Manipur Violence: कई जगह भड़की हिंसा , दो पुलिस कमांडो शहीद, वैनम पुल को किया क्षतिग्रस्त

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया

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Manipur Violence: कई जगह भड़की हिंसा , दो पुलिस कमांडो शहीद, वैनम पुल को किया क्षतिग्रस्त

मणिपुर के रविवार शाम को एक बार फिर विभिन्न जगह हिंसा भड़क गई। सुगनू और काकचिंग में हुई मुठभेड़ में मणिपुर पुलिस के दो कमांडो के मारे जाने की खबर है। हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। कथित तौर पर मणिपुर पुलिस के कमांडो और ऑपरेशन के निलंबन (एसओओ) संगठन के संदिग्ध उग्रवादियों के बीच गोलीबारी जारी है। दूसरी ओर, मणिपुर के विभिन्न हिस्सों से बड़े पैमाने पर हिंसा की ताज़ा ख़बरें सामने आई हैं। कई घरों और अन्य प्रतिष्ठानों को कथित तौर पर उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया गया है।

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जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों ने कम से कम 25 शरारती तत्वों को पकड़ा है, जिनके पास से हथियार, गोला बारूद और ग्रेनेड बरामद किए गए हैं. सभी 25 बदमाशों को मणिपुर पुलिस को सौंप दिया गया है. रक्षा बलों के एक प्रवक्ता ने बताया कि इंफाल घाटी में और उसके आसपास गोलीबारी और झड़पों की ताजा घटनाओं के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके पास से हथियार जब्त किए गए हैं.

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘इंफाल पूर्व में सन्साबी, ग्वालताबी, शबुनखोल, खुनाओ में अभियान के दौरान सेना ने 22 बदमाशों को पकड़ा और उनके पास से हथियार तथा अन्य सामग्री बरामद की. 12 बोर की पांच डबल बैरल राइफल, तीन एकल बैरल राइफल, डबल बोर का एक देसी हथियार और एक मजल लोडेड हथियार बरामद किया है.’ रविवार को भड़की ताजा हिंसा के बाद सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में अब तक कुकी आदिवासी समुदाय के 40 उग्रवादी मारे गए हैं.

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चार दिवसीय यात्रा पर सोमवार रात मणिपुर पहुंचे जहां वह जातीय हिंसा का समाधान निकालकर शांति बहाल करने के उद्देश्य से अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. वह दिल्ली से एक विशेष विमान से इंफाल के बीर टीकेंद्रजीत इंफाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे. मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से शाह की यह राज्य की पहली यात्रा है

सूत्रों ने कहा कि शाह हालात का आकलन करने और सामान्य स्थिति बहाल करने की योजना बनाने के लिए मंगलवार को अनेक दौर की बैठक कर सकते हैं. वह बुधवार को संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित कर सकते हैं और राज्य में जारी हिंसा पर नियंत्रण के लिए कदमों की घोषणा कर सकते हैं.‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. राज्य में हालात सामान्य करने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ी, जिनमें 10,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं.

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