
MD Drug Smuggling : एमडी ड्रग की तस्करी में बच्चों का इस्तेमाल करने वाला पकड़ाया!
Indore : शहर में कई वारदातों में शातिर बदमाश नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी ही नेपाली गैंग के सदस्य को पुलिस ने पिछले दिनों पकड़ा था। गैंग के सदस्य कुछ दिन पहले ही जेल से जमानत पर छूटे थे। सदस्य शुभम नेपाली का छोटा भाई भी एमडी ड्रग्स के साथ पकड़ाया है। जबकि, शुभम पुलिस के हत्थे नहीं च़ढ़ पाया है।
द्वारकापुरी इलाके में ड्रग तस्करी का बड़ा नेटवर्क सामने आया है। रविवार-सोमवार को पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में शुभम नेपाली का नाम सामने आया था। पुलिस शुभम की घेराबंदी कर रही थी, तभी मंगलवार को उसका छोटा भाई रजत यादव उर्फ नेपाली हाथ लग गया, लेकिन शुभम बचकर निकल गया।
पुलिस ने रजत से 12 ग्राम एमडी ड्रग जब्त की है। वह 8 साल की बच्ची के साथ घूम रहा था। पुलिस ने इसके पहले रविवार और सोमवार को लोकेश मोरवाल, रितेश उर्फ नेगू, यश वानखेड़े और दीपक बामने को ड्रग के साथ पकड़ा था। उनसे पूछताछ में एक बार फिर शुभम का नाम सामने आया है। शुभम पहले भी गैंगवार और नशे के कारोबार में जेल जा चुका है। वहीं रजत ने पूछताछ में बताया कि वह शुभम के लिए काम करता है और चलते-फिरते ही ड्रग बेचता है। इसका जितना पैसा इकट्?ठा होता है, वह शुभम को देता है।

बच्ची को बना रखा था ढाल
रजत ड्रग के कारोबार में लिप्त है। पुलिस से बचने के लिए 8 साल की बेटी का इस्तेमाल करता था। वह बेटी को साथ में लेकर घूमता था, ताकि पुलिस को एकदम से उस पर शक न हो। जानकारी मिली थी कि शुभम जेल से छूटने के बाद इलाके में आता-जाता है पर वह द्वारकापुरी में नहीं रह रहा है। शंका के आधार पर द्वारकापुरी पुलिस की टीम ने नेपाली के पीछे लगाया गया। जब जांच की तो पकड़े गए श्रद्धा सबुरी कॉलोनी के लोकेश मोरवाल और प्रजापत नगर के रितेश उर्फ नेगू ने बताया कि वे शुभम के लिए काम करते हैं। उन्होंने अन्य साथियों श्रीराम नगर के यश वानखेड़े और दीपक बामने के नाम भी उजागर किए, जो क्षेत्र में ड्रग सप्लाई में सक्रिय हैं।
2 करोड़ रुपए प्रतिमाह का ड्रग रैकेट
पुलिस के मुताबिक अब तक की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह हर दिन 50 से 60 हजार रुपए की एमडी ड्रग बेचता था। उनका नेटवर्क राऊ, चंदन नगर और अन्नपूर्णा तक फैला है। हर दिन के रुपए इकट्?ठा कर शुभम की बताई जगह पर देकर आते थे। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि शुभम लगभग एक दर्जन युवकों के जरिए ड्रग सप्लाई कराता है और सभी उससे सीधे तौर पर जुड़े हैं। मासिक रूप से यह रैकेट करीब 2 करोड़ रुपए का अवैध कारोबार कर रहा था।
शुभम पर दर्ज हैं डेढ़ दर्जन केस
शुभम पर 19 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुछ समय पहले वह पुलिस पर हमला भी कर चुका है। उसका पुराना दुश्मन महेश टोपी भी बड़ा अपराधी है, जिससे उसकी गैंगवार होती रही हैं। हाल ही में द्वारकापुरी में महेश के रिश्तेदार सुनील उर्फ माया की हत्या हुई थी, जिसमें संदेह शुभम पर जताया गया, लेकिन वह बच निकला। क्योंकि मामला शराब पीने के दौरान हत्या का निकला।





