अमृत के लिए मंथन, वन में चिंतन, रहेंगे बस शिव और मंत्री-गण …

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अमृत के लिए मंथन, वन में चिंतन, रहेंगे बस शिव और मंत्री-गण ...
शिव अपने मंत्री गणों के साथ दो दिन पचमढ़ी के पास जंगल में धूनी रमाएंगे। पंद्रह महीने के व्यवधान के बाद सरकार में दो साल पूरे हो गए। अब इस साल के नौ माह बाकी हैं और अगला साल चुनावी है। दो दिन के चिंतन-मंथन के बाद अमृत निकाला जाएगा, जिसके सहारे भाजपा मिशन-2023 को फतह करने का लक्ष्य हासिल करने का दावा पुख्ता करेगी। अपने-अपने कारवां संग प्रदेश में दौड़ लगाते मंत्रीगण शुक्रवार की रात बस में शिव संग सवार होकर सतपुड़ा के घने जंगलों से गुजरते हुए नर्मदा पार कर पचमढ़ी में विश्राम करेंगे। और शनिवार-रविवार को भीड़भाड़ से अलग एकांत में वन में चिंतन-मनन के कई दौर चलेंगे। मन की बात सामने आएगी। कमियों और खूबियों पर खुलकर चर्चा होगी। और फिर कड़वे-मीठे रस को मथकर निकलेगा फार्मूला मिशन-2023।
शुक्रवार का दिन वैसे मामा शिवराज का रहा। सुबह कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के साथ मेल-मुलाकात और फिर स्मार्ट सिटी पार्क में पौधारोपण। तो शाम योगी-2 कार्यकाल का शपथ ग्रहण और संघ प्रमुख मोहन भागवत का सान्निध्य, प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी और योगी को शुभकामनाएं। सुबह और शाम के बीच ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो लाख 40 हजार विद्यार्थियों के खातों में 331 करोड रुपए की पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति सिंगल क्लिक से अंतरित कर दी। और फिर रात मंत्रीगण के साथ अमृत मंथन के लिए रवानगी।
तो एक बात और खास रही। वह यह कि पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय की राजधानी में पत्रकार वार्ता आयोजित हुई। विषय खेल का और बात मध्यप्रदेश की राजनीति व मुख्यमंत्री की भी। मोदी के मन की बात में विलुप्त होते पिट्टू गेम को बचाने की आवाज आई, तो पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया का गठन हो गया। इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय ने भोपाल में होने वाले पिट्टू खेलों की जानकारी दी।
तो यह भी बताकर नेतृत्व को लेकर कयास लगाने वालों का संशय खत्म कर दिया कि 2023 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। तारीफ भी जी भर कर की। कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं। शिवराजजी सहज,सरल,लोकप्रिय हैं ,बच्चों के मामा हैं और उन्होंने प्रदेश का विकास तेज गति से किया है। तो खरगोन से पूर्व मंत्री बालकृष्ण पाटीदार का बयान आया कि 2023 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा और यह भी पुष्टि कर दी कि मुख्यमंत्री का चेहरा भी शिवराज ही होंगे। यह भी कहा कि ऊपर से सब कुछ तय हो गया है और हमने 2023 की तैयारी शुरू कर दी है।तो अब विरोधियों और असंतुष्टों को संकेत समझ लेना चाहिए कि संशय कही नहीं है। तो भाजपा सरकार और संगठन 20 माह पहले ही इलेक्शन मोड में आ चुके हैं।
और शिवराज को उम्मीद है कि पचमढ़ी की बैठक से अमृत निकलेगा। रोजगार और विकास का एजेंडा तय होगा। गांव, गरीब, किसान और महिलाओं के सम्मान के लिए यह चिंतन मंथन है। यानि साफ है कि चुनावी साल के बजट सत्र तक समग्र रूप से तस्वीर साफ। हिंदुत्व और सबका साथ सबका विकास संग बुलडोजर मामा 2023 में विपक्षियों की उम्मीदों को जमींदोज करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यानि कि अमृत के लिए मंथन,वन में चिंतन और साथ ही साथ शिवराज की नसीहतों के यह खास दो दिन। एक मन, एक संकल्प, एक सोच, सकारात्मकता, जनकल्याणकारी योजनाओं पर मंथन, समस्याओं पर चिंतन और समाधान, विचार और अमृत जैसी उम्मीदों से भरा यह हिंदुस्तान की बेस्ट टीम का सफर सुखद और उपलब्धियों भरा हो ताकि प्रदेश की जनता की मुट्ठी खुशियों से भरी रहे।