MP विधान सभा चुनाव: गति व मनस्थिति के मनोवैज्ञानिक खेल में लुकाछिपी का दौर
मध्य प्रदेश में चुनाव की तारीख आधिकारिक घोषणा नहीं हुई पर भाजपा जिस तेज और त्वरित गति से चुनावी तैयारियों और ताबड़तोड़ दौरों को अंजाम दे रही है, उससे दूसरी पार्टियों में हड़कंप मच गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश की कमान पूरी तरह अपने हाथ में लिए हुए हैं। हाल ही के दिनों में प्रदेश के उनके भी तीन दौरे हो चुके हैं। चुनाव से जुड़ा हर फैसला उनकी नजर से ही गुजरता है। उनको सहयोग देने के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, अश्वनी वैष्णव और नरेंद्र सिंह तोमर को लगाया गया है। इनके अलावा तीन और केंद्रीय नेताओं को भी मदद के लिए तैनात किया है, वे है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते। 2024 के आम चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है इसीलिए 27 जून से अब तक प्रदेश के 3 दौरे, दो बार भोपाल तथा एक बार शहडोल दौरा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी का प्रदेश का चौथा दौरा 12 अगस्त को सागर में होना है जहां वे संत शिरोमणि रविदास के मंदिर का भव्य शिलान्यास करेंगे। 30 जुलाई को इंदौर में भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को आयोजित कर गृह मंत्री अमित शाह ने जमीनी स्तर पर चुनावी शंखनाद कर दिया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मंच पर बैठने वाले चुनाव नहीं जिताते हैं, जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ता ही हमारी असली ताकत हैं। इंदौर के पास भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव मंदिर में पूजा अनुष्ठान करके प्रदेश के ब्राह्मण वर्ग को स्पष्ट संदेश दे दिया है।
उधर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी में कसावट लाने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा करके सब के तार कस दिए। चुनाव प्रबंधन व अन्य समितियों का गठन भाजपा पहले ही कर चुकी है। कैलाश विजयवर्गीय को चौथी बार पार्टी का राष्ट्रीय टीम में रखकर एक बार फिर मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर होने का राजनीतिक संदेश दे दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में मध्य प्रदेश का 4 बार विशेष उल्लेख कर मध्य प्रदेश के महत्व को एक बार फिर रेखांकित किया है। भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव और नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल दिल्ली के बीच फ्रीक्वेंट फ्लायर बन चुके हैं। भाजपा संगठन और संघ के पदाधिकारी भी प्रदेश के हर गतिविधि पर पैनी निगाह रखे हुए हैं। शिवराज चौहान और वीडी शर्मा की जोड़ी भी कंधे से कंधा मिलाकर जुटी हुई है। दलितों को साधने के लिए प्रदेश के 5 क्षेत्रों से समरसता यात्रा शुरू हो चुकी है जो 12 अगस्त को सागर के बड़तुमा में संत रविदास के भव्य मंदिर के शिलान्यास के साथ संपन्न होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रदेश सरकार की विकास योजनाओं के बारे मे जन जन को बताने के लिए 30 दिवसीय विकास पर्व का आयोजन भी जारी है जो 14 अगस्त तक चलेगा। शीघ्र ही 5 संकल्प यात्राओं की भी घोषणा होने वाली है। कुल मिलाकर भाजपा पूरी शिद्दत से चुनाव में कूद चुकी है जबकि कांग्रेस अभी पानी में कूदे बगैर के बाहर से ही जायजा ले रही है।
प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल ने सारा दारोमदार कमलनाथ पर छोड़ रखा है। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व भी अभी निश्चिंत बैठा दिख रहा है। रविवार 30 जुलाई को कन्हैया कुमार और दिग्विजय सिंह के साथ मिलकर कमलनाथ ने इंदौर में आदिवासी युवा महापंचायत का आयोजन किया था जिसमें बताया गया था कि कांग्रेस में आदिवासियों के लिए क्या-क्या किया। इसी यात्रा के दौरान कमलनाथ ने इंदौर में आयोजित महारुद्राभिषेक में शामिल होकर अपनी हिंदू समर्थक छवि को मजबूत करने का भी प्रयास किया। मां नर्मदा के कंधे पर कांग्रेस की नैया पार लगाने की कोशिश में कमलनाथ ने नर्मदा सेवा सेना बनाने का भी पिछले दिनों ऐलान किया था। कांग्रेस ने 1 अगस्त को चुनाव प्रचार व चुनाव प्रबंधन समिति की घोषणा की ही जबकि भाजपा इसकी घोषणा काफी पहले कर चुकी है। पार्टी की गतिविधियों में तेजी न होने से जमीनी कार्यकर्ताओं में भी ठंडापन देखा जा सकता है।
विपक्ष के दौरे हो रहे लगातार स्थगित
कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे का 13 अगस्त को सागर आने का कार्यक्रम था पर किन्हीं कारणों से स्थगित हो गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का भी 8 अगस्त को शहडोल आने का कार्यक्रम था वह भी निरस्त हो गया है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का 5 और 6 अगस्त को छतरपुर की खजुराहो मैं कार्यकर्ता सम्मेलन व प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने आना था, पर वह दौरा भी स्थगित हो गया है। विपक्ष के नेताओं के दौरों का लगातार टलना भी कार्यकर्ताओं का मनोबल ठंडा कर रहा है।
सही समय पर खुलासा करेंगे:कांग्रेस
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह का कहना है कि भाजपा क्या कर रही है इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है, हमारी अपनी रणनीति है जिसका हम सही समय पर खुलासा करेंगे। कमलनाथ के नेतृत्व में हम जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। चाचौड़ा के कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह कहते हैं कि आखिर भाजपा को 20 साल बाद संत रविदास की याद इसलिए आई क्योंकि वह कांग्रेस से डरी हुई है। कांग्रेस ने आम जनता के लिए हमेशा काम किया है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि इस बार कांग्रेस को पहले से ज्यादा समर्थन मिलेगा और हम सरकार भी बनाएंगे।
मध्यप्रदेश में चुनाव पूर्व गतिविधिय़ों को आधार माना जाए तो अभी भाजपा का पलड़ा भारी दिखता है। कांग्रेस की गति व मनस्थिति दोनों में तेजी लाने पर ही मामला बराबर का हो सकेगा।