
National Health Mission : छत्तीसगढ़ में NHM कर्मचारियों में आक्रोश : बर्खास्तगी के विरोध में 33 जिलों से सामूहिक इस्तीफा,स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित!
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission – NHM) के कर्मचारियों का आंदोलन अब चरम पर पहुंच गया है।
राजधानी रायपुर (Raipur) के सीएमएचओ कार्यालय (CMHO Office) के सामने भी एनएचएम अधिकारी और कर्मचारी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।इस्तीफा देने के बाद भी कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) पर डटे हुए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
सरकार द्वारा नोटिस के बावजूद काम पर न लौटने पर 35 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई थी। इस फैसले ने आंदोलनरत कर्मचारियों के गुस्से को और बढ़ा दिया है।

प्रदेशभर के 33 जिलों में एनएचएम (NHM) कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। बलौदाबाजार (Balodabazar) जिले में 421 कर्मचारियों ने सीएमएचओ (CMHO) को इस्तीफा सौंपा।
कांकेर (Kanker) जिले में 655 कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया, वहीं बस्तर (Bastar) जिले में 887 कर्मचारियों ने अपनी सेवा छोड़कर शासन के खिलाफ मोर्चा और मजबूत कर दिया है।
खैरागढ़में भी जिले में लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कर्मियों ने गुरुवार को सामूहिक इस्तीफे का बड़ा ऐलान कर दिया। एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष श्याम मोहन दुबे सहित सभी 33 जिलों के जिलाध्यक्षों को बर्खास्त किए जाने के बाद आंदोलन और तेज हो गया।

आज दोपहर 2 बजे एनएचएम कर्मियों ने धरना स्थल से रैली निकालकर नारेबाजी करते हुए जय स्तंभ चौक से होते हुए सिविल अस्पताल खैरागढ़ का रुख किया। पुलिस पहले से ही कर्मचारियों को रोकने के लिए तैनात थी। अस्पताल के पीछे के गेट को पहले ही पुलिस ने बंद कर दिया था और वहां बल तैनात था। इसके बाद जब एनएचएम कर्मचारी सामने के गेट की ओर बढ़े तो पुलिस ने आकर उसे भी बंद कर दिया। हालांकि कुछ कर्मचारी अंदर घुसने में कामयाब हो गए थे, लेकिन पुलिस की समझाइश के बाद वे भी बाहर निकल आए।
क्या हैं कर्मचारियों की मांगें
एनएचएम कर्मचारियों की मुख्य मांग नियमितीकरण (Regularisation) की है। इसके अलावा वे वेतनमान और नौकरी की सुरक्षा से जुड़ी मांगों को लेकर भी आंदोलन कर रहे हैं। संगठन का आरोप है कि सरकार ने बातचीत की पहल नहीं की और उल्टा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया
लगातार हड़ताल और इस्तीफों के चलते स्वास्थ्य केंद्र (Health Centre) और उप स्वास्थ्य केंद्रों (Sub Health Centre) की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं।
एनएचएम कर्मियों का कहना है कि वे अपनी जायज मांगों को लेकर पिछले 18 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। जो वादे सरकार ने किए थे, हम केवल वही पूरे करने कह रहे हैं। लेकिन हमारी मांगें मानने के बजाय सरकार ने दमनकारी नीति अपनाते हुए प्रांताध्यक्ष और सभी जिलाध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया। इसी के विरोध में आज हमने सामूहिक इस्तीफा सौंपा है और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी, हड़ताल जारी रहेगी।





