मोहन भागवत ने इंदौर में इशारों में बहुत कुछ जान लिया!

905

हेमंत पाल की खास खबर

Indore MP: आरएसएस के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत ने दो दिन की इंदौर यात्रा के दौरान सत्ता, संगठन और पार्टी की भविष्य की संभावनाओं के बारे में बहुत कुछ जान लिया। उन्होंने किसी सार्वजनिक या राजनीतिक कार्यक्रम में तो भाग नहीं लिया, पर वे जिनसे भी मिले, उनसे बातचीत में बहुत कुछ समझा। वे न तो किसी भाजपा नेता से सार्वजनिक रूप से मिले और न मीडिया को आसपास फटकने दिया। जिन लोगों से मुलाकात की, उनसे भी संघ की चैनल के जरिए ही मिले।
मंगलवार को उन्होंने युवा उद्योगपतियों और संघ के कुछ पदाधिकारियों से चर्चा की और बुधवार को शिक्षाविदों और गणमान्य नागरिकों से चर्चा की। उन्होंने देश की शिक्षा नीति के बारे में चुनिंदा शिक्षाविदों से लम्बी बातचीत की। इसके अलावा शहर के कुछ गणमान्य नागरिकों से देश, समाज के बारे में बात की। मालवा अंचल को संघ का प्रमुख शहर और मजबूत गढ़ माना जाता है। इसलिए उनकी इस यात्रा को गंभीर माना जा रहा है। रामबाग स्थित संघ कार्यालय पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। कोरोना के कारण उनका शहर में कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं रखा गया। डॉ मोहन भागवत का पहला दिन युवा उद्यमियों से बातचीत में बीता। उनसे चर्चा में पूछा गया कि वे कारोबार में सफल होने के बाद देश और समाज के लिए क्या करने का विचार कर रहे हैं। शहर के कुछ ऐसे युवा उद्योगपतियों से भी बातचीत की, जिन्होंने स्टार्टअप से सफलता पाई है। भागवत ने उनसे आयडिया और उसे आगे बढ़ाने के बारे में भी चर्चा की। उनकी सफलता की कहानियां सुनी और समाज के प्रति उनके विचार जाने। कुछ युवाओं ने उन्हें पर्यावरण सुधार, समाज व शिक्षा के लिए किए कार्यों की भी जानकारी दी। इसके बाद वे कुछ समाजों के प्रमुखों से भी मिले।
संघ के कुछ स्थानीय पदाधिकारियों से भी डॉ भागवत ने अलग-अलग बातचीत की। उनसे मिलने-जुलने वालों का सिलसिला पूरे दिन चलता रहा। आरएसएस के एक स्थानीय पदाधिकारी ने बताया कि कोविड-19 से बचाव के लिए जारी सरकारी दिशा-निर्देशों के कारण इस दौरे में भागवत का न तो कोई सार्वजनिक कार्यक्रम रखा गया और न वे किसी बड़ी बैठक में शामिल हुए। संघ के सर संघचालक डॉ भागवत मंगलवार को इंदौर आए थे। जेड प्लस सुरक्षा के बीच स्टेशन से सीधे रामबाग स्थित अर्चना कार्यालय पहुंचे। इसके बाद वे चमेली पार्क में विनोद अग्रवाल के घर गए और करीब पौने दो घंटे चुनिंदा उद्योगपतियों से आत्मनिर्भर भारत, मेड इन इंडिया जैसे विषयों पर बात की और यहीं खाना खाया। उन्होंने पहले दिन सत्ता और संगठन का फीडबैक भी लिया। उन्होंने इस दौरान बुद्धिजीवियों से भी मुलाकात की। दोनों दिनों में उनका कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं रखा गया। न कोई बड़ी बैठक रखी गई। लेकिन, वे 8 से 10 लोगों की टोली के रूप में शिक्षाविदों और बुद्धिजीवी लोगों और उद्योगपतियों से मिले।
डॉ भागवत ने साइन लैंग्वेज को भाषा का दर्जा दिलाने की पहल करने वाले ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित से भी मुलाकात की। हाल ही में साइन लैंग्वेज को भाषा का दर्जा दिया गया, जिसका फायदा देश के करोड़ों दिव्यांगों को मिला है। पुरोहित दंपत्ति दिव्यांगों के लिए एक संस्था चलाते हैं।
जमीन बचाने की कोशिश
कांग्रेस का कहना है कि डॉ मोहन भागवत भाजपा की खिसकती जमीन की असलियत जानने इंदौर आए हैं। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने कहा कि सभी को पता है कि जिस तरह से कोरोना काल में सभी परेशान रहे, चाहे वे व्यापारी हों या किसान या महिलाएं। सभी कहीं न कहीं दुखी हैं। जायसवाल ने कहा कि डॉ भागवत अपने कार्यकर्ताओं को समझाएं कि जनता के दुख में भागीदारी करें। उनकी समस्याएं समझकर उनका निराकरण करें।