Minister in Charge : जिलों का प्रभार अगले सप्ताह सौंपा जाना तय, वरिष्ठ मंत्रियों को 2 जिलों का प्रभार!
Bhopal : अगले सप्ताह वरिष्ठ मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपे जाने की तैयारी है। जानकारी के मुताबिक, इन वरिष्ठ मंत्रियों को एक से ज्यादा जिलों का प्रभार सौंपे जाने की नीति तय की गई है। मंत्रिमंडल सदस्यों को नई सरकार के गठन के 7 महीने बाद भी जिलों के प्रभार नहीं सौंपा गया है। तबादला नीति घोषित करने से पहले मंत्रियों को प्रभार दिया जाना भी जरूरी है।
माना जा रहा कि बड़े अधिकारियों की एक और तबादला सूची जारी होने के बाद मंत्रियों को प्रभार के जिले भी बांट दिए जाएंगे। कुछ चुनिंदा मंत्रियों को दो जिलों के प्रभार मिलना तय माना जा रहा है। अगले सप्ताह यह सूची जारी हो सकती है। सरकार और संगठन में इस मुद्दे पर कई दौर की चर्चा हो चुकी है। समझा जा रहा है कि योजना के मुताबिक, स्वतंत्रता दिवस पर अधिकांश जिलों में प्रभारी मंत्री ही ध्वजारोहण करेंगे।
मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव सहित उनकी कैबिनेट में 32 सदस्य हैं। लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए रामनिवास रावत भी पिछले महीने 8 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ले चुके। सरकार और संगठन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह तय है कि आजादी की सालगिरह 15 अगस्त को अधिकाधिक जिलों में प्रभारी मंत्री ही ध्वजारोहण करेंगे। माना जा रहा कि दो डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा व राजेंद्र शुक्ल सहित कैबिनेट में मौजूद सीनियर मंत्रियों को ही बड़े जिले के साथ ही एक से अधिक जिलों का प्रभार सौंपा जाएगा।
जिलों का प्रभार सौंपने में राजनीतिक और क्षेत्रीय समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा। वरिष्ठ मंत्रियों को दो-दो जिले और पहली बार के मंत्रियों को उनके गृह जिले के समीपस्थ जिलों का प्रभार देने की तैयारी की गई है। मोहन मंत्रिमंडल में पहली बार के 13 मंत्री हैं। सीनियर मंत्रियों में कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राव उदयप्रताप सिंह, विजय शाह और गोविंद सिंह राजपूत जैसे नेता हैं।
प्रदेश के बड़े जिलों में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रीवा और उज्जैन सहित कुछ आदिवासी जिलों की कमान भी वरिष्ठ मंत्रियों को सौंपी जा सकती है। प्रदेश के चार बड़े जिलों की कमान वरिष्ठ मंत्रियों को सौंपना तय है। इस बारे में केंद्रीय नेतृत्व से भी सहमति मिलने की जानकारी मिली।