MP News: जेट बेचने टैक्सट्रान ने रखी शर्त तो सरकार ने प्रस्ताव किया नामंजूर

हेलीकॉप्टर बेल को खरीदने दो कंपनियों  ने दिखाई रुचि

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आदिवासियों को साधने के लिए सरकार

भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार को जेट विमान बेचने के लिए दिए गए सशर्त आॅफर को राज्य के विमानन विभाग ने नामंजूर कर दिया है। अब जेट खरीदने के लिए फिर से नये सिरे से ग्लोबल प्रस्ताव आमंत्रित किए गए है। वहीं अनुराधा पोडवाल को ले जाते समय क्षतिग्रस्त हुए सरकारी हेलीकॉप्टर बेल 430 को खरीदने में दो कंपनियों ने रुचि दिखाई है।

राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री और विशिष्ट अतिथियों के उपयोग के लिए मध्यप्रदेश के विमानन बेड़े में जेट विमान खरीदने के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए थे।

राज्य सरकार ने प्रदेश के विमानन बेड़े के लिए डेढ़ सौ रुपए की लागत से  आठ सीटर  जेट विमान  लेने के लिए निजी कंपनियों से प्रस्ताव बुलाए थे।लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपए की लागत से यह जेट विमान खरीदा जाना है।केवल एक कंपनी टैक्सट्रान ने राज्य सरकार को जेट विमान बेचने में रुचि दिखाई थी।  कंपनी की तकनीकी बिड में कंपनी शर्ते पूरी कर रही थी। लेकिन कंपनी ने अपने प्रस्ताव में एक शर्त रख दी थी। जिसके कारण यह आॅफर निरस्त कर दिया गया। कंपनी का कहना था कि जेट विमान तो कंपनी देगी लेकिन इसके लिए इंजीनियर्स और पॉयलट को प्रशिक्षण के लिए अलग से सरकार टेंडर जारी करे और उसके खर्चे अलग से रहेंगे। विमानन विभाग ने इस शर्त के कारण प्रस्ताव निरस्त कर दिया है। अब फिर नये सिरे से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए है। दस जून को जारी इस टेंडर में शामिल होंने के लिए 21 दिन का समय दिया गया है।

हेलीकॉप्टर खरीदने भोपाल की कंपनी ने दिया 2.57 करोड़ का ऑफर
वर्ष्ज्ञ 2003 में अनुराधा पोडवाल को भोपाल से इंदौर ले जाते समय क्षतिग्रस्त हुआ राज्य सरकार का हेलीकॉप्टर बेल 430 क्षतिग्रस्त हो गया था। तब से यह हेलीकॉप्टर स्टेट हेंगर पर खड़ा हुआ है। राज्य सरकार ने इसे बेचने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। भोपाल की कबाड़ीवाला फर्म ने 2 करोड़ 57 लाख रुपए में इसे खरीदने में रुचि दिखाई है। जबकि मुुंबई की एयरवेज चार्टर ने 2 करोड़ 26 लाख रुपए का प्रस्ताव दिया है।  इसमें से बेस्ट प्रस्ताव को कै बिनेट में रखा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार इस हेलीकॉप्टर की बिक्री करेगी। यदि कबाड़ीवाला ने प्रस्ताव के अनुसार खरीदी नहीं की तो उनकी ईएमडी राजसात कर ली जाएगी और फिर दूसरी कंपनी को मौका दिया जाएगा। इस हेलीकॉप्टर के कलपुर्जे नहीं मिल रहे है। इसलिए राज्य सरकार इसे बेचना चाहती है। राज्य सरकार इसे बेचने के लिए अब तक सात बार टेंडर जारी कर चुकी है। इसकी आॅफसेट कीमत 2 करोड़ 24 लाख रुपए रखी गई थी। वर्ष 1998 में राज्य सरकार ने इसे 33 करोड़ रुपए में खरीदा था। अब यह कबाड़ हो चुका है।