भोपाल: प्रदेश के 16 नगर निगम के लिए आरक्षण का कार्यक्रम नहीं बदलेगा। नगरीय विकास और आवास विभाग के अफसरों ने साफ किया है कि इसके लिए राज्य शासन द्वारा दिसम्बर 2020 में जारी की गई आरक्षण की अधिसूचना ही प्रभावी रहेगी। वहीं दूसरी ओर नगरपालिका और नगर परिषद अध्यक्ष के पदों के लिए आरक्षण की कार्यवाही नए सिरे से होगी। इसके लिए जल्द ही आरक्षण कार्यक्रम जारी किया जाएगा। यह आरक्षण 31 मई को संभावित है।
नगरीय विकास और आवास विभाग के अफसरों के मुताबिक पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने नगरीय निकायों में ओबीसी वोटर्स की जो सूची जारी की है, उसमें 16 नगर निगमों में बदलाव को लेकर कोई अनुशंसा नहीं की है। इसलिए इन नगर निगमों के आरक्षण की जो व्यवस्था दिसम्बर 2020 के नोटिफिकेशन में तय हुई थी वही प्रभावी रहेगी। इसके विपरीत प्रदेश की सभी नगरपालिकाओं और नगर परिषदों में ओबीसी वोटर्स की संख्या में कमी और अधिकता की रिपोर्ट आयोग ने दी है और इसमें बदलाव की अनुशंसा की है। इसलिए नगर पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष के पदों के लिए ओबीसी की आबादी के आधार पर आरक्षण होगा।
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नगर निगमों में आरक्षण की यह रहेगी स्थिति
10 दिसम्बर 2020 को जो नगर निगम ओबीसी के लिए आरक्षित किए गए हैं उनमें महिला ओबीसी के लिए भोपाल और खंडवा नगर निगम के नाम शामिल हैं। इसके अलावा सतना, रतलाम नगर निगम ओबीसी पुरुष को आरक्षित हैं। इसके साथ ही मुरैना एससी महिला, उज्जैन एससी वर्ग तथा छिंदवाड़ा एसटी वर्ग के लिए आरक्षित रहेगा। शेष बचे नगर निगम रीवा, जबलपुर, सिंगरौली, इंदौर अनारक्षित होंगे तथा बुरहानपुर, सागर, कटनी, ग्वालियर व देवास महिला वर्ग के लिए आरक्षित होगा।