MP News: 25 हजार का पुलिस बल प्रभारी के भरोसे

मॉनिटरिंग और फोर्स को मूव करवाने वाले सात अफसरों के पद हैं खाली

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भोपाल: प्रदेश पुलिस का लगभग 25 हजार का बल पिछले एक महीने से प्रभारी अफसर के भरोसे हैं। जबकि यहां पर सात अफसरों की नियुक्ति होना चाहिए थी। इनकी जगह पर महज एक अफसर बतौर प्रभारी पुलिस के इतने बड़े बल को चला रहे हैं। मध्य प्रदेश में इस बल की कानून व्यवस्था और शांति भंग की स्थिति में नियंत्रण करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसे प्रदेश पुलिस के सबसे अहम बल माना जाता है। इसके बाद भी यह विंग अफसर विहीन हो गई है। पुलिस मुख्यालय के कई अफसर मानते हैं कि उनकी नौकरी में पहली बार ऐसा हुआ है कि इतनी महत्वपूर्ण विंग अफसर विहीन है।

प्रदेश पुलिस का विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) इन दिनों अफसर विहीन हो चुका हैं। इस विंग की कमान एडीजी रैंक के अफसर के पास होती है। एडीजी का एक पद यहां पर स्वीकृत है। यहां पर स्पेशल डीजी मिलिंद कानस्कर पदस्थ थे। कानस्कर 31 अगस्त को रिटायर हो चुके हैं। उनके रिटायर होने के बाद से यह पद खाली पड़ा हुआ है।

आईजी भी नहीं
यहां पर आईजी के 6 पद स्वीकृत हैं, लेकिन प्रदेश में आईजी रैंक के अफसरों की कमी के चलते यहां पर लंबे अरसे से आईजी रैंक के अफसर पदस्थ नहीं हैं। एसएएफ में आईजी सेंट्रल रेंज जोन भोपाल, ईस्टन रेंज जबलपुर, नॉर्थन रेंज ग्वालियर और इंदौर एसएएफ के पद लंबे अरसे से खाली पड़े हुए हैं। दो आईजी भोपाल स्थिति मुख्यालय के लिए रहते थे। इस तरह आईजी रैंक के अफसरों के 6 पद यहां पर स्वीकृत हैं।

अब प्रभारी आईजी से चलाया जा रहा काम
मिलिंद कानस्कर के रिटायर होने के बाद इतने बड़े बल का काम देखने के लिए भोपाल ग्रामीण रेंज के आईजी इरशाद वली को आईजी का प्रभार दिया गया है, वे एडीजी तक का काम यहां पर देख रहे हैं। उनके पास आईजी दूरसंचार का भी प्रभार है।

कितना है बल एसएएफ में
एसएएफ की प्रदेश में कुल 23 बटालियन हैं। इसमें कुल स्वीकृत बल 24 हजार 754 का है। जबकि फिलहाल इसमें 24 हजार 700 का बल मौजूद है। जिसमें 19 हजार 221 का बल मौजूद है। इसमें सबसे ज्यादा संख्या आरक्षकों की हैं यहां पर 13 हजार से ज्यादा आरक्षक पदस्थ हैं। जबकि 3500 के करीब प्रधान आरक्षक पदस्थ हैं।