मोदी, अटल, मध्यप्रदेश और मोहन…

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मोदी, अटल, मध्यप्रदेश और मोहन…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

जब भारत और मध्यप्रदेश संविधान दिवस मना रहा था, तब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंग्लैंड में सामाजिक एकता व समरसता के अग्रदूत, भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के लंदन स्थित आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ब्रिटेन के पार्लियामेंट स्क्वायर गार्डन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे। यूके और जर्मनी की छह दिवसीय इस यात्रा में मोहन यादव का मुख्य उद्देश्य प्रवासी भारतीय निवेशकों को मध्यप्रदेश की तरफ आकर्षित करना है। प्रयास नया नहीं है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस तरह की कवायद करते रहे हैं। पर मोहन यादव ने उम्मीद जगाई है कि निवेशक कागजों से उतरकर धरती पर कदम रखेंगे। और ऐसे में यूके-जर्मनी में फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश फरवरी 2025 में भोपाल आकर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का हिस्सा बन निवेश की मंशा जताते हैं तो मोहन की यह छह दिवसीय यात्रा परिणामदायी साबित हो जाएगी।

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इस यात्रा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जहां दिल से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर रहे हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का हवाला भी दे रहे हैं। तो मध्यप्रदेश की खूबियों और मोहन सरकार के औद्योगिक विकास के प्रयासों को खुलकर साझा कर रहे हैं। जैसे “मध्य प्रदेश में सभी संभावनाएं हैं जिसके बल पर देश और दुनिया से बड़े पैमाने पर निवेशकों को आकर्षित किया जा सकता है।” मोहन ने साझा किया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन और कार्य करने का तरीका अद्भुत है। “फ्रेंड्स ऑफ मध्य प्रदेश” के सदस्यों को बताया कि आज भारत बदलते दौर का भारत है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन उनका काम करने का तरीका अपने आप में अलग है। यह बात और भी गौरवांवित करती है कि जब अन्य देशों के द्वारा यह सुना जाए कि दुनिया में कोई नेता है तो नरेंद्र मोदी है यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। लोकतंत्र के इस पावन मंदिर में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, उन्हीं के पद चिन्हों पर पूरा देश तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर है। तो याद किया कि स्व. भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का नेतृत्व अद्भुत था। 24 दलों को साथ लेकर चलने की क्षमता, वह भी एक बार नहीं तीन-तीन बार प्रधानमंत्री बने। अटल जी के नेतृत्व में भारत ने परमाणु परीक्षण कर दुनिया को भारत की शक्ति से परिचित कराया।

तो खुशी जताई कि हमने मध्यम श्रेणी से लगाकर, इंडस्ट्री तक को डायरेक्ट सब्सिडी देना प्रारंभ किया। मध्यप्रदेश में सड़कें बनाईं, बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की। बताया कि गारमेंट्स की बात करें तो, प्रति लेबर 5 हजार रुपये महीना इंसेंटिव सरकार दे रही है। दस साल तक हम कमिटमेंट करके दे रहे हैं। लाभ ये कमाएंगे। हमारे कॉटन का हमें वहीं कपड़ा बनवाना है। ये हमारा प्रमुख उद्देश्य है।तो भरोसा दिलाया कि सिर्फ गारमेंट्स नहीं आईटी के और दूसरे क्षेत्र में भी सभी सुविधाएं हम प्रदान करेंगे। साझा किया कि मध्यप्रदेश के अंदर व्यापार की दिन दूनी रात चौगनी वृद्धि हो रही है। हमने सभी संभाग में रीजनल इंवेस्टर्स समिट प्रारंभ की ताकि रोजगार के अवसर बढ़ें, इंवेस्टमेंट आए। यह भी बताया कि भोपाल में पहली बार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट हो रही है। सभी संभागों में पहली बार रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव हो रही है। प्रदेश के बाहर महाराष्ट्र, बंगाल, तमिलनाडू कोयंबटूर में भी मध्यप्रदेश में निवेश की अपील की है। आज की स्थिति में लगभग ढाई लाख करोड़ के निवेश के इंटेंट प्राप्त हुए हैं। नवकरणीय ऊर्जा के मामले में हमने पानी के ऊपर सोलर पार्क बनाया है। विकास के मामले में मध्यप्रदेश ने विकास के सारे दरवाजे खोले हैं। भरोसा दिलाया है कि मध्यप्रदेश में हर क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं।

हालांकि “फ्रेंड्स ऑफ एमपी” के सदस्यों से संवाद मध्यप्रदेश को निवेश से आबाद करे, यह महत्वपूर्ण है। यह सुनकर अच्छा महसूस हो रहा है कि प्रवासी भारतीयों ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का दिल है। लंदन के पूर्व डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल ने कहा कि भारत और मध्य प्रदेश का उदय होने से कोई नहीं रोक सकता। आज भारत लंदन में सबसे बड़ा निवेशक है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। “फ्रेंड्स ऑफ एमपी” के संस्थापक सदस्य एवं एनआरआई मनीष तिवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में केवल वहीं के लोग नहीं बसते, बल्कि एमपी एक छोटा भारत है। मध्यप्रदेश भारत का दिल है। यहां सभी जगह के लोग बसते हैं। मेरे दिल में एक कसक थी कि एमपी के लोगों का कोई संगठन लंदन में हो, इसलिए हमने फ्रेंडस ऑफ एमपी का गठन किया। आप चाहे भोपाल जाएं, जबलपुर जाएं, कान्हा-किसली जाएं, उससे खूबसूरत कुछ और नहीं। तो मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मैं आप सभी को यहां निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं।देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिए रुचि दिखाई है। हमारी व्यापार और व्यवसाय नीतियां सरल, स्पष्ट और निवेशकों के लिए पूरी तरह अनुकूल हैं।

फिर बात वही कि प्रवासी भारतीय केवल अच्छी बातें कर खानापूर्ति कर औपचारिकता पूरी न कर लें, बल्कि निवेशक बनकर धरातल पर नजर आएं। मोहन की और मध्यप्रदेश की यही उम्मीद है। ढाई लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव पंख लगाकर विकास यात्रा में भागीदार बने। प्रवासी भारतीय और विदेशी निवेश भी मध्यप्रदेश में दिल बनकर विकास यात्रा के भागीदार बनें। तभी विदेश यात्रा की सार्थकता की चर्चा खुलकर हो सकेगी

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