Media Ban for Officers : यूपी में अफसरों के सोशल मीडिया और अखबारों में लिखने, रेडियो-टीवी पर बोलने पर रोक लगी!
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने अफसरों और कर्मचारियों के लिए नई मीडिया गाइडलाइन जारी की हैं। अब अफसरों को किसी भी मीडिया माध्यम पर कुछ कहने या लिखने से पहले सरकार से इजाजत लेनी होगी। बिना इजाजत कोई भी सरकारी अफसर न कुछ लिख सकता है न बोल सकता है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट और कमेंट के लिए भी नियम तय कर दिए गए। नया आदेश शुक्रवार रात जारी किया गया। इसमें सख्ती से कहा गया है कि हर अफसर को इस आचरण नियमावली का पालन करना होगा। आदेश में कहा गया है कि बिना मंजूरी लिए अखबार में किसी भी तरह का कोई लेख न लिखें, टीवी रेडियो पर न बोलें, साथ ही सोशल मीडिया पर भी कुछ न लिखें।
क्या कहती है नई अधिसूचना
उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के आचरण को विनियमित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 1956 प्रभावी है। इस आचरण नियमावली के नियम-3(2) में यह व्यवस्था है कि हर एक सरकारी कर्मचारी सभी समयों पर, व्यवहार और आचरण को विनियमित करने वाले अन्तर्निहित शासकीय आदेशों के अनुसार आचरण करेगा। इसके अलावा नियमावली के नियम-6, 7 और 9 में समाचार पत्रों या रेडियो से सम्बन्ध रखने और सरकार की आलोचना आदि के बारे में प्रावधान किए गए हैं।
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इस आदेश में साफतौर पर कहा गया है कि कोई भी अधिकारी बिना शासन के आदेश या फिर मंजूरी के किसी भी तरह के प्रसारण में भाग नहीं लेगा। किसी समाचार पत्र या पत्रिका को लेख नहीं भेजेगा। इसके अलावा गुमनाम या अपने नाम से किसी अन्य व्यक्ति के नाम से किसी भी समाचार पत्र या पत्रिका को कोई पत्र नहीं लिखेगा।
हालांकि, इस आदेश में यह बात भी कही गई है कि ऐसे प्रसारण या ऐसे लेख जो केवल साहित्यिक, कलात्मक या वैज्ञानिक हों, उनके लिए किसी तरह के स्वीकृति-पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस आदेश के अंदर प्रिंट मीडिया (समाचार पत्र-पत्रिकाएं इत्यादि), इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (रेडियो और न्यूज चैनल इत्यादि), सोशल मीडिया (फेसबुक, एक्स, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि और डिजिटल मीडिया (समाचार पोर्टल इत्यादि) शामिल हैं।