

Misuse of Loan of Bluesmart Cab : जनता के पैसे से कार-बंगले खरीदकर और गोल्फ कोर्ट बनाकर फंसे जग्गी ब्रदर्स, SEBI ने बैन किया!
New Delhi : इलेक्ट्रिक कैब सेवा के सह-संस्थापक और बड़े कारोबारी अनमोल जग्गी और पुनीत जग्गी मुश्किल में आ गए। उन पर मार्केट से प्राप्त निवेश के पैसे का दुरुपयोग कर आलीशान गाड़ी और महंगे बंगले खरीदने का आरोप लगा है। उन्होंने इस पैसे से गोल्फ कोर्ट भी बनवाया। जानकारी के मुताबिक जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड और ब्लूस्मार्ट के जग्गी बंधुओं ने 1,700 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए ₹262 करोड़ के ग्रीन एनर्जी लोन का दुरुपयोग किया।
इस धोखाधड़ी के कारण न केवल निवेशकों का पैसा डूब गया, बल्कि वे अपने पदों से भी हटा दिए गए। इससे उनकी साख को धक्का लगा है। कैब सेवा ब्लूस्मार्ट लोन घोटाले का खुलासा होने व इसके परिचालन पर ब्रेक लगने के साथ ही देश के राइड-हेलिंग बाजार में खलबली मच गई।
जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड को भारत के शीर्ष बाजार नियामक की ओर से फंड डायवर्जन और दस्तावेजों में जालसाजी करने के लिए फटकार लगाने के बाद इसके 8,000 इलेक्ट्रिक वाहन के भविष्य पर सवाल उठने लगे। ब्लूस्मार्ट कैब की वर्तमान स्थिति ने भारतीय राइड-हेलिंग बाजार में उथल-पुथल मचा दी है। कंपनी पर लोन के दुरुपयोग का आरोप और संबंधित इकाई जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड को फंड डायवर्जन के लिए फटकार ने स्थिति को गंभीर बना दिया। इसके चलते ब्लूस्मार्ट ने अपने संचालन को निलंबित कर दिया, जिससे ग्राहकों का धन भी फंस गया।
इस स्थिति में उबर और ओला जैसे राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म को लाभ मिल सकता है। रैपिडो और नम्मा यात्री के बढ़ते दबाव की स्थिति में बाजार पर असर होगा। ये नए प्लेटफॉर्म कमीशन के बजाय सदस्यता शुल्क मॉडल पर खड़े होने में सफल रहे हैं, जो ड्राइवरों में लोकप्रिय हो रहा है। अभी ब्लूस्मार्ट का भविष्य अनिश्चित है। अगर कंपनी अपनी वित्तीय समस्याओं का समाधान नहीं कर पात रही है, तो उबर का ब्लूस्मार्ट का अधिग्रहण एक संभावित विकल्प हो सकता है, जिससे उबर को बाजार में स्थिति को मजबूती देने का अवसर मिल जाएगा।
सेबी ने भी जग्गी बंधुओं पर कार्रवाई की
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जग्गी बंधुओं पर प्रतिभूति बाजार में प्रमुख पदों पर रहने पर प्रतिबंध लगाया है। यह कार्रवाई तब हुई जब उनके द्वारा की गई वित्तीय गड़बड़ियों के मामले सामने आए। इस स्थिति ने उनके व्यवसाय को एक गंभीर झटका दिया है और ब्लूस्मार्ट कैब की विश्वसनीयता को भी प्रभावित किया है। जानकारी के अनुसार भारत का 1 बिलियन डॉलर का राइड-हेलिंग बाज़ार उथल-पुथल के दौर से गुज़र रहा है। इलेक्ट्रिक कैब सेवा ब्लूस्मार्ट ने परिचालन रोक दिया गया। ऐसे में जबकि प्लेटफ़ॉर्म सदस्यता शुल्क के लिए कमीशन-आधारित मॉडल को छोड़ रहे हैं और विनियामक बाइक टैक्सियों पर नकेल कस रहे हैं।
सेबी की सख्ती के बाद ब्लूस्मार्ट ने अपने वाहनों पर ब्रेक लगा दिया। इससे पहले संबंधित-पक्ष इकाई जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड को भारत के शीर्ष बाज़ार विनियामक ने फंड डायवर्जन और दस्तावेज़ों में जालसाजी के लिए खिंचाई की थी।
ब्लूस्मार्ट का भविष्य अब क्या होगा
दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई में सेवाओं को निलंबित करने के बाद, ब्लूस्मार्ट ने ग्राहकों से कहा है कि उनके इन-ऐप वॉलेट बैलेंस वापस करने में 90 दिन तक का समय लग सकता है। अपने ब्लूस्मार्ट वॉलेट में बड़ी रकम रखने वाले यूजर्स के लिए चिंता का कारण है, जैसे कि जेनसोल, जिसने ब्लूस्मार्ट को पट्टे पर देने के लिए ईवी खरीदने के लिए ऋण का भुगतान नहीं किया, कैब सेवा भी नकदी की समस्या से जूझ रही है।