Mandsaur Chaupal: अफ़ीम – CPS और किसान

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Mandsaur Chaupal: अफ़ीम - CPS और किसान

नारकोटिक्स विभाग द्वारा जारी नीतिगत निर्देश अनुसार पहली बार लागू CPS पद्धति से अफ़ीम संग्रहण होगा । इसमें तैयार डोडे को डंठल सहित बिना चीरा लगाये , बिना टूटफूट पोस्तादाना निकाल कर विभाग को सौंपा जाना होगा । काश्तकारों को तोलकेन्द्रों पर प्रामाणिक होने के साथ शतप्रतिशत भुगतान खाते में होगा ।

अब इसमें समस्याएं कम नहीं है । अव्वल तो नारकोटिक्स विभाग में अमला कम है और नई नीति लागू कर कार्यवाही को अंजाम देना चुनौती होगा । परम्परागत तरीकों के अलावा मध्यप्रदेश राजस्थान के लगभग 10 हजार किसानों से सीपीएस पद्धति से बारीक निगरानी करते हुए अफ़ीम सहित डोडे एकत्र करना है । यूं तो मध्यप्रदेश में ही 30 हजार से अधिक परम्परागत रूप से चीरा लगाकर अफ़ीम एकत्र करेंगे ।

फिर परिपक्व डोडे में सूखने पर छेद कर पोस्तादाना निकालना आसान नहीं होता , डोडा की टूटफूट होना तय है ऐसे में विभाग क्या निर्णय करेगा ?

किसानों में डर भी है और चिंता भी ।
मौसमी बदलाव से कुछ क्षेत्रों में काली मस्सी का प्रकोप भी देखा गया है इससे तैयार फ़सल के पत्ते पीले पड़ रहे हैं । औसत मार्फिन प्रतिशत कम रहने की आशंका भी है ?
किसान संगठन द्वारा विरोध प्रदर्शन भी जारी है , आंदोलन ज्ञापन भी ।
इसके बीच केंद्रीय वित्त मंत्रालय के नारकोटिक्स विभाग ने नई पद्धति से अफ़ीम संग्रहण व्यवस्था घोषित करदी प्रदेश के लगभग तीन हजार हेक्टेयर रकबे में अफ़ीम फ़सल तैयार है ।

♦️शासकीय विभाग जूझ रहे अधिकारियों – कर्मचारियों की कमी से

राजस्व हो या पुलिस , चिकित्सा हो या सहकारिता , नगर निकाय हो या शिक्षा हर विभाग में स्वीकृत पदों की तुलना में कहीं 30 प्रतिशत तो कहीं 60 प्रतिशत तक अधिकारी – कर्मचारी संख्या में कम हैं । रिटायर्ड अधिकारी – कर्मचारी के स्थान पर नियुक्तियों की संख्या नगण्य है । जबकि तुलनात्मक रूप से हर विभाग में कामकाज बढ़ा है । अवश्य ही डिजिटल और ऑनलाइन व्यवस्था हुई है फिर भी समस्याओं का अंबार है । रूटीन के कामकाज तक प्रभावित हैं । जनसुनवाई , मुख्यमंत्री हेल्पलाइन , समाधान केन्द्रों , विभागों में नित नये मामले पहुंच रहे हैं ।
सरकार की घोषणाओं से नागरिकों की अपेक्षाओं में भी बढ़ोतरी हुई है ।

♦️ जिले में अब 468 ग्राम पंचायत होंगी

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में जिले के हुए परिसीमन में 29 नई ग्राम पंचायत चिन्हित की गई हैं । 439 के स्थान पर अब 468 ग्राम पंचायत होंगी । नवगठित पंचायतों के लिए संसाधन , मतदाताओं और अन्य व्यवस्था को पूरा करना होगा ।
जिला पंचायत , जनपद पंचायतों के बारे में 7 मार्च को स्पष्ट होगा । इसके पश्चात राजनीतिक दलों द्वारा अपनी गोटियां , अपने समीकरण , अपने और विरोधी उम्मीदवारों का आकलन होना है । भाजपा और कांग्रेस तैयारी में जुट गए हैं ।
संभावना व्यक्त की जारही है कि आगामी मई – जून में चुनाव कराए जाय ।

♦️पेंशन प्रणाली लागू हो

राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन प्रणाली अधिकारियों – कर्मचारियों पर लागू किये जाने की घोषणा क्या की मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों के अधिकारियों – कर्मचारियों ने पुरजोर मांग अपने यहां लागू करने की उठाई है ।
मध्यप्रदेश के मंत्रियों , सांसदों , विधायकों को हर जगह रोककर ज्ञापन दिये जारहे हैं ।
अधिकारी – कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के माध्यम से कहा गया है कि पेंशन की बहाली हो , एनपीएस व्यवस्था तत्काल बंद हो इसके अलावा अन्य मांग भी है ।
माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा सत्र में सरकार इस मामले में घोषणा करे अन्यथा संयुक्त मोर्चा प्रदेश व्यापी आंदोलन , विरोध प्रदर्शन का रूप ले सकता है ।

♦️कमर्शियल बैंक संचालक मंडल को मिला स्थगन

एक समय मंदसौर का प्रमुख सहकारिता संस्थान सैफ़ी बैंक जो कालांतर में मंदसौर कमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक हो गया । अच्छे – बुरे दौर से गुजरा , राजनीतिक उठापटक का केन्द्र बन अपनी आभा को बचाने में लगा रहा । जमा पूंजी और अप्राप्त ऋण राशि के भंवर में उलझा रहा ।

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अक्टूबर 2021 में संयुक्त आयुक्त सहकारिता , संभाग उज्जैन द्वारा नियंत्रित करते हुए प्रशासक के अधीन कर दिया । इसके विरोध में संचालक मंडल एवं पदेन अध्यक्ष रामेश्वर मकवाना ने उच्च न्यायालय इंदौर में याचिका दाखिल की ।
3 मार्च को उच्च न्यायालय खण्डपीठ ने अध्यक्ष एवं संचालक मंडल के पक्ष में स्थगन आदेश जारी किया है ।

अब क्या होगा ? अध्यक्ष एवं संचालकों द्वारा बैंक की छबि के साथ सुचारु संचालन में क्या प्रयास किया जाता है यह महत्वपूर्ण रहेगा ।

♦️ यूक्रेन – रूस युद्ध में सुरक्षित लौटे छात्र

देश – प्रदेश के साथ जिले के अभिभावकों में भी एकाएक चिन्ता की लकीरें उठी । मंदसौर , नीमच , जावरा , गरोठ , सीतामऊ आदि क्षेत्रों के दर्जन से अधिक छात्र यूक्रेन – रूस के युद्ध में फंस गए और निकलने में भारत और अपने क्षेत्र में पहुंचने की भारी चिन्ता बनी रही ।

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सांसद , विधायक और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से अब तक 7 छात्र – छात्राएं सकुशल अपने परिजनों के बीच पहुंच गए हैं ।
राहत भरीखबरों के साथ युद्ध के बीच से लौटे छात्रों ने संकट के समय की बयानी की , कठिन समय रहा ।

ग्रेसी पचौरी , प्रगति कोठीफोडा , सचिन प्रजापति आदि छात्रों ने अब आगे की पढ़ाई के बारे में चिंता व्यक्त की है ।