इंदौर। इंदौर-देवास में पार्षद पद के दो दावेदारों को हाईकोर्ट ने निचली कोर्ट का रास्ता दिखाते हुए उनकी याचिकाएं खारिज कर दी है।
इंदौर के वार्ड क्रमांक 65 से पार्षद पद कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल कोडवानी ने नाम में अंतर आने पर अपने नामांकन फार्म को चुनाव अधिकारी द्वारा निरस्त करने पर याचिका लगाई थी और पूर्व में इसी नाम से चुनाव लड़ने का हवाला दिया था। वहीं देवास के भौंरासा से वार्ड क्रमांक 11 की प्रत्याशी माला यादव का भी फार्म सक्षम अधिकारी के जाति प्रमाणपत्र नहीं होने से खारिज हो गया था।
दोनों मामलों में हाईकोर्ट में जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने यह कहते हुए दोनों की याचिकाएं खारिज कर दी कि इस तरह के मामलों में राहत के लिए वे जिला कोर्ट में चुनाव याचिका लगा सकते है, हाईकोर्ट रिट पीटिशन में इन्हें नहीं सुन सकता है। चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट कमल ऐरन ने पैरवी की।
बहरहाल हाईकोर्ट के इस रूख से प्रत्याशियों के अरमानों पर फौरी तौर पर पानी फिर गया है, अब उन्हें दावेदारी के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ना पड़ेंगी।