Meeting Mother After 3 Decades : जब 32 साल बाद मां से मिले भक्ति गायक जगजीत!

एक ऐसी मार्मिक सच्चाई जो किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं!

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Meeting Mother After 3 Decades : जब 32 साल बाद मां से मिले भक्ति गायक जगजीत!

Patiala : जगजीत सिंह वो व्यक्ति हैं जिन्हें बाढ़ में बचाव का काम करते हुए उनकी मां 32 साल बाद मिली। उन्हें अंदाजा नहीं था कि उन्हें नेकी का अच्छा फल इतनी जल्दी मिल जाएगा। पिछले दिनों बाढ़ में बचाव मिशन में काम करते हुए उनकी जिंदगी बदल गई। उन्हें बचपन में बिछड़ी अपनी मां से मिलवा दिया। उन्हें बचपन से बताया गया था कि उनके माता-पिता की एक्सीडेंट में मौत हो गई।

जगजीत सिंह 20 जुलाई को पटियाला के एक गांव में अपने नाना-नानी के घर पहुंचे और 32 साल बाद अपनी मां को देखकर अपने आप पर काबू नहीं पा सके। मां-बेटे के इस मिलन को जिसने भी देखा, वह अपने आंसू नहीं रोक सका। जगजीत ने अपनी मां हरजीत कौर से हुई इस मुलाकात को फेसबुक पर शेयर किया। उन्होंने लिखा वे और उनकी मां अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाए और लिपटकर बहुत देर तक रोए।

जगजीत छह महीने के थे, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। मां हरजीत कौर की उम्र कम थी, इसलिए उनके माता-पिता ने उनकी दूसरी शादी कर दी। हरजीत की दूसरी शादी होने के बाद उनके दादा-दादी उसे अपने साथ ले गए। तब जगजीत की उम्र दो साल की थी। जैसे-जैसे वह बड़े हुए, उन्हें बताया गया कि उसके माता-पिता की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। वे अब तक इसी सच के साथ जी रहे थे।

उनकी जिंदगी ने एक मोड़ लिया। कादियान के मुख्य गुरुद्वारे में एक भक्ति गायक जगजीत सिंह ने बताया कि बाढ़ से हर ओर तबाही मची थी। उनका एक एनजीओ है, वे उसी के लिए काम कर रहे थे। भाई घनैया के साथ वह पटियाला पहुंचे थे। यहां अपने मिशन में लगे थे। उन्होंने बताया कि जब मैं पटियाला में बचाव राहत अभियान में था, मेरी एक बुआ ने मुझे बताया कि मेरी नानी का घर भी पटियाला में है। उन्होंने अस्पष्ट रूप से बताया कि वो बोहरपुर गांव है जहां मेरे नाना-नानी रहते होंगे।

इस तरह मां का चला पता
जगजीत जल्द ही बोहरपुर पहुंचे और अपनी नानी प्रीतम कौर से मिले। मैंने उनसे सवाल पूछना शुरू कर दिया। उन्होंने मेरे सवालों को टालना चाहा। लेकिन, जब मैंने उन्हें बताया कि मैं उनका नाती हूं तो वे आश्चर्यचकित थे। उन्होंने बताया कि मैं हरजीत कौर का पहली शादी से पैदा हुआ बेटा हूं। मैं टूट गया। मैंने कहा कि मैं बदकिस्मत बेटा हूं, जो तीन दशकों से अधिक समय तक अपनी मां को नहीं देख सका।

हरजीत कौर पैर की बीमारी से पीड़ित हैं, वे चलने में असमर्थ हैं। 37 साल के जगजीत के साथ उनकी पत्नी और उनकी 14 साल की बेटी और 8 साल का बेटा था। जगजीत ने बताया कि उन्हें पांच साल पहले ही पता चला कि उनकी मां जिंदा हैं। जगजीत ने कहा कि लेकिन मेरे पास अधिक जानकारी नहीं थी। जो जानते थे उन सभी का अब निधन हो गया।

दादा का भी निधन हो गया जो सच जानते थे
जगजीत ने बताया कि उनके दादा-दादी और नाना-नानी के बीच संबंध ठीक नहीं थे। इसलिए दोनों परिवारों ने रिश्ते तोड़ लिए थे। न तो कभी ननिहाल से उनके ददिहाल संपर्क रखा गया न ही ददिहाल से ननिहाल में। जगजीत के मैट्रिक पास करने के तुरंत बाद 2014 में उनके दादा की मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि बचपन की कुछ तस्वीरें देखने पर मुझे एक तस्वीर में एक महिला दिखी, मुझे नहीं पता था कि वह मेरी मां है। मैं अपने दादाजी से पूछता था और वह मुझे बताते थे कि मेरे माता-पिता की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। मेरे दादाजी एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी थे और दो दशक पहले वे हरियाणा से पंजाब के कादियान में स्थानांतरित होकर आ गए थे।