Misdemeanor on School Bus : स्कूल बस में दुष्कृत्य, बस ड्राइवर और केयरटेकर महिला दोषी!
रमेश सोनी की रिपोर्ट
Bhopal : 3 माह पहले स्कूल बस में बस के ड्राइवर ने एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था जिसमें आरोपी का सहयोग स्कूल बस केयर ट्रेकर उर्मिला साहू ने किया था। मामले में शनिवार को भोपाल जिला न्यायालय में सुनवाई हुई। जहां न्यायालय ने मुख्य आरोपी हनुमत जाटव को धारा 376 (एबी),376 (2) और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपियों को दोषी पाया है।विशेष लोक अभियोजक मनीषा पटेल ने बताया कि इन धाराओं में दोषियों को फांसी तक की अधिकतम सजा का प्रावधान है।और वहीं केयर टेकर उर्मिला साहू को धारा 109 और 16/17 में दोषी पाया गया हैं। इस मामले में अभियोजन ने मात्र 14 दिन में 32 साक्षियों के न्यायालयीन कथन पूर्ण कराए थे।वहीं पुलिस द्वारा मात्र 20 दिन में विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था।
विशेष न्यायालय पॉक्सो सुश्री शैलजा गुप्ता द्वारा बहुचर्चित बिलाबोंग स्कूल बस में बच्चियों के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी हनुमत जाटव पिता सुरेश जाटव उम्र 32 वर्ष निवासी शाहपुरा भोपाल एवं आरोपियां उर्मिला साहू पति रमेश साहू उम्र 40 वर्ष निवासी कोलार भोपाल को धारा 376 (एबी), 376(2) एन भादवि व 5 एफ,एल,एम/6 पॉक्सो एक्ट में दोषी करार दिया गया सिद्ध एवं आरोपियां उर्मिला साहू को धारा सहपठित धारा 109 तथा 16/17 भादवि में दोषसिद्ध किया गया। दण्ड के प्रश्न पर सुनवाई हेतु प्रकरण 12/दिसंबर/2022 को आहूत किया गया हैं।
इस प्रकरण में अभियोजन संचालन हेतु कलेक्टर भोपाल द्वारा विशेष लोक अभियोजक श्रीमती मनीषा पटेल को नामांकित किया गया था। विशेष लोक अभियोजक मनीषा पटेल ने गंभीर प्रकरण अत्यंत सजगता एवं जागरूकता पूर्वक मात्र 14 दिनों में 32 साक्षियों के कथन पूर्ण कराएं। तथा सशक्त अंतिम तर्क परिस्थितिजन्य साक्ष्य के संबंध में प्रस्तुत किया था।जिससे सहमत होते हुए विशेष न्यायालय ने आरोपी गणों को दोषसिद्ध किया हैं।
क्या था घटनाक्रम
पीड़िता के माता-पिता ने थाना महिला थाना भोपाल में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 08/सितंबर/2022 को दोपहर 1:30 से 1:45 बजे को जब उनकी 3 वर्ष 6 माह की बच्ची स्कूल से घर वापस आई तब उसका स्कूल यूनिफार्म बदला हुआ था, तब बच्ची की मां ने जब उससे पूछा कि आपका ड्रेस किसने बदला है तो बच्ची ने बताया कि उसका स्कूल यूनिफार्म बस वाले अंकल ने बदला हैं। बच्ची की मां ने उसका स्कूल यूनिफार्म जब बैग में चेक किया तो यूनिफार्म न गंदा था न गीला था।
बच्ची का स्कूल यूनिफार्म बिना किसी कारण बस स्कूल ड्राइवर द्वारा बदले जाने की आशंका पर बच्ची के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन से बात की और प्रशासन को घटना के बारे में बताया तब बच्ची की क्लास टीचर ने माता-पिता को बताया कि बच्ची स्कूल से छुट्टी होने के बाद स्कूल यूनिफार्म से ही घर के लिए स्कूल बस से निकली थी। माता-पिता ने स्कूल प्रशासन से बस में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की मांग की तब स्कूल प्रशासन द्वारा माता-पिता को आश्वासन दिया गया कि वे लोग उन्हें एक-दो दिन में बस का फुटेज उपलब्ध करा देगें।
शाम को जब बच्ची के पिताजी ने अपनी बेटी से प्यार से पूछा कि बेटा आपको कोई परेशान करता है तब बच्ची ने अपने पापा से कहा कि हां बस अंकल मुझे परेशान करते हैं और वह गंदे हैं और मुझे बेड टच करते हैं बच्ची ने अपने पापा को यह भी बताया कि बस अंकल उसे अपनी गोद में बैठाकर उसके प्राइवेट पार्ट को बहुत बार छूते थे और उसके प्राइवेट पार्ट पर फिंगरिंग करते थे, जिससे उसे दर्द होता था तब बस आंटी उर्मिला दीदी उसे गोद में उठा लेती थी, और उसे चुप करा देती थी और बस अंकल उसे टॉफी भी देते थे और उसका गला पकड़कर एवं बाल खींचकर उसे डराते हुए कहते थे कि यह बात किसी को बताई तो तुम्हें मारूंगा।
अगले दिन शनिवार को बच्ची को लेने के लिए संबंधित बस में आरोपी बस चालक तथा आरोपी महिला केयर टेकर पुन: सुबह लेने के लिए बच्ची के घर के पास बस स्टॉप पर पहुंचे,तो बच्ची के माता-पिता ने अपनी बच्ची को स्कूल नहीं भेजा। दोनों स्कूल प्रशासन से मिलकर आरोपी बस ड्रायवर हनुमत तथा महिला केयर टेकर उर्मिला साहू द्वारा की गई घटना की पूरी जानकारी थी, तब प्रशासन ने टालमटोल कर बगैर वीडियो फुटेज दिए स्कूल से वापस कर दिया था।
सोमवार को पुन: वही आरोपी गण दूसरी बस में दो अन्य व्यक्तियों के साथ बच्ची को लेने उसके घर पहुंचे तब बच्ची के माता-पिता ने बच्ची को स्कूल भेजने से इंकार कर दिया तथा पुलिस कमिश्नर आफिस में जाकर घटना की जानकारी दी थी। प्रकरण में विवेचना के दौरान अन्य बच्ची के माता-पिता ने भी ये बताया कि आरोपी हनुमत ने उनकी बेटी के साथ कई बार गलत काम और अश्लील हरकत की। दूसरी पीड़ित बच्ची तथा उसके माता-पिता के बयान विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट के तहत न्यायालय में कथन पूर्ण कराए गए थे।
पुलिस कमिश्नर द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित की गई तथा एसआईटी टीम के प्रमुख ऋतु कीर्ति के निर्देश पर एसीपी निधि सक्सेना एवं महिला थाना प्रभारी अंजना धुर्वे 20 दिनों के अंदर मामले में विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।