MP High Court : A fine of Rs 25 thousand imposed on the collector : कलेक्टर पर लगाया 25 हजार का जुर्माना
हाई कोर्ट ने कहा कि भरण-पोषण राशि निर्धारित करने का अधिकार कलेक्टर को है ही नहीं। यह अधिकार न्यायालय का है।
जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में शिक्षक के वेतन से 50 प्रतिशत की राशि काटकर उनकी पत्नी को भरण-पोषण बतौर दिलाने के कलेक्टर के आदेश को मनमाना और अवैधानिक करार दिया। इसके लिए हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने सिंगरौली जिले के तत्कालीन कलेक्टर के प्रति नाराजगी जताते हुए उन पर 25 हजार का जुर्माना तो लगाया ही है, साथ ही शिक्षक के वेतन से काटकर पत्नी को दिलाए गए वेतन की धनराशि आठ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाने का भी आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने कहा कि भरण-पोषण राशि निर्धारित करने का अधिकार कलेक्टर को है ही नहीं। यह अधिकार न्यायालय का है। याचिका सिंगरौली निवासी शिक्षक कालेश्वर साहू की ओर से दायर की गई थी। इसमें कहा गया कि उसकी पत्नी ने भरण-पोषण के लिए धारा-125 के तहत कुटुम्ब न्यायालय में आवेदन किया था। कुटुम्ब न्यायालय में मामले की सुनवाई लंबित है।
/सिंगरौली जिला कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई के दौरान उसकी पत्नी मुन्नी साहू उपस्थित हुई थीं। कलेक्टर ने याचिकाकर्ता के वेतन से 50 प्रतिशत की राशि काटकर पत्नी को भरण-पोषण के लिए प्रदान करने के आदेश अक्टूबर 2021 में जारी किए थे। कलेक्टर के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक अधिकारी ने 50 प्रतिशत वेतन कटौती के आदेश जारी कर दिए।
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