

Mission Malnutrition-Free District : कुपोषित जिला मुक्त अभियान के तहत जिले की 220 ग्राम पंचायतों के 10 हजार बच्चों का लक्ष्य!
हरदा से अभिषेक दमाडे की रिपोर्ट.
Harda : जिले के कलेक्टर की नवाचार के लिए जितनी भी प्रशंसा की जाए अतिश्योक्ति नहीं होगी, इनसे पहले हरदा जिले में काफी कलेक्टर आए, गए परन्तु उन्हें कभी उनके विभागीय कार्यों से ही फुर्सत नहीं मिली ऐसे में वो जनता के लिए कुछ नया करने का समय नहीं निकाल पाएं। परंतु वर्तमान कलेक्टर विभागीय कार्य में प्रदेश में काफी शानदार प्रदर्शन कर रहें है साथ ही समय निकाल कर जनता के लिए नवाचार करने में भी पीछे नहीं हटते, कलेक्टर आदित्य सिंह हरदा जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए मिशन मोड में आ गए हैं उन्होंने एक इस अभियान का नाम हृदय अभियान 2.0 रखा है। बता दें कि हृदय अभियान 2.0 में अब जिले के 10 हजार बच्चे होंगे लाभान्वित। हृदय अभियान के प्रथम चरण में 50 ग्रामों के 225 बच्चों की सेहत में हुआ सुधार हुआ था।
क्या है हृदय अभियान 2.0...
कलेक्टर आदित्य सिंह के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करते हुए ‘‘हृदय अभियान’’ प्रारंभ किया था। इस अभियान के तहत बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिए प्रथम चरण में चयनित 50 ग्रामों के 225 बच्चों को फ्लेवर्ड मोरिंगा पावडर प्रदान किया। इन गांवों के कुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के उद्देश्य से ग्रेनुअल फार्म में फ्लेवड मुरंगा पावडर दुध के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सुपरविजन में प्रतिदिन प्रदान किया। उन्होंने बताया कि 3 माह में सभी सामान्य श्रेणी में आ गए। फ्लेवर्ड मोरिंगा पाउडर और दूध आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया। अभियान के तहत पशुपालकों से स्व-सहायता समूहों के माध्यम से दुध एकत्रित कर आंगनवाड़ी के बच्चों को प्रदाय किया जा रहा हैं। इसके बेहतर सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। जिले के इन चयनित ग्रामों के 225 सामान्य एवं मध्यम श्रेणी के कुपोषित बच्चों की सेहत में सुधार देखने को मिला है।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि हृदय अभियान की सफलता को ध्यान में रखते हुए हृदय अभियान 2.0 प्रारम्भ किया जा रहा हैं। इस अभियान के तहत जिले की सभी 220 ग्राम पंचायतों के लगभग 10 हजार बच्चों का लक्ष्य रखा गया है। इनमें मध्यम एवं गंभीर कुपोषित बच्चों के साथ-साथ सामान्य श्रेणी के ऐसे बच्चे भी लिए जा रहें हैं जो कुपोषण की सीमा रेखा पर है। अभियान के तहत प्रत्येक कुपोषित बच्चे को 10 ग्राम फ्लेवर्ड मुनगा ग्रेनुअल पाउडर व दुध प्रतिदिन प्रदान किया जाएगा।