चेन्नई: दुनिया भर से 44वें शतरंज ओलंपियाड में भाग लेने यहां पहुंचे खिलाड़ियों का स्वागत करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को टूर्नामेंट के आरंभ की घोषणा करते हुए ‘अतिथि देवो भव’ की भारत की परंपरा का उल्लेख किया और कहा कि खेलों में कोई हारता नहीं है क्योंकि इसमें विजेता और भावी विजेता होते हैं ।
भारत में पहली बार हो रहे 44वें शतरंज ओलंपियाड का प्रधानमंत्री मोदी ने आज यहां जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पर तमिलनाडु की संस्कृति को दर्शाते रंगारंग कार्यक्रम में उद्घाटन किया ।
प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के महान संत तिरूवल्लुवर का जिक्र करते हुए कहा ,‘‘ संत तिरूवल्लुवर ने कहा था कि आजीविका कमाने और घर बनाने का एक ही लक्ष्य होता है कि वह आतिथ्य से परिपूर्ण हो । हम पूरा प्रयास करेंगे कि आपका प्रवास सुखद हो और आप अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखा सकें ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ खेल सुंदर है क्योंकि इसमें लोगों को , समाज को जोड़ने की ताकत है ।यह टीमवर्क को बढावा देता है । दो साल पहले कोरोना महामारी की शुरूआत हुई और दुनिया थम गई लेकिन ऐसे समय में खेल आयोजनों ने दुनिया को जोड़ा । हर टूर्नामेंट ने महत्वपूर्ण संदेश दिया कि हम एकसाथ अधिक मजबूत है । मुझे यही भावना यहां दिख रही है ।’’
उन्होंने आगे कहा ,‘‘ 44वें शतरंज टूर्नामेंट में कई मायनो में कई बातें पहली बार हो रही है ।यह पहली बार भारत में शतरंज के जन्मस्थान पर हो रहा है । यह तीन दशक में पहली बार एशिया में हो रहा है । पहली बार इसमें सर्वाधिक देश और टीमें भाग ले रही हैं । इसमें महिला वर्ग में सर्वाधिक प्रविष्टियां मिली है और पहली बार शतरंज में मशाल रिले हुई है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ यह शतरंज ओलंपियाड सभी की यादों में हमेशा रहेगा। हमारी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में मशाल 75 शहरों में 27000 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है । इसने युवाओं को शतरंज खेलने के लिये प्रेरित किया और यह गर्व की बात है कि शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले हमेशा भारत से शुरू होगी । हर भारतीय की ओर से मैं फिडे को इसके लिये धन्यवाद देता हूं ।’’
ओलंपियाड से हटने के बाद पाकिस्तान के खिलाड़ी भारत से रवाना
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के कारण गुरुवार को यहां शुरू हुए 44वें शतरंज ओलंपियाड में पाकिस्तान की टीम का अभियान शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया और टीम के खिलाडी रात को यहां से रवाना हो गए ।