Marriage of Minor Stopped : सोशल मीडिया पर मिले 15 की दुल्हन और 27 का दूल्हा, तैयारियां पूरी, पर शादी नहीं हो सकी!
‘लाडो अभियान’ ने दोनों पक्षों को समझाइश देकर शादी रुकवाई, पंडित को भी रवाना किया!
Indore : मुहूर्त का समय न होने पर भी महिला एवं बाल विकास विभाग के सामने नाबालिग बच्चों के विवाह की सूचना आती रहती है। रविवार को भी 15 साल की एक नाबालिग बालिका की शादी गुजरात के एक 27 साल के साथ होने की सूचना विभाग को मिली। दोगुनी आयु के दूल्हे के साथ होने वाली शादी की तैयारी पूरी हो चुकी थी। मंडप सजा हुआ था और पंडित ने फेरों की तैयारी कर ली थी। लेकिन, उसे रोक दिया गया।
बताया गया कि सोशल मीडिया के जरिए लड़की और लड़के की दोस्ती हुई। बातचीत के दौरान दोनों शादी के लिए भी तैयार हो गए। शादी नहीं करने पर उन्होंने परिजनों से घर से भागने की बात कही। परिजनों के मुताबिक, इसलिए हम मजबूरन शादी करने को तैयार हो गए। विवाह करने आए पंडित राजू मिश्रा ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं थी इसलिए वे शादी करने चले आए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने बताया कि रविवार को एमआईजी थाना क्षेत्र की कृष्णबाग कॉलोनी में एक नाबालिग बेटी का विवाह होने की सूचना मिली थी। मिली सूचना की जांच के लिए ‘लाडो अभियान कोर ग्रुप’ के महेंद्र पाठक को जिम्मेदारी सौंपी। विवाह की सूचना हेल्पलाइन के माध्यम से विभाग को देर शाम प्राप्त हुई।
शिकायत में कहा गया था कि एक नाबालिग बेटी का विवाह उसके घर पर ही किया जा रहा है और बारात पहुंच गई ,फेरों की तैयारी भी पूरी कर ली गई। पाठक ने बाल संरक्षण अधिकारी भगवान दास साहू, कोर ग्रुप सदस्य देवेंद्र कुमार पाठक, थाना एमआईजी के प्रधान आरक्षक शिव कुमार यादव व पुलिस बल के साथ मौके पर जाकर पूछताछ की।
परिजनों ने जो दस्तावेज दिखाई उनके अनुसार बालिका की उम्र 15 साल और गुजरात के जिस युवक के साथ उसका विवाह किया जा रहा था उसकी आयु 27 वर्ष सामने आई। अचानक पहुंचे दल ने दोनों पक्षों से चर्चा की, तो दूल्हे की मौसी ने गुमराह करने की कोशिश की। कहा कि सगाई की रस्म इस तरह मंडप सजाकर की जाती है। पाठक ने जब उनसे सख्ती से बातचीत की, तो उन्होंने विवाह होने के बाद स्वीकार की।
दस्ता प्रभारी ने परिजनों को समझाया तब युवती ने कहा कि वह अपनी मर्जी से शादी कर रही है। दूल्हा-दुल्हन का इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क हुआ और वे विवाह के लिए तैयार हो गए। जब उन्होंने शादी नहीं करने पर घर से भागने की बात कही। सभी को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी देकर यह विवाह रुकवाया। गुजरात के दूल्हे तथा उनके परिजनों को रात में ही वापस लौटा दिया। बारात बगैर दुल्हन के ही रात 12 बजे रेलवे स्टेशन पहुंच गई और पंडित भी बगैर दक्षिणा लिए घर लौट गए।