मेधा पाटकर ने शराब नीति को लेकर सरकार पर साधा निशाना-कहा आदिवासियों को बर्बाद कर बड़े कारोबारियों को लाभ पंहुचाने की है ये नई नीति

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बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट

बड़वानी-नर्मदा बचाओ आंदोलन ने मनाया महिला दिवस. मेधा ने शराब नीति को लेकर सरकार पर साधा निशाना- कहा- आदिवासियों को बर्बाद कर बड़े कारोबारियों को लाभ पंहुचाने की है ये नई नीति

बड़वानी- नर्मदा बचाओ आंदोलन के बैनर तले आज महिला दिवस मनाया गया. इस दौरान मेधा ने कहा कि महिला का एक दिन नहीं होता हर दिन महिला का ही है लेकिन सरकार की नीतियों के कारण महिला आज दुखी है. उन्होंने नई शराब नीति को लेकर भी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस नीति से अब शराब रखने की जहाँ आजादी मिल जाएगी वहीं आदिवासी समाज के टंट्या, भीमा जैसे क्रांतिकारियों के सिर्फ पुतले लगेंगे जबकि समाज मे हिंसा बढ़ेगी.

लोगों के परिवार बर्बाद होंगे जबकि बड़े शराब कारोबारी लाभ उठाएंगे.

 

मेधा ने कहा कि आज भी डूब प्रभावित परिवार महिलाएं व बच्चों को लेकर अंधेरे में टिन शेड में जीवन गुजारने को मजबूर हैं. लोगों को राशन नहीं मिल रहा. महिलाएं सचिवों के पीछे दिनरात राशन कार्ड के लिए चक्कर लगा रही हैं. ग्राम अवलदा में संचालित राशन दुकान को लेकर मेधा ने आरोप लगाया कि वहाँ राशन दुकान का संचालन महिला कर रही है जबकि उसका पति सरकार का नेता है. ऐसे में लोगों को राशन नहीं मिल रहा लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं  होती.

मेधा ने कहा शराब गली गली बिक रही लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती. ऐसे में आमजन कैसे जीवन यापन कर रहा है, ये सोचने वाली बात है.