

Memorandum Submitted on the Plight of the Palace : राजमहल की दुर्दशा, दीवाल पर बड़े-बड़े पेड़ों की शाखाएं छटवाए जाने, नगर निगम कमिश्नर के नाम अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन!
Ratlam : शहर के पैलेस रोड़ स्थित राजमहल पैलेस की दुर्दशा को लेकर आमजनों में आक्रोश है यहां के रहवासी जिन्हें बाजार की और जाना होता हैं तो उन्हें या उनके बच्चों को इसी जर्जर राज पैलेस के नीचे से होकर गुजरना पड़ता है, 2-3 स्कूल भी इसी क्षेत्र में लगते हैं जिनमें अध्ययन करने वाले सैकड़ों बच्चे इसी क्षेत्र से निकलकर स्कूल में जाते हैं और अध्ययन कर वापस घर लौटते हैं।
3-4 वर्ष पहले यहां की छत गिर पड़ी थी गनिमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई थी और बीती 13 जून को तेज हवाओं और आंधी-तूफान के साथ बरसात से राजमहल की दीवार पर उगा हुआ पीपल का पेड़ जमीन पर गिरकर धराशाई हो गया था। जिससे 2 दुकानें पेड़ के नीचे पूरी तरह दबकर नष्ट हो गई थी यहां रखा दुकानदारों का सामान के अलावा मशीन, कंप्यूटर आदि भी दब गए थे जो आज दिन तक दबे पड़े हैं।
इन दोनों दुकानदारों को करीब 8 से 10 लाख रुपए का नुकसान हुआ हैं। शुक्र रहा कि दुकान में एक बैठे व्यक्ति की जान बच गई। इस दुर्घटना में इसके अलावा 4 मोटरसाइकिलें दब गई।इसकी वजह से हाइट टेंशन लाइन और विद्युत सप्लाई लाइन गिरने से बिजली के 2 खम्भे पूरी तरह झुक गए तथा पूरे क्षेत्र की करीब 28 घंटे विद्युत सप्लाई बंद रही थी।
इस घटनाक्रम के बाद अब राजमहल की दीवार पर पूर्व में पीपल के गिरे पेड़ से भी बड़े-बड़े 4-5 पेड़ और हैं जिनकी ऊंचाई करीब 40-50 फिट हैं यह पेड़ राजमहल की दीवार पर उगे हुए हैं और इनका वजन क्षमता से बहुत अधिक हो गया है मानसून अभी शुरू हुआ ही हैं पूरी बारिश अभी बाकी हैं। दुर्भाग्य से कभी इन पेड़ों में से कोई एक पेड़ भी गिर गया तो सारे पेड़ एक साथ गिर सकते हैं और यहां स्थित करीब 8 से 10 दुकानों सहित 5 मकानों को भारी नुकसान के साथ अनेक लोगों के चपेट में आने का खतरा हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि आयुक्त से निवेदन हैं कि राजमहल की दीवारों पर उगे हुए बढ़, पीपल आदि के बड़े-बड़े पेड़ों की फैली हुई शाखाओं को तत्काल छटवाकर दीवाल पर से उनका वजन कम करवाया जाए अन्यथा आशंका हैं की बारिश में यह पेड़ गिरते हैं तो कभी भी कोई बड़ी और गंभीर जान लेवा दुर्घटना हो सकती हैं। पूर्व में भी क्षेत्र वासियों दीवार पर उपलब्ध पेड़ों की छंटाई करने हेतु अनेकों बार आवेदन दे रखे हैं परंतु निगम प्रशासन द्वारा इन आवेदनों को गंभीरता से नहीं लिया गया। निगम प्रशासन की अनदेखी से 1 पेड़ तो गिर चुका हैं और 2 दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ हैं भगवान ना करें हवा या बरसात में उक्त बचे हुए पेड़ों में से कोई पेड़ अपने वजन और फैलाव की वजह से गिर जाता है और किसी भी प्रकार का जान माल का नुकसान होता है तो इसकी समस्त जिम्मेदारी शासन, प्रशासन की रहेंगी।
जनक नागल, राजकुमार सुराना, रवि पंवार, रमेश शर्मा, श्याम देवड़ा, विपुल कोटिया, अमित देवड़ा, शुभ दशोत्तर, राजू भाई हांकी, शुभम जैन, नदीम खान, आसीफ जावेदी, राजेन्द्र सिंह परिहार, इमरान खान, हर्ष चौधरी, हेमंत ठाकुर आदि मौजूद थे।