MP News: एक्शन के डर से,परफार्मेंस रिपोर्ट सुधारने अलर्ट मोड पर कलेक्टर- SP

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|CM Shivraj

भोपाल: कलेक्टर, कमिश्नर और आईजी-एसपी के कामकाज की समीक्षा के लिए बुलाई गई कलेक्टर कांफ्रेंस की नई तारीख भले ही अभी घोषित नहीं हुई है लेकिन कोरोना की रफ्तार कम होने के बाद अब कलेक्टरों- पुलिस अधीक्षकों के परफार्मेंस पर एक साल पुरानी स्टाइल में सीएम शिवराज सिंह चौहान एक्शन ले सकते हैं। सीएम के फोकस और एक्शन की स्थिति को देखते हुए अधिकारी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। इसीलिए कई जिलों में कलेक्टरों ने 21 फरवरी को प्रस्तावित बैठक के लिए भेजे गए एजेंडे पर काम तेज कर दिया है वहीं पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन की रिपोर्ट में भी एक्शन ले रहे हैं ताकि शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में शासन की प्राथमिकताओं में जिले की ग्रेडिंग अच्छी करा सकें।

मंत्रालय के अफसरों के मुताबिक कोरोना की रफ्तार कम होने के बाद अब सरकार लापरवाह अफसरों पर एक्शन के लिए एक साल पुराने मोड पर जा सकती है। इसे देखते हुए सीनियर अफसरों ने भी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को ताकीद किया है कि वे फील्ड में हर गतिविधि को लेकर चौकस रहें। सीएम की व्यस्तता के चलते कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस की बैठक भले ही स्थगित हो गई है लेकिन यह भी तय है कि इस माह बैठक होगी और जिलों की ग्रेडिंग के आधार पर परफार्मेंस पर चर्चा होगी। इसी को देखते हुए पिछले दो दिनों में रीवा, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, पन्ना समेत कई अन्य जिलों के कलेक्टरों ने एजेंडे पर अधिकारियों से संवाद किया है और 15 फरवरी के पहले इसको लेकर बाकी जिलों में भी शासन की प्राथमिकता के आधार पर मानीटरिंग का दौर तेज होगा।

इन बिन्दुओं पर प्लानिंग और रिपोर्टिंंग
कलेक्टरों ने जिन मसलों पर प्लानिंग और रिपोटिंग में ज्यादा फोकस किया है, उसमे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, कृषि के विविधीकरण की रणनीति शामिल है। केंद्र सरकार की योजना के चलते सीएम चौहान मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दे रहे हैं और प्राकृतिक खेती के प्रति लोगों को आकर्षित करने के लिए मंत्रियों को भी अपने खेतों में इस तरह की खेती कराने के सुझाव दे चुके हैं। इसलिए कलेक्टर जिलों में इसके मापदंडों पर एक्शन में जुट गए हैं। इसके साथ की कानून व्यवस्था की समीक्षा, माफिया के विरुद्ध कार्यवाही, महिला अपराध नियंत्रण की स्थिति, मनरेगा के काम की समीक्षा, वन भूमि और राजस्व भूमि संबंधी विवाद, पीएमजीएसवाई अंतर्गत सड़क निर्माण, एक जिला एक उत्पाद की समीक्षा कर शासन को रिपोर्ट भेजने की तैयारी में जुट गए हैं। जिलों में होने वाले नवाचारों के बारे में भी कई जिलों में शासन को रिपोर्ट भेजने की तैयारी है।