Mandsaur to Bhopal की दूरी होगी 150 km कम: ग्रीनफील्ड फोरलेन की दिशा में बड़ा कदम, 4 घंटे में राजधानी का सफर

99

Mandsaur to Bhopal की दूरी होगी 150 km कम: ग्रीनफील्ड फोरलेन की दिशा में बड़ा कदम, 4 घंटे में राजधानी का सफर

BHOPAL: मध्यप्रदेश के पश्चिमी अंचल और राजधानी भोपाल के बीच सड़क संपर्क को नई रफ्तार देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। मंदसौर से भोपाल तक प्रस्तावित Access Controlled Greenfield Four Lane Road Project न सिर्फ दूरी को ऐतिहासिक रूप से कम करेगी, बल्कि प्रदेश की आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को भी नया आयाम देगी।

मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कराने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं।

▪️258 किमी लंबा होगा नया फोरलेन

▫️प्रस्तावित ग्रीनफील्ड फोरलेन की कुल लंबाई लगभग 258 किलोमीटर होगी। वर्तमान में मंदसौर से भोपाल की यात्रा के लिए 400 करीब किलोमीटर तक का सफर तय करना पडता है। नया मार्ग बनने के बाद यह दूरी सीधे तौर पर 150 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इसका सीधा असर यात्रा समय पर पडेगा और अब यह सफर पांच से छह घंटे की जगह 4 घंटे में पूरा किया जा सकेगा।

▪️ *नयाखेड़ा से भोपाल तक सीधा और सुरक्षित मार्ग*

▫️यह फोरलेन मंदसौर जिले से लगे ग्राम नयाखेड़ा से शुरू होकर रतलाम, आगर मालवा, शाजापुर और सीहोर जिलों से होते हुए भोपाल तक पहुंचेगा। ग्रीनफील्ड परियोजना होने के कारण यह मार्ग किसी भी शहर या घनी आबादी वाले गांव के बीच से नहीं गुजरेगा। इससे ट्रैफिक बाधा नहीं होगी और यात्रा अधिक सुरक्षित और निर्बाध रहेगी।

▪️ *तेज रफ्तार और आधुनिक डिजाइन*

▫️सड़क को जमीन की सतह से लगभग 8 से 10 फीट ऊंचाई पर बनाया जाएगा और इसमें अत्यंत कम मोड रखे जाएंगे। एक्सेस कंट्रोल्ड डिजाइन के कारण इस मार्ग पर अनधिकृत प्रवेश नहीं होगा। छोटे वाहन लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगे, जबकि बसों और भारी वाहनों के लिए गति सीमा 80 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की जाएगी। इससे ईंधन की खपत कम होगी और वाहनों का संचालन अधिक सुचारू रहेगा।

▪️ *व्यापार, उद्योग और पर्यटन को मिलेगा बडा लाभ*

▫️इस फोरलेन का लाभ केवल मंदसौर और नीमच जिले तक सीमित नहीं रहेगा। राजस्थान के प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़, बांसवाड़ा और उदयपुर से भोपाल की ओर आने जाने वाले यात्रियों और व्यापारियों को भी इसका सीधा फायदा मिलेगा। दूरी और समय कम होने से औद्योगिक परिवहन सस्ता होगा, कृषि उपज की तेजी से आवाजाही संभव होगी और पर्यटन गतिविधियों को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा।

▪️दो वर्षों में पूरा होने की संभावना

▫️सड़क विकास निगम के अनुसार यदि डीपीआर समय पर तैयार हो जाती है और राज्य सरकार से बजट स्वीकृति मिल जाती है, तो अगले दो वर्षों में यह ग्रीनफील्ड फोरलेन बनकर तैयार हो सकता है। यह परियोजना पूरी होने के बाद प्रदेश के पश्चिमी और मध्य अंचल के बीच आवागमन की तस्वीर पूरी तरह बदल देगी।