

BJP National President : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में कई नाम, किसी महिला को कमान मिल जाए तो आश्चर्य नहीं!
New Delhi : छह राज्यों के बीजेपी अध्यक्षों के चुनाव के बाद अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का आधार तैयार हो गया। पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया भी तेज हो गई। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर चल रही खींचतान के बीच नई खबर यह है कि बीजेपी पहली बार किसी महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का विचार कर सकती है। क्योंकि, बीजेपी ने हाल के वर्षों में महिला मतदाताओं को लुभाने में बड़ी सफलता पाई है। विशेष रूप से मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में यह सफलता कुछ ज्यादा ही आंकी गई।
पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में ही समाप्त गया था। लेकिन, पार्टी ने उन्हें जून 2024 तक का विस्तार दिया था।, इसे भी एक साल हो गया। अब नए अध्यक्ष की घोषणा अगले कुछ दिनों में हो सकती है। इसमें तीन प्रमुख महिला नेताओं के नाम चर्चा में सामने आए हैं।
ये हैं वो तीन नाम जिन्हें दावेदार माना जा रहा।
● निर्मला सीतारमण : वित्त मंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पार्टी संगठन में गहरी पैठ रखती हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भी नजदीक हैं। केंद्र सरकार में लंबे अनुभव के चलते सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा हैं। हाल ही में उन्होंने बीजेपी मुख्यालय में जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष के साथ बैठक भी की थी। उनका दक्षिण भारत से आना भाजपा के दक्षिण विस्तार रणनीति के लिए भी फायदेमंद होगा।
● डी. पुरंदेश्वरी : अनुभवी और बहुभाषी नेता आंध्र प्रदेश बीजेपी की पूर्व अध्यक्ष डी पुरंदेश्वरी भी दावेदारों में हैं। कई राजनीतिक दलों के साथ काम करने का अनुभव और पार्टी में व्यापक स्वीकार्यता है। उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक अभियान का हिस्सा भी बनाया गया था।
● वनाथी श्रीनिवासन : भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी तमिलनाडु की कोयंबटूर दक्षिण सीट से विधायक वनाथी श्रीनिवासन 1993 से बीजेपी से जुड़ीं और संगठन में कई पदों पर रही हैं। 2022 में केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं और ऐसा करने वाली पहली तमिल महिला नेता।
संघ भी महिला को कमान देने के पक्ष में
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आईएसएस) ने भी इस विचार को समर्थन दिया है कि भाजपा को अब एक महिला को नेतृत्व में लाना चाहिए। यह कदम 33% महिला आरक्षण विधेयक की भावना के अनुरूप भी होगा, जिसका प्रभाव अगले परिसीमन के बाद लोकसभा में दिखेगा।
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