मंत्री सिलावट ने दो चिकित्सकों को निलंबित और एक डॉक्टर को अटेच करने के दिए निर्देश

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इंदौर: “स्वास्थ्य शिक्षा एवं स्वच्छता में प्रदान की जाने वाली सेवाओं में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। गरीबों एवं किसानों को निस्वार्थ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना हमारा प्राथमिक कर्तव्य है, यदि इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बरती जाएगी तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।” यह बात आज जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र के अस्पताल एवं प्राथमिक तथा सामूहिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्य कर रहे चिकित्सकों की रेसीडेंसी कोठी में आयोजित की गई समीक्षा बैठक में कहीं गई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मंत्री श्री सिलावट ने चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध नहीं होने एवं अपने दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डकाच्या के डॉ. अविष्कार सिंह तथा शिप्रा के डॉ. कमलेश को निलंबित करने के निर्देश दिए तथा डॉ. सतीश पंवार को तत्काल प्रभाव से सांवेर से रिलीव कर देपालपुर अटैच करने के निर्देश दिए। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि पैरामेडिकल स्टाफ से लेकर चिकित्सकों तक सभी को नियमित रूप से अपने कार्यस्थल पर उपस्थित रहना है यदि कोई भी ड्यूटी के समय में अनुपस्थित पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि जल्द ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की एक समिति बनाई जाएगी, जो अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों का भौतिक सत्यापन कर वहां की समस्याओं से स्वयं अवगत होकर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उन्होंने सीएमएचओ को निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों में पेयजल एवं अन्य स्वास्थ्य सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए तथा वहां लंबित निर्माण कार्यों को भी जल्द से जल्द संपन्न कराने के निर्देश दिए।                                                                   मंत्री श्री सिलावट ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सैत्या को निर्देश दिए कि फायर सेफ्टी प्रोटोकॉल का हर अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्रों में पूर्ण रुप से पालन किया जाए इसमें किसी भी तरह की कोई कोताही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में किए जा रहे कार्य तथा बैठक में दिए गए निर्देशों की अनुपालन स्थिति हेतु वे हर 30 दिन की समय अवधि के अंतर्गत समीक्षा करेंगे।