रहा है। शाही बौछार यही कि महाभारत युद्ध की तरह इस चुनाव में भी दो धड़े आमने-सामने हैं। एक तरफ देशभक्तों की टोली जैसी भारतीय जनता पार्टी है, दूसरी तरफ सात परिवारवादी पार्टियों का गठबंधन है। कौन है ये इंडिया गठबंधन? घमंडिया गठबंधन में वही लोग शामिल हैं, जिनको अपने परिवार पर घमंड है। जो यह नहीं मानते कि देश में एक गरीब, चाय बेचने वाले का बेटा प्रधानमंत्री, प्रधानसेवक बन सकता है। वो यह मानते हैं कि प्रधानमंत्री पद उन लोगों की थाती है, जो एक बड़े परिवार में जन्म लेते हैं। अगर इन सातों पार्टियों का एनालिसिस करें, तो ये सभी परिवारवादी हैं। सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। शरद पवार जी अपनी बेटी को मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। ममता बनर्जी अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं। लालू जी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। स्टालिन भी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और मुलायम सिंह के बेटे फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। श्री शाह ने कहा कि मैं भोपाल के प्रबुद्धजनों को यह बताना चाहता हूं कि जो अपने बेटे-बेटियों, भतीजे-भतीजियों को मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं, वह भारत के गरीबों की चिंता नहीं कर सकते, भारत को दुनिया में सम्मान नहीं दिला सकते। भारत को विश्व में सम्मान वही व्यक्ति दिला सकता है, जिसके जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण मां भारती को समर्पित हो। आप तीसरा जनादेश दीजिए, भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। और 2047 तक आशीर्वाद देते रहिए, भारत विश्वगुरू बन जाएगा।
शाही संदेश यही था कि परिवार के सम्मान की सोचने वाले भारत को सम्मान नहीं दिला सकते। जो देश के लिए जीते हैं, वही भारत की साख में इजाफा कर सकते हैं। मोदी जी ने भ्रष्टाचार और आतंकवाद का सफाया कर देश को तेज गति से विकास के रास्ते पर ले जाने का काम किया है। लद्दाख से लक्षद्वीप तक, पूर्वोत्तर से पंजाब तक, किसान से विज्ञान तक, सेल्फ हेल्प ग्रुप से लेकर स्टार्टअप तक और सहकारिता से स्पेस तक हर क्षेत्र में नए आयाम गढ़े हैं। मोदी की हर नीति को उठाकर देखिए, उसमें देश की मिट्टी, देश का ढंग, देश की हवा और देश का रंग, ये चारों मिलेंगे। मोदी जी ने इस देश को गुलामी की निशानियों से मुक्त करने का काम किया है। देश के मन से हीनता का भाव दूर करने का काम किया है। भारत सब कुछ कर सकता है, भारत विश्व में सर्वप्रथम बनने के लिए है और इस स्थान पर अधिकार अगर किसी एक देश का है, तो वह भारत का है,ये आत्मविश्वास देश के मन में पैदा करने का काम मोदी जी ने किया है।
हम दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। हम सभी का दायित्व है कि लोकतंत्र के इस महान पर्व के अंदर हम जनादेश को पूरी सूझबूझ के साथ बनाएं, हम किसी नेता या किसी पार्टी के खोखले वादों के आधार पर न जाएं। ऐसी पार्टी को चुनें, जिसने वादे पूरे किए हों। पार्टी ऐसी चुनें, जिसने जो कहा था वह किया भी है। ऐसी पार्टी चुनें जिसमें भविष्य देखने का, भविष्य की कल्पना करने का माद्दा हो। भविष्य का लक्ष्य तय करने की सोच हो। हमारी नीतियों में मानवीय संवेदना है। हमारी नीतियों में सर्वस्पर्शी और सर्व समावेशी विकास का दृष्टिकोण है। हमारी नीतियों में महान भारत के निर्माण का संकल्प है। हमारी नीतियों में भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण को समाप्त करने की दृढ़ता है और हमारी नीतियों में अभेद्य सुरक्षा वाले महान भारत की रचना का संकल्प भी है। इसीलिए शाही हुंकार यही है कि 2024, 2029, 2034, 2039 और 2044 में भाजपा ही सत्ता में आने की हकदार है और सत्ता में रहकर भारत को 2047 में विश्वगुरू बनाने की क्षमता रखती है…।