जबलपुर। मध्यप्रदेश में बढ़ते डीजल-पेट्रोल के दामों और कमर तोड़ती महंगाई के बीच प्रदेश की जनता को बिजली का भी जोरदार झटका लगा है. विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) ने मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नई बिजली दरों (New Electricity Rate) का एलान कर दिया है.
विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) ने आदेश जारी करते हुए मध्यप्रदेश में बिजली की दर 2.64 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया है. हालांकि, बिजली कंपनियों ने मध्यप्रदेश में बिजली की दर 8.71% बढ़ाने की मांग की थी.
8 अप्रैल से लागू होंगी नई दरें
मध्य प्रदेश में नई विद्युत दरों के मुताबिक प्रति यूनिट बिजली 8 पैसे से लेकर 12 पैसे तक महंगी हो जाएगी. वही फिक्स चार्ज भी 5 से लेकर 12 रुपए तक महंगा कर दिया गया है. ये दरें प्रदेश में 8 अप्रैल से लागू होंगी. नई बिजली दरों का असर सबसे ज्यादा मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ेगा. जिनकी बिजली खपत 50 यूनिट से लेकर 300 यूनिट तक की रहती है.
ये होंगी नई दरें
50 यूनिट तक- 4.13 से बढ़कर 4.21
51-150 यूनिट- 5.5 से बढ़कर 5.17
151-300 यूनिट- 6.45 से बढ़कर 6.74
300 यूनिट से अधिक- 6.65 से बढ़कर 6.74
8.71% की बढ़ोतरी की हुई थी मांग
बिजली कंपनियों की ओर से विद्युत नियामक आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई याचिकाओं में करीब 3916 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया था. इसकी भरपाई के लिए 8.71% की बढ़ोतरी की मांग की थी, लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने केवल 1181 करोड रुपए का घाट ही मंजूर किया है. आयोग के द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक करीब 71 आपत्तियों का निराकरण किया गया है और उसके बाद बिजली दरों की बढ़ोतरी पर फैसला लिया है.
फैसले को दी जाएगी चुनौती
आपत्तिकर्ता डॉक्टर राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों को बढ़ाकर आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है, जिसका तमाम आपत्तिकर्ता विरोध करते हैं. इसके साथ ही विद्युत नियामक आयोग के द्वारा जारी किए गए आदेश से साफ होता है कि उन्होंने सभी आपत्तियों का निराकरण नहीं किया है. इसे आने वाले समय में समय में चुनौती दी जाएगी.