भोपाल: राजस्व विभाग ने राजस्व रिकार्ड में एंट्री शुद्धिकरण के मामले में शहरी क्षेत्र के खसरों में शून्य क्षेत्रफल का रिकार्ड सुधारने के काम को रोक दिया है। इस काम को इसलिए रोका गया है क्योंकि शहरी इलाकों में इसमें दिक्कत हो रही थी और समय अधिक लग रहा है। उधर विभाग ने तय किया है कि अभिलेख शुद्धिकरण का काम अब जिलों में 15 दिसम्बर तक हो सकेगा। राजस्व विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
एक नवम्बर से प्रदेश में राजस्व विभाग द्वारा अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़े की शुरुआत की गई थी जिसमें वेब जीआईएस में लोड होने और रिकार्ड अपडेशन का काम दिन में न हो पाने के चलते शुद्धिकरण का काम 30 नवम्बर तक के लिए बढ़ा दिया गया था। अभी भी प्रदेश भर में खसरे में लाखों प्रविष्टियां होना बाकी है। इसे देखते हुए सरकार ने इस अभिलेख शुद्धिकरण अभियान की अवधि 15 दिसम्बर तक बढ़ा दी है।
दूसरी ओर यह बात भी सामने आई है कि खसरे के कालम नम्बर दो और तीन में कुछ नहीं लिखा है जो शून्य क्षेत्रफल की कैटेगरी में आता है। इसे सुधार करने का काम भी शहरी और ग्रामीण इलाकों में किया जा रहा है। दो दिन पहले विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहरी क्षेत्र में पटवारियों को इससे राहत दी है कि शून्य क्षेत्रफल वाले कालम में शुद्धिकरण का काम नहीं करना है जबकि ग्रामीण क्षेत्र के पटवारियों के लिए इसे करने का सिलसिला जारी रखा गया है।
वेब जीआईएस की कमी सुधारें
इस मामले में मध्यप्रदेश पटवारी संघ के प्रांताध्यक्ष उपेंद्र सिंह का कहना है कि राजस्व अभिलेख शुद्धिकरण की तारीख बढ़ाने से पटवारियों के बाकी काम प्रभावित हो रहे हैं। इसका टाइम बढ़ाने की बजाय सरकार को वेब जीआईएस की कमियां सुधारना चाहिए जिसमें रात 12 बजे के बाद ही काम हो पा रहा है। ऐसे में पटवारी रात में सो नहीं पा रहे हैं। 600 करोड़ रुपए से अधिक के वेब जीआईएस की गड़बड़ी सुधर जाए तो काम तेजी से होंगे।