रतलाम। विगत दिनों धार में आयोजित हुए नर्मदा साहित्य मंथन के नाम से होने वाले साहित्यिक महापर्व में मध्यप्रदेश साहित्यिक निदेशक, डा. विकास दवे ने प्रदेश की बेटी सुश्री मयूरी चौरड़िया का परिचय देते हुए स्वागत किया। उन्होंने बताया कि वैसे तो मयूरी ब्रिटेन में रहती है और विगत कई वर्षों से सीए प्रोफेशन में कार्यरत है, तो उनका अंग्रेजी बोलना तो स्वाभाविक है ही लेकिन हिंदी और संस्कृत पर भी इनका काफी कमांड है।
इस कार्यक्रम में साहित्य जगत के वरिष्ठ सर्वश्री प्रफुल्ल केतकर, प्रशांत पॉल, डॉ नीरजा जी गुप्ता, डी.के दुबे, धर्मवीर शर्मा, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित अनेक लोग शामिल थे।
सुश्री मयूरी ने अपनी ‘किताब ए जिंदगी’ कुछ हकीकत कुछ ख्वाब को उपहार के स्वरुप श्री प्रफुल्ल जी केतकर को मंच पर भेंट किया तथा अपनी आने वाली मोटिवेशनल किताब Life is a game के बारे में भी बताया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि-
साहित्यसङ्गीतकलाविहीनः
साक्षात्पशुः पुच्छविषाणहीनः
अर्थात साहित्य, संगीत व कला से विहीन मनुष्य पशु के समान है आगे उन्होंने अपनी बुक का संबोधन देते हुए चार लाइनें सुनाई और कहा कि लोगों के गुनाहों की सरेआम नुमाइश ना कर, महज इंसान है तू उनकी सजा मुकर्रर ना कर, तू कर कर्म अपना कोई दगा ना कर, और खुदा है कहीं ना कहीं तू ही सबका हिसाब ना कर।
तभी वहा उपस्थित लोगों ने करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया और हम अभिभूत हैं कि हमारे प्रदेश की बेटी जिस तरह से साहित्य, कला, संगीत तथा धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, व्यवसायिक और अन्य तरीकों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे प्रदेश का नाम रोशन कर रही है वह वास्तव में प्रेरणादायक है और आंनदित करने वाला है।
यह पूरे मध्यप्रदेश के लिए अत्यंत गौरवशाली है कि हमारी रतलाम की बेटी आज इस तरह से देश और विदेश में प्रत्येक क्षेत्र में हमारे रतलाम का मध्यप्रदेश का तथा देश का मान सम्मान बढ़ा कर हमें गौरवान्वित कर रही है और हमारी संस्कृति का परचम लहरा रही है। उक्त जानकारी पत्रकार नीलेश बाफना ने दी।