

MP Mayor Conference : मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नगरीय निकायों की आत्मनिर्भरता पर जोर दिया, इंदौर नगर निगम की सराहना!
Indore : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश के महापौरों के सम्मेलन में वर्चुअल मौजूदगी दर्ज कराते हर नगरीय निकायों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। इसलिए कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। वे यहां ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में अखिल भारतीय महापौर परिषद की राज्य इकाई की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने में शहरी निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमें खुशी होगी जब नगरीय निकाय अपने संसाधनों पर आत्मनिर्भर बनेंगे और अपनी व्यवस्थाओं को खुद संभालेंगे। उन्होंने नगरीय निकायों को आय के नए स्रोत खोजने पर जोर देते हुए कहा कि इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी और सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर होगा। डॉ यादव ने इंदौर नगर निगम (आईएमसी) द्वारा 244 करोड़ रुपये का हरित बॉन्ड जारी कर सौर ऊर्जा संयंत्र निर्माण के लिए राशि जुटाने की सराहना की और अन्य निकायों को इसे एक मॉडल के रूप में अपनाने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि लोकसभा और विधानसभा परिसीमन से नगरीय निकायों पर असर पड़ेगा और सीटों की संख्या बढ़ सकती है।
प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने महापौरों से साहसिक कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि महापौरों को आय-व्यय का पारदर्शी विवरण जनता के सामने रखना चाहिए और उचित कर प्रणाली से राजस्व वृद्धि सुनिश्चित करनी चाहिए। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव,जो परिषद की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी हैं,ने बताया कि बैठक में 16 नगरीय निकायों के 13 महापौरों ने भाग लिया। बैठक में निकायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकार बढ़ाने और राज्य सरकार से बेहतर समन्वय के मुद्दों पर चर्चा हुई।
नगरीय निकायों की आत्मनिर्भरता जरूरी कदम
देश में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है और इसी के साथ नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिकाएं) की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती जा रही है। इन निकायों की आत्मनिर्भरता केवल उनके विकास के लिए नहीं, बल्कि नागरिकों की सुविधाओं को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में इस विषय पर जोर देते हुए कहा कि नगरीय निकायों को अपने राजस्व स्रोत बढ़ाने चाहिए, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी रूप से निभा सकें। जब ये निकाय आत्मनिर्भर होंगे, तो सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं बेहतर तरीके से लागू हो सकेंगी।
हरित बॉन्ड से नई पहल
इंदौर नगर निगम ने 244 करोड़ रुपये का हरित बॉन्ड जारी कर सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए फंड जुटाया, जो एक सराहनीय कदम है। यह अन्य शहरों के लिए एक मिसाल बन सकता है कि किस तरह वे अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
महापौरों को पारदर्शिता और राजस्व बढ़ाने के लिए उचित कर प्रणाली लागू करने की जरूरत है। साथ ही,जनता को जागरूक करना और नगरीय सेवाओं में भागीदारी सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है। अगर नगरीय निकाय आत्मनिर्भर बनते हैं,तो न केवल शहरी जीवन में सुधार होगा,बल्कि सरकार पर वित्तीय दबाव भी कम होगा। इसके लिए नई नीतियां, नवाचार और जनभागीदारी जरूरी है। इंदौर मॉडल को अपनाकर अन्य शहर भी अपने संसाधनों को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं।