24 घंटे में बांट दिया मोदी ने काम…और शुरू हुआ शिवराज की बैठकों का सिलसिला…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण के 24 घंटे बाद आखिरकार विभागों का बंटवारा हो गया। अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी भाजपा के मंत्रियों के पास ही रखी गई है। 9 जून 2024 को नरेंद्र मोदी 7 बजकर 13 मिनट पर शपथ लेने राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे। और 10 जून 2024 को 6 बजकर 13 मिनट पर ही मंत्रियों को विभाग वितरण की सूचनाएं आने लगीं। और 7 बजे तक तो मंत्री अपने काम करने को लेकर सक्रिय ही हो गए। मध्यप्रदेश के हिस्से में वह सब आया जिससे जन-जन का सीधा सरोकार है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। डॉ. वीरेंद्र कुमार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी यथावत देखते रहेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया संचार मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाएंगे। पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास मोदी सरकार की प्राथमिकता है। तो संचार वर्तमान में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका में है। दुर्गादास उइके को जनजातीय मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है। सावित्री ठाकुर महिला और बाल विकास मंत्रालय राज्यमंत्री के रूप में काम करेंगी। मध्यप्रदेश कोटे से छठवें मंत्री डॉ एल मुरुगन सूचना और प्रसारण मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय राज्यमंत्री का दायित्व निभाएंगे।
नौ माह से विधानसभा और उसके बाद लोकसभा चुनावों में व्यस्त शिवराज सिंह चौहान का काम विभाग मिलने के ठीक बाद शुरू हो गया है। जैसे ही प्रधानमंत्री के साथ कैबिनेट बैठक के बाद विभागों का लिफाफा हाथ में थमाया गया, वहां से मध्यप्रदेश भवन स्थित अस्थायी आवास तक आते-आते शिवराज सिंह चौहान ने बैठक बुलाने की भूमिका तैयार कर ली थी। और मध्यप्रदेश भवन आते ही उन्होंने सहयोगी सत्येंद्र खरे को आनन-फानन में अफसरों को बैठक के लिए बुलाने के निर्देश दे दिए। ऐसे में शीघ्र ही अफसरों के संपर्क तलाशकर उन्हें बैठकों के लिए तलब किया गया और बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया। शिवराज के हिस्से में उनके सबसे करीबी सखा नरेंद्र सिंह तोमर के हिस्से की जिम्मेदारी आई है। कृषि मंत्री के दायित्व को लेकर चुनाव के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संकेत दे चुके थे। नरेन्द्र सिंह तोमर भी इन दोनों विभागों के मंत्री रह चुके हैं।
सीसीएस यानी केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति में चार मंत्रालय होते हैं- गृह, रक्षा, वित्त और विदेश। इनमें कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। यानी अमित शाह गृह मंत्री, राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री, निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री और एस जयशंकर विदेश मंत्री बने रहेंगे। इनके इतर पांचवें सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं नितिन गडकरी। उनकी जिम्मेदारी में भी बदलाव नहीं किया गया है। वह लगातार तीसरी बार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बने हैं। पहले बताया जा रहा था कि एनडीए के सबसे अहम घटक दल और 16 सांसदों वाली टीडीपी सड़क परिवहन मंत्रालय चाहती है। पर ऐसा नहीं हुआ और गडकरी की जिम्मेदारी बरकरार रखी गई है। प्रधानमंत्री की टीम में गडकरी ऐसे इकलौते वरिष्ठ मंत्री बन गए हैं, जिनकी जिम्मेदारी में 2014 से अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ है।कैबिनेट में सात महिलाओं को जगह मिली है। मोदी 3.0 कैबिनेट में शामिल कुल कैबिनेट मंत्रियों में 25 बीजेपी के हैं। 5 मंत्री पद सहयोगी पार्टियों को दिए गए हैं। स्वतंत्र प्रभार के साथ 5 सांसदों को राज्य मंत्री बनाया गया है। बाकी बचे मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पास रखे हैं।
तो शपथ के समय ही जम्मू कश्मीर ने एक बार फिर संकेत दिए हैं कि आतंकवादियों को पूरी तरह से कुचलना अभी बाकी है। शाह को एक बार फिर शाही तैयारी कर इस तरफ ध्यान देना पड़ेगा। खैर मोदी-3 कार्यकाल शुरू हो चुका है। इसमें मध्यप्रदेश सीसीएस यानी केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति के बाहर महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आ रहा है। शपथ ग्रहण के 24 घंटे में मोदी ने काम बांट दिया…और शिवराज की बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है …।