

Metro Craze is Over : इंदौर में मेट्रो का क्रेज़ खत्म, महीनेभर में यात्रियों की संख्या 97% तक घटी!
Indore : सीमित दूरी पर चलना शुरू हुई इंदौर मेट्रो का आकर्षण महीनेभर में ही लगभग खत्म हो गया। अब इस 5.9 किलोमीटर लंबे मार्ग पर मेट्रों में बैठने वालों की संख्या गिनी-चुनी रह गई। शुरू का एक सप्ताह मेट्रो प्रबंधन ने यात्रियों को मुफ्त सैर कराई, पर जब से किराया वसूलना शुरू किया इसमें बैठने वाले छिटक गए। आंकड़ा बताता है कि 97.46% यात्रियों की संख्या घट गई।
मेट्रो ट्रेन का औपचारिक उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 मई को भोपाल से वर्चुअली किया गया था। मेट्रो ट्रेन ने इंदौर में वाणिज्यिक परिचालन का एक महीना पूरा कर लिया है। देखकर लग रहा है कि मेट्रों का शुरुआती उत्साह तेजी से फीका पड़ गया। 1 जून, 2025 को मेट्रो ने 26,803 यात्रियों को ढोया था। एक महीने बाद 1 जुलाई को यह संख्या आश्चर्यजनक रूप से घटकर मात्र 680 यात्री रह गई। आशय यह कि नियमित सवारियों में 97.46% की भारी गिरावट दर्ज हुई।
शुरुआती दिनों में इंदौर मेट्रो को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी। शहर के सभी नेताओं और अफसरों ने इसमें सफर किया और इसे शहर की जरूरत बताया। शुरुआत में प्रतिदिन औसतन 25 हजार से अधिक यात्री सेवा का उपयोग करते थे। लेकिन, यह रुझान अब कायम नहीं रहा और यात्री कम हो गए।
छुट्टी के दिनों में जरूर यात्री बढ़े
अधिकांश दिनों में मेट्रो में यात्रियों की औसत संख्या 500 से भी कम आंकी जा रही हैं। केवल शनिवार, रविवार को यात्रियों की संख्या 1,000 के आंकड़े को पार करती है, जो रोज की तुलना में छुट्टी के दिन शौकिया तफरीह करने का इशारा है। जब मेट्रो ट्रेन की शुरुआत हुई, तो पहले सप्ताह में 1.43 लाख से अधिक यात्रियों ने मेट्रो रेल का उपयोग किया। उसके मुकाबले अभी पूरे सप्ताह में केवल 11,579 यात्रियों ने ही सवारी की। जून के आखिरी सप्ताह में सिर्फ़ 15,947 यात्री ट्रेन में बैठे।
यात्री घटे तो संचालन में भी संशोधन
यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट होने के कारण मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएमआरसीएल) को मेट्रो के शेड्यूल और किराए के ढांचे में भी संशोधन किया है। 23 जून से सप्ताह के दिनों में मेट्रो का परिचालन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक कर दिया गया हैं। अब हर 1 घंटे में एक ट्रेन ही संचालित होगी। लेकिन, सप्ताहांत में मेट्रो का संचालन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक किया जा रहा है। यानी हर 30 मिनट पर एक ट्रेन चलती है। सेवाओं में कमी के बावजूद, मेट्रो के 15 मिनट देरी से चलने की भी जानकारी मिली। इससे समय की पाबंदी को लेकर चिंताएँ बढ़ गई।
किराया भी कम किया गया
शुरुआती सप्ताह में यात्रियों को मुफ्त यात्रा कराई गई। इसके बाद 75% और 50% तक किराए में छूट दी गई। वर्तमान में यात्रियों को 25% की छूट मिलती है, यह भी रुचि बनाए रखने के लिए अपर्याप्त लगता है। न्यूनतम किराया 15 रुपए और अधिकतम किराया 23 रुपए कर दिया गया है। यह स्थिति इसलिए बनी कि यात्रियों की घटती संख्या और परिचालन संबंधी बढ़ती चिंताओं के कारण, मेट्रो प्रशासन को प्रबंधन के लिए सिस्टम को मांग पर आधारित बनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।