MP Cabinet Decisions: सरकारी जमीन पर काबिज लाखों लोग बनेंगे मालिक
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कल रात संपन्न बैठक में अहम निर्णय लिए गए।
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सरकारी, नजूल और प्राधिकरणों की जमीन पर दिसंबर 2014 से दिसंबर 2020 के बीच काबिज लाखों भूमिहीन लोगों को राज्य सरकार उस जमीन का पट्टा देकर मालिकाना हक देगी। वहीं नगरीय निकायों के अधिनियमों में कारावास भेजने के प्रावधान खत्म कर केवल जुर्माने की व्यवस्था बहाल रखी जाएगी। इन प्रस्तावों को भी आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
प्रदेश के नगरीय निकायों में तीन पुराने अधिनियमों से सजा वाली धाराएं हटाई जाएंगी। इनकी जगह नए अधिनियम में अब केवल पैनाल्टी और जुर्माने के प्रावधान रहेंगे। प्रदेश में मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 195,धारा 290, 360 और 362 मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961धारा 208,288, 290 में और मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 में कई धाराए ं है इनमें किसी को भी आज तक सजा नहीं हुई इसलिए इसमें संशोधन किया जाएगा और कुछ उपबंधों को समाप्त भी किया जाएगा। ग्वालियर जिले में नई तहसील के गठन और ग्वालियर व्यापार मेला में आॅटोमोबाइल विक्रय पर मोटरयान कर में पचास प्रतिशत छूट के प्रस्ताव का अनुमोदन भी कैबिनेट ने कर दिया।
डीबी माल की जमीन और डबरा, पन्ना बस डिपो की जमीन बेचेगे-
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सहित कई जिलों में बेशकीमती जमीनें सर्वाधिक बोली लगाने वाले निविदाकर्ताओं को शतप्रतिशत राशि जमा करने के बाद दी जाएगी। राजस्व विभाग की डीबी मॉल के ठीक सामने सड़क के दूसरी ओर एक एकड़ से अधिक जमीन लंबे समय के बाद सरकार बेचने जा रही है। इसमें प्लाट 2 (प्लाट बी) और प्लाट तीन (प्लाट ए) शामिल है। इसके अलावा जलसंसाधन विभाग की वार्ड क्रमांक 12, चंबल कॉलोनी जिला श्योपुर स्थित भूमि, डबरा बस स्टैंड की जमीन का शेष भाग, परिवहहन विभाग की पन्ना बस डिपो स्थिति जमीन, राजस्व विभाग की ग्राम चांटी जिला जबलपुर की जमीन, राजस्व विभाग की ग्राम चाका कटनी स्थित सम्पत्ति भी बेचने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।
तीन लाख करोड़ से अधिक के बजट प्रस्ताव पर चर्चा-
कैबिनेट में आएगा तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक के बजट प्रस्ताव के मसौदे को भी मंजूरी दी जाएगी। इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा और चर्चा के बाद पारित किया जाएगा।